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ग्लोबल एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट, 2025

(प्रारंभिक परीक्षा : रिपोर्ट एवं सूचकांक)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि)

संदर्भ 

5 जून, 2025 को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ग्लोबल एनर्जी इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट, 2025 प्रकाशित की है जो वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में निवेश प्रवृत्तियों, प्राथमिकताओं एवं चुनौतियों का एक व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु  

  • वर्ष 2025 में जारी यह रिपोर्ट का 10वां संस्करण है। यह रिपोर्ट वर्ष 2024 के निवेश परिदृश्य का पूर्ण अपडेट और 2025 के लिए प्रारंभिक अनुमान प्रदान करती है। 
  • यह ऊर्जा क्षेत्र में पूंजी प्रवाह को ट्रैक करने के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है और ईंधन, बिजली आपूर्ति, महत्वपूर्ण खनिज, दक्षता, अनुसंधान व विकास तथा ऊर्जा वित्त के सभी क्षेत्रों में जोखिमों एवं अवसरों का मूल्यांकन करती है। 
  • रिपोर्ट में हाल की नीति और व्यापक आर्थिक विकास के संदर्भ में वर्तमान निवेश परिदृश्य के कई प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है तथा ऊर्जा सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया है। 

प्रमुख निष्कर्ष

कुल निवेश में वृद्धि

  • वर्ष 2025 में वैश्विक ऊर्जा निवेश रिकॉर्ड 3.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है जो आर्थिक अनिश्चितता एवं भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद महत्वपूर्ण वृद्धि है।
  • इसमें से 2.2 ट्रिलियन डॉलर स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों (नवीकरणीय, परमाणु, ग्रिड, भंडारण, निम्न-उत्सर्जन ईंधन, दक्षता एवं विद्युतीकरण) में निवेश किया जाएगा, जो जीवाश्म ईंधन में निवेश (1.1 ट्रिलियन डॉलर) से दोगुना है।

स्वच्छ ऊर्जा का प्रभुत्व

  • सौर ऊर्जा सबसे बड़ा निवेश आकर्षित करने वाला क्षेत्र है जिसके लिए वर्ष 2025 में 450 बिलियन डॉलर का निवेश अनुमानित है। 
  • बैटरी भंडारण में निवेश वर्ष 2025 में 66 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है जो नवीकरणीय ऊर्जा की रुक-रुक कर होने वाली प्रकृति को संतुलित करने में महत्वपूर्ण है।
  • परमाणु ऊर्जा में निवेश विगत पांच वर्षों में 50% बढ़ा है जो वर्ष 2025 में 75 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।

जीवाश्म ईंधन में निवेश

  • तेल, प्राकृतिक गैस एवं कोयले में निवेश वर्ष 2025 में 1.1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा किंतु अपस्ट्रीम तेल निवेश में वर्ष 2020 के बाद पहली बार 6% की गिरावट की उम्मीद है, जो तेल कीमतों एवं मांग में कमी की उम्मीदों से प्रेरित है।
  • बिजली की बढ़ती मांग के कारण विशेष रूप से चीन एवं भारत में कोयले में निवेश बढ़ रहा है जिसमें वर्ष 2024 में चीन में लगभग 100 गीगावाट कोयला-आधारित नए बिजली संयंत्रों का निर्माण शुरू हुआ।

क्षेत्रीय रुझान

  • चीन वैश्विक ऊर्जा निवेश में सबसे बड़ा निवेशक है जो वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा निवेश का लगभग एक-तिहाई हिस्सा (पिछले दशक में एक-चौथाई से बढ़कर) योगदान देता है।
  • अफ्रीका में स्वच्छ ऊर्जा निवेश केवल 2% है जो पिछले दशक में जीवाश्म ईंधन निवेश में कमी एवं स्वच्छ ऊर्जा में अपर्याप्त वृद्धि के कारण एक-तिहाई कम हो गया है।
  • यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका मजबूत नीति ढांचे के कारण स्वच्छ ऊर्जा निवेश में अग्रणी हैं किंतु अमेरिका में सहायक नीतियों में कमी के कारण निवेश स्थिर होने की उम्मीद है।

