
- भारत की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाते हुए केंद्र सरकार ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई।
- बैठक में मौजूदा चार टैक्स स्लैब में से 12% और 28% स्लैब को समाप्त करने का बड़ा निर्णय लिया गया। अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% रहेंगे। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे।
- यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और किसी मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी।

बदलाव क्यों ज़रूरी था ?
जीएसटी लागू होने के बाद से आम जनता और कारोबारियों की तरफ से शिकायतें आती रही थीं कि टैक्स स्ट्रक्चर जटिल है और कई स्लैब होने से भ्रम की स्थिति बनती है।
- पहले 0%, 5%, 12%, 18% और 28% तक की दरें लागू थीं।
- कई वस्तुएं और सेवाएं ऊँचे टैक्स स्लैब में आने के कारण महँगी हो रही थीं।
- सरकार का मानना है कि दरों की संख्या घटाकर केवल दो कर देने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और कारोबारियों के लिए टैक्स कम्प्लायंस आसान होगा।
जीएसटी में बड़ा बदलाव: क्या-क्या सस्ता और क्या-क्या महंगा
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में कई बड़े फैसले लिए हैं, जिनसे आम जनता और कारोबार दोनों को राहत मिलेगी। हालांकि, कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स बढ़ाया गया है। आइए विस्तार से देखें—
नई GST स्लैब में क्या-क्या सस्ता हुआ ?
खाने-पीने की चीजें
- दूध और दूध से जुड़े उत्पाद:
- UHT (डिब्बाबंद) दूध – पूरी तरह टैक्स फ्री
- कंडेंस्ड मिल्क, मक्खन, घी, पनीर और चीज – 12% से घटकर 5% या शून्य
- स्टेपल फूड्स:
- माल्ट, स्टार्च, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, बिस्किट, चॉकलेट और कोको प्रोडक्ट्स – 12–18% से घटकर 5%
- सूखे मेवे:
- बादाम, पिस्ता, काजू, खजूर, हेज़लनट – 12% से घटकर 5%
- चीनी और मिठाइयाँ:
- टॉफी, कैंडी, रिफाइंड शुगर और शुगर सिरप – अब 5%
- पैकेज्ड फूड:
- वेजिटेबल ऑयल, एनिमल फैट, सॉसेज, मांस/मछली उत्पाद, माल्ट-एक्सट्रैक्ट बेस्ड पैक्ड फूड – सिर्फ 5%
- नमकीन और स्नैक्स:
- नमकीन, भुजिया, मिक्सचर (भुने चने को छोड़कर) – 18% से घटकर 5%
- पानी:
- मिनरल वाटर (बिना शुगर/फ्लेवर), नेचुरल या आर्टिफिशियल – 18% से घटाकर 5%
कृषि और खाद
- खाद – 12–18% से घटकर 5%
- बीज और फसल पोषक तत्व – 12% से घटाकर 5%
सेहत और शिक्षा
- जिंदगी बचाने वाली दवाएं, स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद, कुछ मेडिकल डिवाइस – 12–18% से घटाकर 5% या शून्य
- शैक्षणिक सेवाएँ, किताबें और लर्निंग किट्स – 5–12% से घटाकर शून्य या 5%
खास राहत
- हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस अब पूरी तरह GST फ्री
- पहले इन पर 18% टैक्स लगता था, जो अब शून्य है।
- इससे स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा योजनाएँ अधिक किफ़ायती होंगी।
कंज्यूमर गुड्स
- इलेक्ट्रॉनिक्स: सामान्य उपयोग की वस्तुएँ – 28% से घटकर 18%
- जूते और कपड़े – 12% से घटाकर 5%
- कागज की कुछ श्रेणियाँ – 12% से घटाकर शून्य
- हेयर ऑयल, शैंपू, डेंटल फ्लॉस, टूथपेस्ट – 18% से घटाकर 5%
अन्य क्षेत्र
- रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस – 12% से घटाकर 5%
- कंस्ट्रक्शन सामग्री (प्रमुख कच्चा माल) – 12% से घटाकर 5%
- खेल का सामान और खिलौने – 12% से घटाकर 5%
- चमड़ा, लकड़ी और हस्तशिल्प – 5%
ऑटोमोबाइल और ड्यूरेबल्स
- छोटी कारें (≤1200cc पेट्रोल, ≤1500cc डीज़ल), 350cc से कम मोटरसाइकिलें और तिपहिया वाहन – 28% से घटकर 18%
- बस, ट्रक और एम्बुलेंस – अब 18%
- ऑटो पार्ट्स – 18%
- एयर कंडीशनर, डिशवॉशर और टीवी (सभी आकार) – 28% से घटाकर 18%
नई GST स्लैब में क्या-क्या महंगा हुआ ?
