संदर्भ
अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक नई मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ‘MAM01’ ने प्रारंभिक क्लीनिकल ट्रायल में मलेरिया संक्रमण से मजबूत सुरक्षा प्रदान करने में सफलता दिखाई है। यह खोज मलेरिया उन्मूलन के प्रयासों में एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मानी जा रही है।
MAM01 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में
- MAM01 एक प्रयोगशाला निर्मित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है जिसे मलेरिया संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
- यह प्लासमोडियम फल्कीपरुम (Plasmodium Falciparum) परजीवी के सिर्कुमस्पोरोजाईट प्रोटीन (Circumsporozoite Protein) के अत्यधिक संरक्षित भाग को लक्ष्य बनाती है।
- इससे संक्रमण को रक्त प्रवाह तक पहुँचने से पहले ही अवरुद्ध कर दिया जाता है। परीक्षणों में पाया गया कि MAM01 ने खुराक पर निर्भर पूर्ण सुरक्षा प्रदान की और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए।
मुख्य विशेषताएँ
- प्रशासन : इसे एकल इंजेक्शन (Single Injection) के रूप में दिया जाता है जो लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है।
- लाभार्थी समूह : यह विशेष रूप से छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी है जो मलेरिया-प्रभावित क्षेत्रों में सर्वाधिक संवेदनशील समूह हैं।
- तेज प्रभावशीलता : यह एंटीबॉडी शरीर में प्रवेश के तुरंत बाद प्रतिरक्षा प्रदान करती है जबकि पारंपरिक वैक्सीन में समय लगता है।
क्या हैं मोनोक्लोनल एंटीबॉडी
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) प्रयोगशाला में तैयार की गई प्रोटीन होती हैं जो शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली की नकल करती हैं।
- ‘Monoclonal’ शब्द का अर्थ है कि ये एक ही प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका (B Cell) की क्लोनिंग द्वारा बनाई गई होती हैं- यानी सभी एंटीबॉडी समान होती हैं।
निर्माण प्रक्रिया
- वैज्ञानिक एक विशेष B सेल को क्लोन कर बड़ी मात्रा में समान एंटीबॉडी बनाते हैं।
- ये एंटीबॉडी किसी विशिष्ट एंटीजन, जैसे- वायरस, बैक्टीरिया, कैंसर कोशिका या रोगजनक अणु को अत्यधिक सटीकता से निशाना बनाती हैं।
- यह उच्च विशिष्टता अनपेक्षित दुष्प्रभावों की संभावना को कम करती है।
उपयोग
- कैंसर, स्वप्रतिरक्षी बीमारियों एवं संक्रामक रोगों के उपचार में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का व्यापक उपयोग किया जाता है।
- MAM01 जैसी एंटीबॉडीज भविष्य में मलेरिया नियंत्रण और रोकथाम के लिए लंबे समय तक एक प्रभावी उपाय बन सकती हैं।