(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय) |
संदर्भ
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के पांच वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम (ABSS), 2025 के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस स्थापित करने के लिए चार विश्वविद्यालयों को आशय पत्र (Letter of Intent: LOI) जारी किए।
भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए LOIs
- आशय पत्र (Letter of Intent: LOI) एक औपचारिक दस्तावेज होता है जो यह संकेत देता है कि संबंधित संस्था भारत में शैक्षणिक परिसर स्थापित करने के लिए इच्छुक है और सरकार इसकी प्रक्रिया में सहयोग करेगी।
- यह किसी भी संस्थागत निवेश या साझेदारी की ‘पूर्व-स्वीकृति प्रक्रिया’ का हिस्सा होता है।
- LOI जारी होने के बाद संबंधित विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलने की दिशा में औपचारिक कदम उठा सकते हैं।
LOI जारी किए गए चार विश्वविद्यालय
- Western Sydney University (WSU), ऑस्ट्रेलिया– ग्रेटर नोएडा में कैंपस
- Victoria University, ऑस्ट्रेलिया– नोएडा में कैंपस
- La Trobe University, ऑस्ट्रेलिया– बेंगलुरु में कैंपस
- University of Bristol, यूनाइटेड किंगडम– मुंबई में कैंपस
भारत में पहले से ही स्थापित विदेशी परिसर
- Deakin University और University of Wollongong : गुजरात के GIFT सिटी में
- University of Southampton : गुरुग्राम में कैंपस
महत्व
- विदेशी विश्वविद्यालयों की उपस्थिति से भारतीय छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा भारत में ही संभव
- विदेशी मुद्रा बचत और ब्रेन ड्रेन को कम करने में मदद
- शोध एवं नवाचार में सहयोग और रोजगार के नए अवसर
- भारत को वैश्विक शैक्षिक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम
शिक्षा मंत्रालय की अन्य पहलें
- ₹4,000 करोड़ से अधिक की शैक्षणिक परियोजनाओं की घोषणा
- CBSE, नवोदय विद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालयों में अधोसंरचना उन्नयन
- TARA App Portal: कक्षा 3-8 के छात्रों के लिए पढ़ने की क्षमता जांचने और सुधारने हेतु
- My Career Advisor App: 1,000+ करियर विकल्पों की जानकारी
- नई पीढ़ी की NCERT पाठ्यपुस्तकें और मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा को बढ़ावा
आगे की राह
- नियामक स्पष्टता और सुविधाजनक नीतियों के ज़रिए अन्य विदेशी संस्थानों को आकर्षित करना
- राज्य सरकारों के साथ समन्वय बढ़ाकर भूमि, अधोसंरचना एवं प्रशासनिक समर्थन देना
- शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हुए सुलभ और समावेशी उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना
- शोध सहयोग और नवाचार उन्मुख कार्यक्रम पर ध्यान देना