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केरल: भारत का पहला पूर्ण डिजिटल साक्षर राज्य

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय)

संदर्भ

केरल को भारत का पहला पूर्णतः डिजिटल साक्षर राज्य घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने ‘डिजी केरल परियोजना’ के प्रथम चरण के पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इसकी घोषणा की।

डिजिटल साक्षरता से तात्पर्य

डिजिटल साक्षरता का अर्थ केवल कंप्यूटर या स्मार्टफोन का उपयोग जानना नहीं है बल्कि इसमें ई-सेवाओं का उपयोग करना, ऑनलाइन भुगतान करना, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षित रूप से संवाद करना और इंटरनेट आधारित सेवाओं तक सहज पहुँच शामिल है।

भारत में स्थिति

  • राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में केवल लगभग 38% लोग डिजिटल रूप से साक्षर हैं। 
  • यह स्थिति डिजिटल इंडिया जैसे अभियानों की सफलता के लिए बड़ी चुनौती है। 
  • इसी परिप्रेक्ष्य में केरल का 99% से अधिक डिजिटल साक्षरता हासिल करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

केरल की उपलब्धि 

  • राज्य के 1.5 करोड़ लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में लगभग 21.88 लाख लोग डिजिटल रूप से अशिक्षित पाए गए।
  • इनमें से 21.87 लाख (99.98%) ने प्रशिक्षण लेकर मूल्यांकन सफलतापूर्वक पूरा किया।
  • इस प्रकार राज्य को पूर्णतः डिजिटल साक्षर घोषित किया गया। सबसे वरिष्ठ शिक्षार्थी 104 वर्षीय एम.ए. अब्दुल्ला मौलवी बाक़वी रहे।

इसकी महत्ता

  • यह उपलब्धि ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक डिजिटल अंतराल को कम करने में मदद करेगी।
  • वरिष्ठ नागरिकों व गृहिणियों जैसे समूह अब ऑनलाइन बिल भुगतान, ई-सेवाओं का उपयोग और सोशल मीडिया पर सहभागिता कर पा रहे हैं।
  • इससे समाज में समान अवसर एवं सुगमता सुनिश्चित हुई है।

डिजी केरल परियोजना के बारे में

  • वर्ष 2021 में पुल्लमपारा पंचायत से इसकी शुरुआत हुई। बाद में इसे पूरे राज्य में लागू किया गया। स्वयंसेवी युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रशिक्षक की भूमिका निभाई।
  • यह परियोजना सरकार की K-SMART पहल से जुड़ी है, जिसके तहत भवन अनुमति से लेकर जन्म प्रमाणपत्र तक सभी सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।

अन्य राज्यों के लिए सबक

  • डिजिटल साक्षरता को केवल शहरों तक सीमित न रखकर ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक पहुँचाना चाहिए।
  • युवाओं की भूमिका प्रशिक्षण और जागरूकता में निर्णायक हो सकती है।
  • राज्य सरकारों को अपनी डिजिटल सेवाओं को नागरिकों तक सरल रूप में पहुँचाने का प्रयास करना चाहिए।

आगे की राह

  • अन्य राज्यों को केरल के इस मॉडल से प्रेरणा लेकर डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
  • डिजिटल सुरक्षा और साइबर साक्षरता पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत नीति से डिजिटल इंडिया अभियान को गति दी जा सकती है।
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