New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

‘Gaia’ अंतरिक्ष मिशन

(प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव, अंतरिक्ष)

संदर्भ

27 मार्च, 2025 को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने ‘Gaia’ नामक अंतरिक्ष वेधशाला मिशन बंद करने की घोषणा की है। 

Gaia मिशन के बारे में 

  • परिचय : यह अंतरिक्ष यान आकाशगंगा के सबसे सटीक एवं त्रि-आयामी (3D) मानचित्रण पर केंद्रित था। 
  • नाम परिवर्तन : इस मिशन का नाम ग्लोबल एस्ट्रोमेट्रिक इंटरफेरोमीटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (GAIA) था। हालाँकि, बाद में इसे ‘Gaia’ कहा जाने लगा।

GAIA

  • लॉन्च तिथि : 19 दिसंबर, 2013
  • उद्देश्य : इसे तारों एवं अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति व गति के सटीक माप के माध्यम से ब्रह्मांड का मानचित्रण करने के लिए डिजाइन किया गया था।  
  • कक्षीय स्थिति : लैग्रेंज बिंदु 2 (L2)
  • शामिल उपकरण : यह अंतरिक्ष यान कैमरा एवं तीन प्रमुख उपकरण ‘एस्ट्रोमीटर’, ‘फोटोमीटर’ एवं ‘स्पेक्ट्रोमीटर’ से सुसज्जित हैं जो तारों व अन्य वस्तुओं की स्थिति तथा गति की व्याख्या करने में मदद करते हैं।

मिशन की उपलब्धियाँ 

मिशन ने लगभग दो अरब तारों और अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति, दूरी, गति व गुणों का सटीक मानचित्रण करके ब्रह्मांड के बारे में एक बेहतर समझ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जोकि निम्नलिखित है- 

  • आकाशगंगा का मानचित्रण : इस मिशन ने आकाशगंगा का अब तक का सबसे बड़ा एवं सबसे सटीक बहुआयामी मानचित्र प्रदान किया है जो इसकी संरचना व विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। 
  • इसके किनारे से देखने पर आकाशगंगा एक डिस्क के रूप में दिखाई देती है जिसके केंद्र में एक उभार हैऐसा संभवतः किसी छोटी उपग्रह आकाशगंगा से टकराव के कारण हुआ है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार इन टकरावों से उत्पन्न तरंगें अभी भी मौजूद हैं और संभवतः इनके परिणामस्वरूप दक्षिणी ध्रुव सहित कई तारों का निर्माण हुआ है।
  • नए प्रकार के ब्लैक होल की खोज : आकाश का मानचित्रण करते समय इस अंतरिक्ष वेधशाला ने एक नए प्रकार के ब्लैक होल की भी खोज की है जिसमें पृथ्वी के निकट स्थित एक ब्लैक होल भी शामिल है।
  • इससे पहले ब्लैक होल की खोज उससे गुजरने वाले पदार्थों से निकलने वाले प्रकाश के आधार पर की जाती थी। 
  • ई.एस.ए. के अनुसार, इस मिशन द्वारा खोजे गए ब्लैक होल वास्तव में काले हैं और केवल उनके गुरुत्वाकर्षण प्रभावों से ही उनका पता लगाया जा सकता है। 
  • क्षुदग्रहों की पहचान : इस मिशन ने 1,50,000 से अधिक क्षुद्रग्रहों एवं उनकी कक्षाओं का अनुमान लगाया है। इसमें ऐसे भी क्षुदग्रह शामिल हैं जो भविष्य में पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं।
  • स्टारक्वेक (Starquakes) की पहचान : इसने 100,000 से अधिक ‘स्टारक्वेक’ की भी खोज की थी। यह तारों की सतह पर होने वाली भूकंपीय हलचलों के समान है जिसकी तुलना सुनामी या तारों की सतह पर बड़े पैमाने पर कंपन से की जा सकती है जो उनके आकार को बदल सकते हैं। ऐसे स्टारक्वेक उन सितारों की सतह पर भी पाए गए, जिनमें मौजूदा खगोलीय सिद्धांतों के अनुसार इतने बड़े पैमाने पर कंपन नहीं होने चाहिए।

निष्कर्ष 

वैज्ञानिकों के अनुसार इस मिशन ने आकाशगंगाओं के विलय के साक्ष्यों, नए तारा समूहों की पहचान, ग्रहों व ब्लैक होल की खोज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही, इसने लाखों क्वासरों एवं आकाशगंगाओं का मानचित्रण किया और लाखों क्षुद्रग्रहों व धूमकेतुओं का पता लगाया है। 

इसे भी जानिए!

  • खगोलमिति (Astrometry): यह तारों एवं अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति तथा गति के सटीक माप के माध्यम से ब्रह्मांड का मानचित्रण करने का विज्ञान है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X