(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) |
संदर्भ
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग बढ़ने के साथ-साथ इसके कानूनी एवं नैतिक पहलुओं पर भी बहस तेज़ हो गई है। अमेरिका में इस विषय पर दो महत्वपूर्ण मुकदमों ने एक अहम सवाल उठाया है कि क्या जनरेटिव AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए चोरी की गई क्रिएटिव सामग्री का उपयोग किया जा रहा है?
जनरेटिव AI और इसके कार्यक्षेत्र
- जनरेटिव AI मॉडल (जैसे- ChatGPT एवं Gemini) बड़ी मात्रा में डाटा से पैटर्न की पहचान करते हैं और इस पर आधारित नई सामग्री उत्पन्न करते हैं, जैसे- टेक्स्ट, चित्र, वीडियो आदि।
- यह प्रशिक्षण डाटा पुस्तकों, लेखों, छवियों, गानों व अन्य सामग्रियों से आता है जो इंटरनेट पर उपलब्ध होते हैं।
- इस डाटा का इस्तेमाल क्या ‘उचित उपयोग’ के अंतर्गत आता है या इसे चोरी के रूप में देखा जाना चाहिए, यही वर्तमान विवाद का मुख्य बिंदु है।
अमेरिका में कॉपीराइट विवाद
अमेरिका में इस मुद्दे पर कम-से-कम 21 मुकदमे चल रहे हैं। ये मुकदमे मुख्यत: लेखकों, संगीत लेबलों एवं समाचार एजेंसियों द्वारा दायर किए गए हैं, जिन्होंने आरोप लगाया है कि AI कंपनियों ने उनके कॉपीराइट किए गए काम का उपयोग उनके बिना अनुमति के किया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह एक प्रकार की चोरी है।
प्रमुख अदालती मामले
मामला 1: लेखक बनाम एंथ्रोपिक
- अगस्त 2024 : पत्रकार-लेखक (एंड्रिया बार्टज़, चार्ल्स ग्रेबर, किर्क जॉनसन) ने सामूहिक मुकदमा दायर किया।
- आरोप : एंथ्रोपिक ने पायरेटेड Books3 लाइब्रेरी (लगभग 70 लाख पुस्तकें) का उपयोग किया, बिना मुआवजा।
- प्रभाव : लेखकों की आजीविका पर खतरा, क्योंकि AI सस्ते में समान पाठ बना सकता है।
- एंथ्रोपिक का दावा : वैध पुस्तकें खरीदीं, डिजिटल ‘शोध लाइब्रेरी’ बनाई।
- फैसला (23 जून 2025) : एंथ्रोपिक के पक्ष में फैसला सुनाया, यह कहते हुए कि यह ‘उचित उपयोग’ था और AI का उपयोग ‘परिवर्तनकारी’ कार्य के रूप में किया जा रहा था।
मामला 2: लेखक बनाम मेटा
- याचिकाकर्ता: सारा सिल्वरमैन, ता-नेहिसी कोट्स सहित 13 लेखक।
- आरोप: मेटा के लामा LLM ने Books3, एना आर्काइव, लिबजेन से कॉपीराइट सामग्री की नकल की।
- मेटा का दावा: मेटा ने तर्क दिया कि उसने अपने मॉडल को "पोस्ट-ट्रेन" किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह किसी भी कॉपीराइटेड सामग्री का पुन: उत्पादन नहीं करता।
- फैसला (25 जून 2025): मेटा के पक्ष में, याचिकाकर्ता बाजार नुकसान साबित करने में असफल।
- टिप्पणी: AI आत्मकथाओं का बाजार प्रभावित कर सकता है, लेकिन अभी नहीं।
- सुझाव: तकनीकी कंपनियों को कॉपीराइट धारकों को मुआवजा देना चाहिए।
फैसलों का महत्व:
- ये दोनों फैसले एंथ्रोपिक और मेटा के लिए जीत के रूप में सामने आए, लेकिन इन फैसलों ने कई सवाल खड़े किए हैं।
- कोर्ट ने यह माना कि AI एक क्रांतिकारी तकनीक है, लेकिन यह भी कहा कि तकनीकी कंपनियों को उन रचनाकारों को मुआवजा देना चाहिए जिनकी सामग्री का उपयोग उनकी तकनीक में किया जाता है।
भारत में प्रभाव
- 2024 केस: ANI और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) द इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स, NDTV ने ओपनएआई पर मुकदमा दायर किया।
- आरोप: भारतीय कॉपीराइट सामग्री का अवैध उपयोग।
- भारतीय कॉपीराइट अधिनियम, 1957: AI प्रशिक्षण को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करता।
- भविष्य: कॉपीराइट कानूनों को अपडेट करने और रचनाकारों के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता।
निष्कर्ष
यह सवाल कि क्या AI द्वारा इस्तेमाल किए गए डाटा को चोरी की श्रेणी में रखा जाए, अभी पूरी तरह से हल नहीं हुआ है। हालांकि, दोनों निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि एआई कंपनियों को अपनी तकनीक के उपयोग में अधिक पारदर्शिता और मुआवजा प्रणाली पर विचार करना होगा।