(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ) |
संदर्भ
भारत एवं ऑस्ट्रेलिया ने समुद्र के नीचे निगरानी प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने के लिए एक संयुक्त अनुसंधान परियोजना शुरू की है।
अनुसंधान परियोजना के बारे में
- परिचय : यह परियोजना भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच एक तीन वर्षीय संयुक्त अनुसंधान परियोजना (Joint Research Project) है जिसका उद्देश्य समुद्र के भीतर निगरानी (Undersea Surveillance) की तकनीकों को बेहतर बनाना है।
- प्रमुख उद्देश्य :
- समुद्र में पनडुब्बियों (Submarines) एवं स्वायत्त जलयानों (Autonomous Underwater Vehicles) की शीघ्र पहचान और सटीक ट्रैकिंग करना।
- समुद्री निगरानी क्षमताओं को और अधिक विश्वसनीय, प्रभावी और आधुनिक बनाना।
- निगरानी प्रणालियों को इस तरह उन्नत करना कि वे भविष्य के खतरों का सामना कर सकें।
परियोजना की प्रयुक्त तकनीकें
टोएड ऐरे-आधारित सिग्नल प्रोसेसिंग प्रणाली (Towed Array System)
- इसमें एक लंबी केबल होती है, जिसे किसी पनडुब्बी या जहाज के पीछे समुद्र में खींचा (Towed) जाता है। इस केबल में Hydrophones (हाइड्रोफोन्स) यानी पानी के भीतर की ध्वनियों को सुनने वाले उपकरण लगे होते हैं।
- ये हाइड्रोफोन समुद्र के भीतर से आने वाली ध्वनि तरंगों को विभिन्न दिशाओं से पकड़ते हैं।जैसे ही किसी पनडुब्बी या जलयान से ध्वनि निकलती है, यह सिस्टम उसे सुन लेता है।
- यह प्रणाली Passive Mode में काम करती है यानी खुद कोई ध्वनि नहीं भेजती, सिर्फ सुनती है, जिससे उसका खुद का पता लगना मुश्किल होता है।
टारगेट मोशन एनालिसिस (Target Motion Analysis)
- यह तकनीक उन ध्वनि संकेतों का विश्लेषण (Signal Processing) करती है, जो Towed Array द्वारा एकत्र किए गए हैं।
- इसका काम है लक्ष्य (Target) की स्थिति (Position), गति (Speed), दिशा (Direction) आदि की गणना करना।
- यह तकनीक विशेष एल्गोरिद्म (Algorithm) का प्रयोग करती है, जो यह अनुमान लगाते हैं कि लक्ष्य कहां है और किस दिशा में जा रहा है।
- इसका प्रयोग खासतौर पर उन स्थितियों में किया जाता है, जब जहाज या पनडुब्बी गुप्त (Secret) रूप से निगरानी करना चाहती है।
प्रमुख लाभ
- ध्वनि विकृति नियंत्रण : यह प्रणाली जलध्वनि के शोर (Noise Corruption) को कम करने में सक्षम है।
- उन्नत एल्गोरिद्म का परीक्षण : परियोजना के तहत उन्नत एल्गोरिद्म विकसित किए जाएंगे जो निगरानी क्षमता को अत्यधिक बढ़ाएंगे।
- द्विपक्षीय सहयोग : भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच साझा अनुसंधान, परीक्षण, विचार-विमर्श और प्रदर्शन के माध्यम से दोनों देशों की सामरिक क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- स्वायत्त यानों पर विशेष ध्यान : बदलते समुद्री सुरक्षा परिदृश्य में Autonomous Underwater Vehicles के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखकर निगरानी क्षमता को अनुकूलित किया जाएगा।