(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक व सामाजिक विकास) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सांविधिक, विनियामक एवं विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय) |
संदर्भ
केंद्र सरकार ने 24 अप्रैल, 2025 को वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GST Appellate Tribunal : GSTAT) के लिए प्रक्रिया नियम अधिसूचित किए हैं। ये नियम जी.एस.टी. विवादों के निपटारे को अधिक पारदर्शी, डिजिटल एवं समयबद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान
- अनिवार्य ई-फाइलिंग : नए अधिसूचित नियमों के तहत अब GSTAT में अपीलों की ई-फाइलिंग अनिवार्य कर दी गई है। यह डिजिटलकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो कागजी कार्यवाही को कम करेगा, पारदर्शिता बढ़ाएगा और अपीलों की प्रक्रिया को तेज करेगा।
- हाइब्रिड सुनवाई : नए नियमों के तहत हाइब्रिड सुनवाई का भी प्रावधान है जिससे ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरीकों से सुनवाई की जा सकेगी।
- न्यायाधिकरण के बैठने का समय : GSTAT के बेंच 10:30 बजे से 01:30 बजे तक और 2:30 बजे से 4:30 बजे तक बैठेंगे। इसके अलावा प्रेसिडेंट के आदेशानुसार समय में बदलाव संभव है। यह नियम न्यायाधिकरण के कामकाजी घंटों को व्यवस्थित करता है जिससे अधिक-से-अधिक मामलों की सुनवाई की जा सके।
- प्रशासनिक कार्यालयों की कार्यावधि : GSTAT के प्रशासनिक कार्यालय 9:30 बजे से 6:00 बजे तक सभी कार्यदिवसों में खुले रहेंगे, जिससे संबंधित दस्तावेजों एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- दस्तावेजों के उत्पादन एवं निरीक्षण की प्रक्रिया : नए नियमों में दस्तावेजों की खोज, निरीक्षण एवं उत्पादन की प्रक्रियाओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। यह पारदर्शिता व स्पष्टता सुनिश्चित करेगा।
- मानकीकरण एवं दस्तावेजीकरण : नए नियमों के तहत चार मानकीकृत प्रपत्र (Form GSTAT-01, GSTAT-02, CDR-01, CDR-02) प्रस्तुत किया गया है जो अपील एवं संबंधित मामलों के दस्तावेजीकरण को सुव्यवस्थित करेंगे। यह मानकीकरण प्रक्रिया को सरल व त्रुटिरहित करेगा, जिससे कामकाजी दक्षता में सुधार होगा।
- न्यायाधिकरण के अधिकार, कर्तव्यों एवं कार्यों का निर्धारण : नए नियमों में GSTAT के अधिकार, कर्तव्य व कार्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है। इससे न्यायाधिकरण के कार्यों का दायरा और अधिकार स्पष्ट हो जाएगा तथा संचालन में अस्पष्टता नहीं होगी।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT)
- परिचय : वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GST Appellate Tribunal: GSTAT) भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित विवादों के निपटारे के लिए एक विशेष न्यायिक मंच है।
- स्थापना : इसकी स्थापना केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत की गई।
- उद्देश्य : इसका मुख्य उद्देश्य करदाता एवं प्रशासन के बीच उत्पन्न जी.एस.टी. संबंधी विवादों व अपीलों का निपटारा करना है।
- संरचना :
- प्रधान पीठ (Principal Bench): प्रधान पीठ नई दिल्ली में स्थित होगी और इसकी अध्यक्षता एक न्यायधीश करेगा। यह पीठ सामान्य रूप से उच्चतम स्तर के विवादों को निपटाएगी।
- राज्य स्तरीय पीठ (State Benches): पूरे देश में 31 राज्य स्तरीय पीठें स्थापित की जाएंगी जो राज्य व क्षेत्रीय स्तर पर जी.एस.टी. विवादों का समाधान करेंगी।
- सदस्य : न्यायाधिकरण में दो प्रकार के सदस्य होते हैं:
- न्यायिक सदस्य (Judicial Member): कानूनी दृष्टिकोण से विवादों का निपटारा करते हैं।
- तकनीकी सदस्य (Technical Member): तकनीकी एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से संबंधित विवादों का निपटारा करते हैं।
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