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अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब

(प्रारंभिक परीक्षा : प्रथम प्रश्नपत्र ; समसामयिक घटनाक्रम )

संदर्भ

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब में शामिल होने की मंजूरी प्रदान की है। 

क्या है अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता हब(International Energy Efficiency Hub)

  • पृष्ठभूमि: ऊर्जा दक्षता पर अंतर-सरकारी सहयोग को मजबूत करने के लिए वर्ष 2017 में हैम्बर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जर्मनी द्वारा ऊर्जा दक्षता हब की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था।
  • स्थापना : इसकी स्थापना वर्ष 2020 में ऊर्जा दक्षता सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी (IPEEC) के रूप में की गयी।
  • उद्देश्य : हब का उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं -
    • देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और निजी क्षेत्र के बीच सूचना एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना।
    • ऊर्जा दक्षता के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक दृश्यता और मजबूत उपस्थिति प्रदान करना।
    • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ हब सदस्यों के सहयोग को बढ़ाना।
  • अध्यक्षता : हब की अध्यक्षता वर्तमान में यूरोपीय आयोग के डॉ. ट्यूडर कॉन्स्टेंटिनेसकु द्वारा की जा  रही है। 
  • सचिवालय: इसका सचिवालय अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) (पेरिस) में स्थित है ताकि एजेंसी तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय को बढ़ावा दिया जा सके।
  • सदस्य : वर्तमान में हब में 16 सदस्य देश शामिल हैं : 
    • इनमे अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया, लक्जमबर्ग, रूस, सऊदी अरब, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।
    • हब के सदस्य एक संचालन समिति के माध्यम से हब की देखरेख और निर्देशन करते हैं, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का एक प्रतिनिधि शामिल होता है।
  • हब ने दुबई में आयोजित COP-28 के दौरान सहमत ऊर्जा दक्षता सुधारों की औसत वार्षिक दर को दोगुना करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत के लिए निहितार्थ 

  • इस हब में शामिल होने से भारत को विशेषज्ञों एवं संसाधनों के एक विशाल नेटवर्क तक पहुँच प्राप्त होगी, जिससे वह अपनी घरेलू ऊर्जा दक्षता पहलों को बढ़ाने में सक्षम हो सकेगा। 
  • हब के सदस्य के रूप में भारत को अपनी विशेषज्ञता साझा करने तथा सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय पद्धतियों से सीख ग्रहण करते हुए अन्य सदस्य देशों के साथ सहयोग स्थापित करने के अवसरों का लाभ मिलेगा। 
  • इससे भारत ऊर्जा-दक्ष प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगा।
  • इस वैश्विक मंच में देश की भागीदारी से कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था की दिशा में रुख करने को गति देने और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में मदद मिलेगी।
  • कार्यान्वयन एजेंसी : भारत की ओर से इस हब के लिए कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) को नामित किया गया है। 
    • BEE इस हब की गतिविधियों में भारत की भागीदारी को सुगम बनाने के साथ ही उसके राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।  

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)की स्थापना वर्ष 1973 के तेल संकट के बाद वर्ष 1974 में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के ढांचे के तहत की गयी। 
  • मुख्यालय :पेरिस (फ्रांस )
  • सदस्य : वर्तमान में इसमें 31 सदस्य देश और 13 सहयोगी देश हैं जो वैश्विक ऊर्जा मांग के 75% प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • उद्देश्य : वैश्विक तेल बाजार और ऊर्जा क्षेत्र के बारे में डाटा एवं सांख्यिकी प्रदान करना , ऊर्जा बचत व संरक्षण को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सहयोग स्थापित करना ।
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