ऊर्जा सुरक्षा एवं नीति

  • ऊर्जा सुरक्षा निवेश का एक प्रमुख चालक है जो भू-राजनीतिक तनावों एवं आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों से प्रेरित है।
  • नीति एवं नियामक अनिश्चितता निवेशकों के लिए एक प्रमुख बाधा बनी हुई है, विशेष रूप से 51% निवेशकों ने इसे एक शीर्ष चुनौती के रूप में उल्लेख किया है। यूरोप व उत्तरी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में मजबूत नीति ढांचे निवेश को आकर्षित करते हैं।

चुनौतियाँ एवं अवसर

  • ग्रिड व बिजली सुरक्षा : ग्रिड में निवेश की मात्रा उत्पादन एवं विद्युतीकरण की गति से मेल नहीं खा रही है जिसके लिए वर्ष 2030 तक उत्पादन के साथ समानता की आवश्यकता है। लंबी परमिट प्रक्रियाएँ एवं ट्रांसफार्मरों व केबलों की आपूर्ति में समस्या श्रृंखलागत बाधाएँ हैं।
  • उभरती अर्थव्यवस्थाएँ : अफ्रीका एवं अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में निवेश की वृद्धि के लिए अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक वित्त को बढ़ाने और निजी पूंजी को आकर्षित करने की आवश्यकता है।
  • प्रौद्योगिकी एवं लागत : सौर पैनल व बैटरी खनिजों की कीमतों में कमी ने स्वच्छ ऊर्जा को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया है किंतु महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में उच्च संकेंद्रण चिंता का विषय है।

प्रमुख क्षेत्र एवं प्रौद्योगिकियाँ

  • नवीकरणीय ऊर्जा : सौर व पवन ऊर्जा नवीकरणीय निवेश में अग्रणी हैं जिसमें सौर पी.वी. की वृद्धि 2023 से 2030 तक तीन गुना होने का अनुमान है।
  • विद्युतीकरण व परिवहन : इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री में वृद्धि वर्ष 2024 में निवेश को बढ़ा रही है, जिसमें परिवहन क्षेत्र में निवेश 8% बढ़कर एक नया उच्च स्तर प्राप्त कर रहा है।
  • ऊर्जा दक्षता : भवनों व उद्योग में ऊर्जा दक्षता एवं विद्युतीकरण में निवेश आर्थिक चुनौतियों के बावजूद लचीला रहा है।
  • महत्वपूर्ण खनिज : बैटरी व स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण खनिजों में निवेश 2024 में कम कीमतों के कारण मंद हुआ किंतु विशाल एकीकृत खनन कंपनियां निवेश में वृद्धि कर रही हैं।

भारत की स्थिति एवं संभावनाएँ

  • ऊर्जा निवेश में वृद्धि 
    • नवीकरणीय ऊर्जा निवेश : वर्ष 2015 में $13 बिलियन से बढ़कर 2025 में $37 बिलियन
    • जीवाश्म ईंधन निवेश : $41 बिलियन (2015) से बढ़कर $49 बिलियन (2025)
    • न्यूक्लियर एवं अन्य स्वच्छ स्रोतों में निवेश : $1 बिलियन (2015) से $6 बिलियन (2025)
  • सौर ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति  
    • वर्ष 2020–25 के बीच भारत ने औसतन $16 बिलियन प्रति वर्ष सोलर पी.वी. में निवेश किया, जो पूर्व के पांच वर्षों की तुलना में 70% अधिक है।
    • भारत ने वर्ष 2047 तक 100 GW न्यूक्लियर क्षमता का लक्ष्य रखा है (वर्तमान में <10 GW)।
  • वित्तीय बाधाएँ एवं पूँजी लागत
    • भारत में ग्रिड-स्केल नवीकरणीय परियोजनाओं की पूंजी लागत विकसित देशों से 80% अधिक है। यह उच्च लागत निवेश की गति को धीमा करती है और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करती है।
    • भारत में ग्रिड एवं भंडारण निवेश 2015 के $31 बिलियन से घटकर 2025 में $25 बिलियन हो गया।
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