सिन गुड्स (Sin Goods)
- पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, चबाने वाला तंबाकू, ज़र्दा, बीड़ी – ऊँचा जीएसटी + कंपेंसेशन सेस जारी रहेगा
- मूल्यांकन अब लेनदेन मूल्य के बजाय रिटेल सेल प्राइस (RSP) पर होगा
- एडेड शुगर/फ्लेवर वाले पेय (एयरेटेड वाटर समेत) – 28% से बढ़ाकर 40%
लग्ज़री और प्रीमियम चीजें
- सिगरेट, प्रीमियम शराब, महंगी कारें – अब 40% स्लैब
- आयातित बख्तरबंद लग्ज़री कारें केवल विशेष मामलों (जैसे राष्ट्रपति सचिवालय) में ही टैक्स छूट पाएँगी
ऊर्जा और ईंधन
खास राहत
- हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस अब पूरी तरह GST फ्री
- पहले इन पर 18% टैक्स लगता था, जो अब शून्य है।
- इससे स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा योजनाएँ अधिक किफ़ायती होंगी।
सरकार पर वित्तीय असर
- दरों में कटौती से सरकार को 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा।
- वहीं, लग्ज़री टैक्स और 40% स्लैब से लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी।
- राज्यों को जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
विशेषज्ञों की राय
- आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देगा और महँगाई पर नियंत्रण में मदद करेगा।
- शिक्षा और कृषि क्षेत्र को जीएसटी राहत से सीधा लाभ होगा, जिससे ग्रामीण और छात्र वर्ग को सहूलियत मिलेगी।
- हालांकि, राज्यों की चिंता है कि राजस्व घाटे की भरपाई के लिए केंद्र को जल्द कोई स्थायी व्यवस्था करनी होगी।
आगे की राह
- नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। यह कदम भारत में कर प्रणाली को सरल बनाने और उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
- हालाँकि, चुनौती यह है कि राजस्व घाटे की भरपाई के लिए सरकार को किस तरह का समाधान निकालना होगा, ताकि राज्यों और केंद्र – दोनों का संतुलन बना रहे।
- दरों में कटौती से सरकार को लगभग 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा.
- इसके अलावा, 40 फ़ीसदी स्लैब से सरकार को लगभग 45,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है.
GST (वस्तु एवं सेवा कर - Goods and Services Tax) क्या है ?
भारत में लागू एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है, जो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए अधिकांश अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करती है। इसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया।
GST से पहले की कर प्रणाली
GST लागू होने से पहले विभिन्न अप्रत्यक्ष कर लगते थे:
स्तर
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कर का नाम
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केंद्र सरकार
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उत्पाद शुल्क (Excise), सेवा कर (Service Tax), सीमा शुल्क (Customs Duty), आदि
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राज्य सरकार
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वैट (VAT), प्रवेश कर (Entry Tax), मनोरंजन कर, लग्ज़री टैक्स आदि
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GST के प्रकार
प्रकार
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पूर्ण रूप
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लगने का स्थान
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CGST
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Central GST
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राज्य के भीतर लेन-देन में केंद्र सरकार को जाता है
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SGST
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State GST
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राज्य के भीतर लेन-देन में राज्य सरकार को जाता है
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IGST
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Integrated GST
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दो राज्यों के बीच (अंतरराज्यीय) लेन-देन पर, केंद्र सरकार को जाता है और राज्यों में बाँट दिया जाता है
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UTGST
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Union Territory GST
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केंद्र शासित प्रदेशों में लगाया जाता है
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GST काउंसिल: -
बिंदु
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विवरण
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गठन
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संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 के तहत (अनुच्छेद 279A)
(भाग 12) – वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद
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अध्यक्ष
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भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री
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सदस्य
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सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री
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मुख्य कार्य
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GST दरों में संशोधन, कर नीति पर निर्णय, कंपनसेशन सेस पर सलाह आदि
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प्रश्न :-GST काउंसिल की अध्यक्षता कौन करता है ?
(a) प्रधानमंत्री (b) राष्ट्रपति (c) केंद्रीय वित्त मंत्री (d) RBI गवर्नर
प्रश्न :-GST काउंसिल का गठन किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है ?
(a) अनुच्छेद 265 (b) अनुच्छेद 280 (c) अनुच्छेद 279A (d) अनुच्छेद 246A
प्रश्न :-नई GST दरों के अनुसार हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स क्या होगा ?
(a) 18% (b) 12% (c) 5% (d) शून्य
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