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माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज एवं औद्योगिक सुरक्षा संबंधी मुद्दे

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय)
संदर्भ

30 जून, 2025 को हैदराबाद में सिगाची इंडस्ट्रीज की फार्मा इकाई में माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज (Microcrystalline Cellulose: MCC) उत्पादन के दौरान विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई।

माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज (MCC) का अवलोकन

  • रासायनिक गुण : रासायनिक रूप से निष्क्रिय होता है, मानव शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होता है और त्वचा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता है।
  • भौतिक गुण : बाइंडर एवं टेक्सचराइज़र के रूप में कार्य करता है जो दवाओं के वजन को नियंत्रित करता है और सक्रिय सामग्री को प्रभावी बनाता है।
  • उपयोग:
    • फार्मास्यूटिकल उद्योग : दवाओं में वजन एवं स्थिरता प्रदान करने के लिए
    • खाद्य उद्योग : टेक्सचर एवं स्थिरता बढ़ाने के लिए
    • कॉस्मेटिक उद्योग : उत्पादों की बनावट में सुधार
    • अन्य उद्योग : विभिन्न औद्योगिक अनुप्रयोगों में
  • उत्पादन प्रक्रिया : सुरक्षित पदार्थ होने के बावजूद इसके उत्पादन में जोखिम भरी प्रक्रियाएँ शामिल हैं, जो उचित सुरक्षा प्रोटोकॉल के बिना खतरनाक हो सकती हैं।

हैदराबाद विस्फोट घटना के बारे में

  • स्थान और समय : सिगाची इंडस्ट्रीज, हैदराबाद; 30 जून 2025
  • क्षति : कम से कम 36 व्यक्तियों की मौत, कई श्रमिक घायल
  • प्रभावित समूह : मुख्यत: प्रवासी मजदूर, (सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर)
  • संदिग्ध कारण : उपकरण की खराबी, संभवतः अपर्याप्त रखरखाव के कारण।
  • परिणाम : असामान्य तापमान वृद्धि, जिसके कारण विस्फोट हुआ।
  • प्रतिक्रिया :
    • आपदा प्रबंधन एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया
    • तेलंगाना सरकार ने 1 करोड़ की अनुग्रह राशि की घोषणा की है, जिसे परिवारों तक पहुँचाने की आवश्यकता है।
    • दुर्घटना के कारणों एवं सुरक्षा उल्लंघनों की जाँच।

फार्मा उद्योग का महत्व

आर्थिक योगदान

  • भारत का फार्मा उद्योग विदेशी मुद्रा अर्जन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल उत्पादक (मात्रा के आधार पर) और जेनेरिक दवाओं का अग्रणी निर्यातक है।

वैश्विक स्थिति

  • भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में जाना जाता है, जो सस्ती व गुणवत्तापूर्ण दवाएँ प्रदान करता है।
  • वैश्विक माँग: कोविड-19 महामारी के बाद दवाओं एवं टीकों की माँग में वृद्धि।

चुनौतियाँ

  • बार-बार होने वाली दुर्घटनाएँ : अगस्त 2024 में अनकापल्ली (विशाखापट्टनम) और अप्रैल 2024 में हैदराबाद में अन्य दुर्घटनाएँ।
  • सुरक्षा मानकों का पालन न करना : खराब रखरखाव, अपर्याप्त प्रशिक्षण और जोखिम प्रबंधन की कमी।

औद्योगिक सुरक्षा की कमियाँ

सुरक्षा उपायों की कमी

  • HAZOP (हैज़र्ड एंड ऑपरेबिलिटी स्टडी): प्रक्रिया जोखिम विश्लेषण की अनुपस्थिति या अपर्याप्त कार्यान्वयन
  • डाटा एकीकरण: असामान्यताओं का पता लगाने वाले डाटा के संचालन व नियंत्रण में एकीकरण न होना
  • प्रशिक्षण: ऑपरेटरों को सुरक्षा प्रोटोकॉल और जोखिम जागरूकता के लिए अपर्याप्त प्रशिक्षण

सुरक्षा संस्कृति का अभाव

  • ऑपरेटरों, प्रबंधकों और श्रमिकों में जोखिमों के प्रति सतत जागरूकता की कमी।
  • वैश्विक सुरक्षा मानकों का पालन न करना, जो भारत के फार्मा उद्योग की प्रतिष्ठा को प्रभावित करता है।
  • उपकरण रखरखाव: रखरखाव में कमी के कारण उपकरण की खराबी, जो विस्फोट का संभावित कारण थी।

सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

प्रवासी मजदूर

  • प्रभावित : अधिकांश मृतक उत्तर और पूर्वी भारत के युवा, गरीब, प्रवासी मजदूर
  • चुनौतियाँ : सामाजिक समर्थन की कमी, कम वेतन और खतरनाक कार्यस्थल
  • नीतिगत आवश्यकता : प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा नीतियाँ

परिवारों पर प्रभाव

  • आर्थिक संकट : मृतकों के परिवारों की आजीविका पर प्रभाव
  • अनुग्रह राशि : 1 करोड़ की राशि का प्रभावी वितरण सुनिश्चित करना

उद्योग पर प्रभाव

  • प्रतिष्ठा को नुकसान : बार-बार होने वाली दुर्घटनाएँ भारत के फार्मा उद्योग की वैश्विक छवि को प्रभावित करती हैं।
  • व्यापार पर प्रभाव : वैश्विक व्यापार भागीदारों का विश्वास कम होना, विशेष रूप से सुरक्षा मानकों को लेकर।

सुझाव और उपाय

  • सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन
    • नियमित HAZOP और जोखिम विश्लेषण अनिवार्य करना।
    • उपकरण रखरखाव और डाटा एकीकरण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) लागू करना।
  • प्रशिक्षण और जागरूकता 
    • ऑपरेटरों और श्रमिकों के लिए नियमित सुरक्षा प्रशिक्षण
    • प्रबंधन और श्रमिकों में सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देना
  • प्रवासी मजदूरों के लिए नीतियाँ
    • सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ, जैसे- बीमा और स्वास्थ्य सुविधाएँ
    • कार्यस्थल पर बेहतर रहन-सहन एवं वेतन
  • नियामक सुधार
    • केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स की भूमिका को मजबूत करना
    • नियमित ऑडिट और अनुपालन जाँच
  • आपदा प्रबंधन
    • त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को अधिक मजबूत करना
    • केंद्र व राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय
  • वैश्विक प्रतिष्ठा
    • वैश्विक सुरक्षा मानकों को अपनाकर भारत के फार्मा उद्योग की विश्वसनीयता बढ़ाना
    • पारदर्शी जाँच और सुधारात्मक उपायों की घोषणा

निष्कर्ष

हैदराबाद में सिगाची इंडस्ट्रीज की MCC इकाई में विस्फोट औद्योगिक सुरक्षा और श्रमिक कल्याण के मुद्दों को उजागर करता है। फार्मा उद्योग को अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, भारत को अपनी औद्योगिक नीतियों में सुरक्षा और सामाजिक समावेशन को शामिल करके एक स्थायी और सुरक्षित औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना चाहिए।

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