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भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों

मई के प्रारंभ में दूसरे ‘भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलनका आयोजन डेनमार्क में किया गया। इसमें 5 नॉर्डिक देशों- डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वेके प्रधानमंत्रियों के साथ भारतीय प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया।

प्रमुख बिंदु

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  • इस सम्मेलन में कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी, सतत विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, वर्तमान वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • साथ ही, डिजिटलीकरण और हरित व स्वच्छ विकास के अतिरिक्त इस सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा चर्चा एक महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि दो नॉर्डिक देश- फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं।
  • स्थायी महासागर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुद्री क्षेत्र में सहयोग और आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक देशों के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा हुई।
  • भारतीय प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों के सोवेरेन वेल्थ फण्ड को भारत में निवेश के लिये आमंत्रित किया।
  • नॉर्डिक देशों नेसंशोधित एवं विस्तारितसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिये समर्थन भी व्यक्त किया।

प्रथम भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन

  • पहलाभारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन वर्ष 2018 में स्टॉक होम में संपन्न हुआ था। इस सम्मेलन में नॉर्डिक देशों ने भारत द्वारा परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (Nuclear Suppliers' Group) में सदस्यता के लिये आवेदन का स्वागत किया था।
  • साथ ही, इसमें भागीदार देशों द्वारा वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक विकास, नवाचार और जलवायु परिवर्तन के लिये प्रतिबद्धता को दोहराया गया था।
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