(प्रारंभिक परीक्षा ) (मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2) |
संदर्भ
हाल ही में, मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भारत की दो दिवसीय यात्रा की। भारत और मॉरीशस के बीच संबंध केवल कूटनीतिक साझेदारी नहीं बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं भावनात्मक रूप से भी गहरे हैं। भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अंतर्गत मॉरीशस को एक प्रमुख भागीदार माना जाता है।
मॉरीशस प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने सितंबर 2025 में भारत का दौरा किया।
- दौरे का मुख्य स्थल वाराणसी रहा, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। वाराणसी में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं।
- प्रधानमंत्री रामगुलाम ने गंगा आरती में भाग लिया और अयोध्या में रामलला विराजमान का भी दर्शन किया।
मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस को ‘भारत का परिवार’ बताते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने स्थिर, समृद्ध, स्वतंत्र व सुरक्षित हिंद महासागर को साझा प्राथमिकता बताया।
- भारत ने मॉरीशस के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की, जिससे आधारभूत संरचना मजबूत होगी, रोजगार सृजन बढ़ेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा।
- भारत ने मॉरीशस में पहला जनऔषधि केंद्र स्थापित किया। साथ ही, भारत, मॉरीशस में AYUSH सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 500-बेड वाला सर शिवसागर रामगुलाम नेशनल अस्पताल, पशु चिकित्सालय और पशु स्कूल स्थापित करने में सहयोग करेगा।
मुख्य समझौते (MoUs)
- विज्ञान और तकनीक में सहयोग
- समुद्री अनुसंधान और हाइड्रोग्राफी प्रोजेक्ट
- संयुक्त सर्वेक्षण, नेविगेशन चार्ट और हाइड्रोग्राफिक डेटा साझा करना
- पावर सेक्टर में सहयोग
- लघु विकास परियोजनाओं (Phase II) का कार्यान्वयन
- शिक्षा और शोध में समझौते
- IIT मद्रास और मॉरीशस विश्वविद्यालय
- भारतीय इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट और मॉरीशस विश्वविद्यालय
आर्थिक सहायता पैकेज
पीएम मोदी ने मॉरीशस के लिए कुल 680 मिलियन डॉलर के आर्थिक पैकेज की घोषणा की:
- अनुदान-आधारित परियोजनाएँ (215 मिलियन डॉलर)
- सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल का निर्माण
- आयुष उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
- पशु चिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल की स्थापना
- हेलीकॉप्टरों का प्रावधान
- अनुदान-सह-एलओसी परियोजनाएँ (440 मिलियन डॉलर)
- एस.एस.आर. अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण टावर का निर्माण पूरा होना
- मोटरवे एम4 का विकास
- रिंग रोड का विस्तार (द्वितीय चरण)
- बंदरगाह से संबंधित उपकरणों की खरीद
- मॉरीशस को 25 मिलियन डॉलर की बजटीय सहायता
- रणनीतिक सहयोग
- मॉरीशस बंदरगाह का पुनर्विकास एवं पुनर्गठन
- चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र का विकास एवं निगरानी
भारत–मॉरीशस द्विपक्षीय संबंध
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं जनसांख्यिकीय रूप से बेहद घनिष्ठ रहे हैं। मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक छोटा द्वीपीय देश है जिसकी 70% आबादी भारतीय मूल की है। यही कारण है कि भारत-मॉरीशस संबंध केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि लोगों के बीच के संबंधों पर भी आधारित हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- वर्ष 1729 में फ्रांसीसी शासन के दौरान पुदुचेरी से पहले भारतीय कारीगरों को मॉरीशस लाया गया।
- ब्रिटिश शासन में वर्ष 1834 से 1900 के बीच लगभग 5 लाख भारतीय गिरमिटिया मजदूरों को लाया गया। 2/3 मजदूर स्थायी रूप से बस गए।
- 2 नवंबर, 1834 को ‘एटलस’ जहाज से पहला बैच पहुँचा और इस दिन को अब मॉरीशस में आप्रवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गांधीजी और मॉरीशस
वर्ष 1901 में महात्मा गांधी ने मॉरीशस में 15 दिन रुककर तीन महत्वपूर्ण संदेश दिए–
- शिक्षा का महत्व
- राजनीतिक सशक्तिकरण
- भारत से जुड़े रहने का महत्व : मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस (12 मार्च) गांधीजी के दांडी मार्च की तिथि पर मनाया जाता है।
कूटनीतिक संबंध
- भारत ने वर्ष 1948 में मॉरीशस की स्वतंत्रता (1968) से पहले मॉरीशस से कूटनीतिक संबंध स्थापित किए।
- स्वतंत्रता के बाद भारतीय कमिश्नर के स्थान पर उच्चायुक्त नियुक्त किया गया।
- संबंधों में उच्च स्तर का विश्वास और नेतृत्व-स्तरीय नियमित संवाद शामिल है।
प्रमुख क्षेत्रीय सहयोग
- समुद्री सुरक्षा
- विकास सहयोग (अवसंरचना एवं सामाजिक परियोजनाएँ)
- क्षमता निर्माण (भारतीय विशेषज्ञों की नियुक्ति)
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यक्ति-से-व्यक्ति संबंध
भारत-सहायता प्राप्त प्रमुख परियोजनाएँ
- विशेष आर्थिक पैकेज (2016): USD 353 मिलियन की अनुदान सहायता से 5 प्रमुख परियोजनाएँ- मेट्रो एक्सप्रेस, सर्वोच्च न्यायालय भवन, नया ENT अस्पताल, सोशल हाउसिंग और डिजिटल टैबलेट्स
- लाइन ऑफ क्रेडिट (2017): USD 500 मिलियन की सहायता से 10 परियोजनाएँ-
- गैस आधारित इन्सिनरेटर, फायर फाइटिंग वाहन
- 8 मेगावाट सोलर प्लांट
- फॉरेंसिक साइंस लैब, राष्ट्रीय अभिलेखागार, पुलिस अकादमी
- 96 सामुदायिक परियोजनाएँ
2024–25 में कई नवीन परियोजनाओं की शुरूआत
- मेडिक्लिनिक, पहला विदेशी जनऔषधि केंद्र, एरिया हेल्थ सेंटर
- अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक सर्विस एंड इनोवेशन का उद्घाटन
कोविड और संकट के समय सहयोग (फर्स्ट रिस्पॉन्डर)
- कोविड-19:
- 13 टन दवाइयाँ, 10 टन आयुर्वेदिक दवाइयाँ और मेडिकल टीम भेजी।
- 1 लाख मुफ्त कोविशील्ड डोज़ और बाद में 3 लाख डोज़ वाणिज्यिक आधार पर दी गई।
- दूसरी लहर में मॉरीशस ने भारत को 200 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर प्रदान किए।
- तेल रिसाव (2020):
- IAF द्वारा 30 टन तकनीकी उपकरण और तकनीकी टीम भेजी गई।
- INS निरीक्षक ने बचाव अभियान में मदद की।
- चक्रवात चिडो (2024):
- भोजन, दवाइयाँ, पानी और तकनीकी टीम भेजी।
व्यापारिक संबंध
- भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार (2005 से)
- 2024-25 में कुल व्यापार: USD 887.25 मिलियन
- भारतीय निर्यात: USD 676.34 मिलियन
- मॉरीशियन निर्यात: USD 210.91 मिलियन
- प्रमुख भारतीय निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, दवाइयाँ, अनाज, कपास, झींगे
- प्रमुख मॉरीशियन निर्यात: वनीला, मेडिकल डिवाइस, एल्युमिनियम अलॉय, रिफाइंड कॉपर
निवेश संबंध
- FDI प्रवाह (2000–2025): USD 180 बिलियन (भारत में कुल FDI का 25%)
- 2024-25 में FDI: USD 8.34 बिलियन (दूसरा सबसे बड़ा स्रोत)
- भारतीय कंपनियों ने मॉरीशस में USD 200 मिलियन से अधिक का निवेश किया।
व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौता (CECPA)
- हस्ताक्षर: 22 फरवरी, 2021
- विशिष्टता: यह किसी अफ्रीकी देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है।
- महत्व: वस्त्र, प्लास्टिक, मेडिकल डिवाइस जैसे उत्पादों में व्यापार वृद्धि हुई।
सांस्कृतिक एवं शैक्षिक सहयोग
- भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (IGCIC): भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र, 2500 छात्रों को प्रशिक्षण
- महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट और रवींद्रनाथ टैगोर इंस्टीट्यूट: भारतीय भाषाओं एवं संस्कृति के अध्ययन के लिए
- वर्ल्ड हिंदी सचिवालय: हिंदी के वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए
- युवा कार्यक्रम: NCC युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम, Know India Programme में भागीदारी
शिक्षा और छात्रवृत्ति
- ITEC प्रोग्राम: प्रतिवर्ष 500 प्रशिक्षण स्लॉट
- वर्ष 2002 से अब तक 5000+ मॉरीशियाई प्रशिक्षित
- ICCR छात्रवृत्ति: प्रतिवर्ष 60 छात्रवृत्तियाँ
- e-VBAB डिजिटल लर्निंग: वर्ष 2020 से लगातार बढ़ती भागीदारी।
भारतीय समुदाय
- 26,357 भारतीय नागरिक और 14,827 OCI कार्ड धारक
- OCI कार्ड के लिए विशेष प्रावधान (7वीं पीढ़ी तक)
- वर्ष 2004 से भारतीय पर्यटकों के लिए वीजा-फ्री व्यवस्था
निष्कर्ष
भारत-मॉरीशस संबंध हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ‘सागर नीति’ (Security and Growth for All in the Region) का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। ये संबंध केवल आर्थिक व सामरिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक भी हैं। भविष्य में दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, हरित ऊर्जा, डिजिटल सहयोग और युवा आदान-प्रदान में अधिक मजबूती की संभावना है।