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भारत-इज़राइल मुक्त व्यापार वार्ता और रक्षा सहयोग

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

संदर्भ

भारत एवं इज़राइल ने हाल ही में मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए संदर्भ शर्तें (Terms of Reference: ToR)) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण MoU पर भी हस्ताक्षर किया है। ये कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक, आर्थिक एवं तकनीकी संबंधों का प्रतीक हैं।

भारत–इज़राइल हालिया वार्ताएँ

  • 20 नवंबर, 2025 को इज़राइल के तेल अवीव में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इज़राइल के अर्थव्यवस्था मंत्री निर बरकात ने FTA वार्ता शुरू करने के लिए ToR पर हस्ताक्षर किए। 
  • इस चर्चा का उद्देश्य व्यापार को आसान बनाना, निवेश को बढ़ावा देना और हाई-टेक क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना है।

वार्ता संबंधी मुख्य बिंदु

  • FTA वार्ता के लिए ToR पर औपचारिक हस्ताक्षर
  • टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाकर व्यापार बढ़ाना
  • कस्टम प्रक्रिया सरल बनाने, तकनीकी हस्तांतरण बढ़ाने और सेवाओं में व्यापार को प्रोत्साहित करने पर जोर
  • इज़राइल ने स्पष्ट किया कि वह डेयरी, चावल, गेहूँ एवं चीनी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बाजार पहुँच की मांग नहीं करेगा।
  • इज़राइल 50 अरब डॉलर के मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए प्री-क्वालिफिकेशन जारी कर चुका है जिसमें भारतीय कंपनियों को भाग लेने का अवसर मिलेगा।
  • वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट आई है किंतु हाई-टेक व मशीनरी क्षेत्रों में सहयोग में तेजी आ रही है।

लाभ

  • भारत के लिए हाई-टेक, साइबर सुरक्षा, चिकित्सा तकनीक व इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में नए अवसर
  • भारतीय कंपनियों के लिए इज़राइल के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भागीदारी का मौका
  • व्यापार बाधाएँ कम होने से दोनों देशों के उद्योगों को लागत में कमी व बाजार विस्तार
  • स्टार्टअप, इनोवेशन एवं तकनीकी साझेदारी में नई संभावनाएँ
  • सेवा क्षेत्रों (जैसे- IT, पर्यटन, शिक्षा) में वृद्धि की संभावना

भारत–इज़राइल रक्षा समझौता

  • 4 नवंबर, 2025 को तेल अवीव में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर एक महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए। 
  • यह समझौता रक्षा उद्योग, अनुसंधान, AI, साइबर सुरक्षा और उन्नत सैन्य तकनीक में सहयोग को अधिक मजबूत करेगा।

मुख्य बिंदु

  • रणनीतिक संवाद, सैन्य प्रशिक्षण, सह-विकास एवं सह-निर्माण पर जोर
  • AI, साइबर सुरक्षा एवं उच्च तकनीकी रक्षा प्रणालियों में सहयोग
  • भविष्य की रक्षा परियोजनाओं के लिए संयुक्त अनुसंधान व उत्पादन मॉडल
  • आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को अधिक मजबूत करने पर सहमति
  • दोनों देशों ने माना कि पिछले सहयोग से तकनीकी क्षमताएँ बढ़ी हैं और यह संबंध अधिक मजबूत किया जाएगा।

भारत के लिए इज़राइल का महत्व

  • रक्षा क्षेत्र में प्रमुख साझेदार: इज़राइल भारत को उन्नत मिसाइल सिस्टम, ड्रोन, रडार एवं निगरानी तकनीक प्रदान करता है।
  • कृषि तकनीक: इज़राइल की माइक्रो-इरिगेशन व जल प्रबंधन तकनीक भारत की कृषि के लिए अत्यंत उपयोगी है।
  • साइबर सुरक्षा व हाई-टेक: इज़राइल विश्व का अग्रणी नवाचार केंद्र है जिससे भारत को उच्च-स्तरीय तकनीक का लाभ मिलता है।
  • साझा सुरक्षा चिंताएँ: आतंकवाद, साइबर खतरों एवं पश्चिम एशिया की भू-राजनीति पर दोनों के हित समान हैं।
  • व्यापारिक सहयोग: इज़राइल एशिया में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देश तकनीक, मशीनरी, रसायन, पेट्रोलियम व रक्षा उपकरणों में बड़े पैमाने पर व्यापार करते हैं।

निष्कर्ष

भारत एवं इज़राइल के बीच हालिया FTA वार्ता की शुरुआत और रक्षा समझौते दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दे रहे हैं। यह सहयोग न केवल व्यापार और निवेश बढ़ाएगा बल्कि सुरक्षा, तकनीकी विकास एवं नवाचार क्षेत्रों में भी भारत को मजबूत बनाएगा।

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