New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM The June Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6 June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM The June Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6 June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

ग्लोबल मीथेन ट्रैकर-2025

ग्लोबल मीथेन ट्रैकर-2025 के बारे में

  • क्या है : यह अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक रिपोर्ट है जो ऊर्जा क्षेत्र से होने वाले मीथेन उत्सर्जन पर नवीनतम आंकड़े, विश्लेषण और कमी के अवसर प्रदान करती है। 
  • महत्त्व : यह ट्रैकर जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए मीथेन उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पर जोर देता है। 

मुख्य निष्कर्ष

  • मीथेन का प्रभाव : मीथेन CO2 से 84 गुना अधिक ऊष्मा अवशोषित करता है और वायुमंडल में इसकी सांद्रता प्री-इंडस्ट्रियल (पूर्व-औद्योगिक) स्तर से 2.5 गुना बढ़ चुकी है।
  • ऊर्जा क्षेत्र का योगदान : ऊर्जा क्षेत्र (तेल, गैस, कोयला, बायोएनर्जी) से वर्ष 2024 में 120 मिलियन टन मीथेन उत्सर्जन हुआ, जिसमें परित्यक्त कुओं से 8 मिलियन टन उत्सर्जन शामिल हैं। बायोएनर्जी से 20 मिलियन टन उत्सर्जन हुआ।
  • क्षेत्रीय स्थिति : मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका (20 मिलियन टन), अमेरिका, रूस व चीन प्रमुख उत्सर्जक हैं। नॉर्वे और नीदरलैंड में न्यूनतम उत्सर्जन तीव्रता है।
  • कमी के अवसर : 70% उत्सर्जन को लीक डिटेक्शन, निम्न-उत्सर्जन उपकरण और फ्लेयरिंग प्रतिबंध से रोका जा सकता है। ये उपाय लागत-प्रभावी हैं क्योंकि कैप्चर की गई गैस बेची जा सकती है।
  • उपग्रह और निगरानी : उपग्रह डाटा से सुपर-एमिटिंग (अति-उत्सर्जक) घटनाओं का पता चला है, लेकिन रूस और वेनेजुएला में डाटा अंतर बना हुआ है।
  • वैश्विक प्रतिबद्धताएँ : ग्लोबल मीथेन प्लेज में 159 देश शामिल हैं किंतु चीन, भारत व रूस अभी इससे बाहर हैं। IEA का नेट जीरो परिदृश्य वर्ष 2030 तक इसमें 75% कमी का लक्ष्य रखता है।
  • नवाचार : ट्रैकर में देश-स्तरीय डाटा, परित्यक्त सुविधाओं का विश्लेषण एवं इंटरैक्टिव टूल शामिल हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR