भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में दोनों देशों ने बढ़ते टैरिफ तनाव के बीच रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा एवं वैश्विक व्यापार में रणनीतिक सहयोग की समीक्षा की।
2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता
- वर्चुअल रूप से आयोजित भारत-अमेरिका 2+2 अंतर-सत्रीय वार्ता में विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (अमेरिका) नागराज नायडू काकनूर और रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) विश्वेश नेगी ने दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के लिए अमेरिकी वरिष्ठ ब्यूरो अधिकारी बेथानी पी मॉरिसन और हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के लिए कार्यवाहक सहायक रक्षा सचिव जेडीडिया पी रॉयल के साथ सत्र की सह-अध्यक्षता की।
- भारत इस वर्ष क्वाड लीडर्स समिट की मेज़बानी करने वाला है, जिसके सदस्य अमेरिका के अलावा जापान एवं ऑस्ट्रेलिया भी हैं।
रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग
- महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पहल के तहत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में प्रगति
- संयुक्त सैन्य अभ्यास, समुद्री क्षेत्र जागरूकता और हिंद-प्रशांत सुरक्षा पर चर्चा
- तेजस एमके-2 जेट के लिए जी.ई. इंजनों पर चल रही बातचीत की समीक्षा
ऊर्जा सुरक्षा
- स्वच्छ ऊर्जा, लचीली आपूर्ति शृंखलाओं और महत्त्वपूर्ण खनिजों पर ध्यान केंद्रित
- परमाणु, सौर एवं हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में सहयोग
व्यापार एवं टैरिफ मुद्दे
- भारत ने अपने निर्यात को प्रभावित करने वाले अमेरिकी टैरिफ वृद्धि पर चिंता व्यक्त की।
- दोनों पक्ष मौजूदा व्यापार तंत्रों के माध्यम से चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए।
वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दे
हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया संकट और संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर साझा दृष्टिकोण।
सामरिक महत्त्व
- व्यापक वैश्विक सामरिक साझेदारी को सुदृढ़ करता है।
- रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को व्यापार संबंधी विवादों के साथ संतुलित करता है।
- भारत को हिंद-प्रशांत सुरक्षा ढाँचे में एक प्रमुख हितधारक के रूप में स्थापित करता है।