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हिग्स बोसॉन(Higgs Boson): "गॉड पार्टिकल"(God Particle)

  • क्या आपने कभी सोचा है कि ब्रह्मांड में मौजूद हर कण को द्रव्यमान (Mass) कहाँ से मिलता है?
  • इसका उत्तर छिपा है हिग्स बोसॉन (Higgs Boson) में, जिसे अक्सर "गॉड पार्टिकल" (God Particle) भी कहा जाता है। 
  • यह कण भौतिकी के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक को साबित करता है और यह बताने में मदद करता है कि ब्रह्मांड में पदार्थ कैसे अस्तित्व में आया।

हिग्स बोसॉन क्या है?

  • हिग्स बोसॉन एक मौलिक (Elementary) कण है, जो हिग्स क्षेत्र (Higgs Field) से जुड़ा हुआ है।
  • इसकी भविष्यवाणी 1964 में पीटर हिग्स (Peter Higgs) और फ्रैंकोइस एंगलर (François Englert) सहित कई वैज्ञानिकों ने की थी।
  • 2012 में, CERN (सर्न) के लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) में इसकी पुष्टि हुई, जो विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी।
  • 2013 में, पीटर हिग्स और फ्रैंकोइस एंगलर को हिग्स बोसॉन की खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला।

हिग्स क्षेत्र (Higgs Field): द्रव्यमान का स्रोत

  • हिग्स बोसॉन हिग्स क्षेत्र (Higgs Field) का एक हिस्सा है, जो पूरे ब्रह्मांड में फैला हुआ है। 
  • यह क्षेत्र कणों को "द्रव्यमान (Mass)" प्रदान करता है।

इसे समझने के लिए एक सरल उदाहरण देखें:

  • कल्पना करें कि आप पानी से भरे स्विमिंग पूल में चल रहे हैं।
  • पानी आपकी गति को धीमा कर देता है।
  • इसी तरह, जब कण हिग्स क्षेत्र से गुजरते हैं, तो वे इससे इंटरैक्ट (Interaction) करते हैं और द्रव्यमान प्राप्त करते हैं।
  • जिन कणों की हिग्स क्षेत्र से अधिक इंटरैक्शन होती है, वे भारी होते हैं (जैसे क्वार्क - Quark)।
  • जिन कणों की कोई इंटरैक्शन नहीं होती, वे बिना द्रव्यमान के होते हैं (जैसे फोटॉन - Photon)।

बिना हिग्स बोसॉन के, कोई भी कण द्रव्यमान प्राप्त नहीं कर सकता, और ब्रह्मांड अस्तित्व में नहीं होता!

हिग्स बोसॉन की विशेषताएँ

  • द्रव्यमान (Mass): ~125 गीगा इलेक्ट्रॉन वोल्ट (GeV/c²) – यह एक प्रोटॉन से लगभग 130 गुना भारी है।
  • जीवनकाल (Lifetime): केवल 10⁻²² सेकंड, यानी एक झपकी से भी तेज़।
  • परस्पर क्रिया (Interaction): कमजोर बल (Weak Force) के माध्यम से अन्य कणों के साथ संपर्क करता है।
  • श्रेणी (Category): यह बोसॉन (Boson) श्रेणी में आता है, जिसका अर्थ है कि यह मूलभूत बलों को वहन करने वाले कणों में से एक है।

हिग्स बोसॉन की खोज क्यों महत्वपूर्ण है?

  • यह पुष्टि करता है कि कणों को द्रव्यमान कैसे मिलता है।
  • यह मानक मॉडल (Standard Model) को पूर्णता प्रदान करता है।
  • ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद करता है।
  • बिग बैंग (Big Bang) के तुरंत बाद क्या हुआ, इसका सुराग देता है।

अगर हिग्स बोसॉन नहीं होता, तो कोई भी स्थिर पदार्थ (Atoms, Molecules) नहीं बनते, और ब्रह्मांड में न तो तारे होते, न ग्रह, न हम!

CERN और हिग्स बोसॉन की खोज

  • हिग्स बोसॉन को ढूंढने के लिए वैज्ञानिकों ने लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) का उपयोग किया, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली कण त्वरक (Particle Accelerator) है।
  • 4 जुलाई 2012 को वैज्ञानिकों ने इसकी खोज की आधिकारिक घोषणा की।
  • इस खोज में ATLAS और CMS नामक दो अलग-अलग प्रयोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हिग्स बोसॉन से जुड़े अनसुलझे सवाल

  • क्या हिग्स बोसॉन डार्क मैटर (Dark Matter) और डार्क एनर्जी (Dark Energy) से जुड़ा है?
  • क्या हिग्स बोसॉन के अलावा और भी हिग्स-कण (Higgs-like particles) मौजूद हो सकते हैं?
  • क्या इससे हम गुरुत्वाकर्षण (Gravity) और सुपर-सिमेट्री (Supersymmetry) के रहस्यों को हल कर सकते हैं?
  • विज्ञान इन सवालों के जवाब खोजने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है! 

यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN)

  • HQ :-जिनेवा, स्विट्‌ज़रलैंड 
  • उत्पत्तिः CERN को 1954 में एक अंतरर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
  • उद्देश्यः हाई एनर्जी पार्टिकल फिजिक्स में सहयोगात्मक शोध करना।
  • सदस्य: CERN में 23 सदस्य देश (10 एसोसिएट मेंबर देश) शामिल हैं। • भारत इसका एक एसोसिएट मेंबर (सहयोगी सदस्य) है।

प्रमुख उपलब्धियांः

  • z बोसॉन और W बोसॉन कणों की खोज।
  • वर्ल्ड वाइड वेब (www) का आविष्कार CERN में ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली द्वारा किया गया।
  • CERN का LHC (लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर) दुनिया का सबसे बड़ा कण त्वरक या पार्टिकल एक्सीलेटर है।
  • व्हाइट रैबिट तकनीक के अपनाने को बढ़ावा देने के लिए व्हाइट रैबिट कोलैबोरेशन (WRC) की शुरुआत की गई।
    • व्हाइट रैबिट तकनीक LHC त्वरक श्रृंखला के लिए सब-नैनोसेकंड सटीकता और पिकोसेकंड समन्वय प्रदान करती है।
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