(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)
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चर्चा में क्यों
ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने mRNA (messenger ribonucleic acid) तकनीक का उपयोग करके HIV को शरीर में छिपने से बाहर निकालने में (लेटेंसी रिवर्सल) सफलता प्राप्त की है, जो इस घातक वायरस के पूर्ण उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
हालिया शोध के बारे में
- परिचय : मेलबर्न के कमिंग ग्लोबल सेंटर फॉर पैनडेमिक थेरप्यूटिक्स की निदेशक डॉ. शेरोन लेविन के नेतृत्व में, शोधकर्ताओं ने mRNA तकनीक का उपयोग करके HIV को निष्क्रिय CD4+ टी-कोशिकाओं से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की है।
- प्रकाशन : यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
- शोध प्रक्रिया
- mRNA को लिपिड नैनोपार्टिकल्स (LNP) में डाला गया, जो एच.आई.वी. के ट्रांस-एक्टिवेटर ऑफ ट्रांसक्रिप्शन (Tat) प्रोटीन को कोड करता है।
- यह प्रोटीन एच.आई.वी. के ट्रांसक्रिप्शन को सक्रिय करता है, जिससे वायरस निष्क्रिय कोशिकाओं से बाहर आता है और प्रतिरक्षा प्रणाली या दवाओं द्वारा नष्ट किया जा सकता है।
- महत्व
- यह ‘शॉक एंड किल’ रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वायरस को पहले सक्रिय किया जाता है और फिर नष्ट किया जाता है।
- यह एच.आई.वी. के लिए एक संभावित कार्यात्मक इलाज की दिशा में कदम है।
- वर्तमान स्थिति: यह शोध अभी प्रयोगशाला स्तर पर है, और इसे जानवरों और मानवों पर परीक्षण की आवश्यकता है।
क्या है mRNA
- mRNA एक एकल-स्ट्रैंड वाला जैविक अणु है जो डी.एन.ए. से प्राप्त आनुवंशिक जानकारी को कोशिकाओं के राइबोसोम तक ले जाता है।
- यह कोशिकाओं को विशिष्ट प्रोटीन बनाने के लिए निर्देश देता है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
- mRNA को एक ‘मैसेंजर’ के रूप में समझा जा सकता है, जो डी.एन.ए. के जीन से प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को जोड़ता है।
- HIV के संदर्भ में, mRNA का उपयोग उन अणुओं के लिए निर्देश देने के लिए किया गया है जो वायरस को लक्षित करते हैं।
अनुप्रयोग एवं भविष्य की संभावनाएं
वैक्सीन विकास में
- संक्रामक रोगों के लिए वैक्सीन: mRNA तकनीक का उपयोग इन्फ्लूएंजा, जीका, डेंगू, मलेरिया, तपेदिक, और HIV जैसे रोगों के लिए वैक्सीन विकसित करने में हो रहा है।
- मल्टीवैलेंट वैक्सीन: एक ही mRNA वैक्सीन में कई वायरस या उनके उप-प्रकारों को लक्षित करने की क्षमता है, जैसे इन्फ्लूएंजा वैक्सीन या HIV के विभिन्न उप-प्रकारों के लिए वैक्सीन।
HIV और अन्य जटिल रोगों का उपचार
- HIV के लिए कार्यात्मक इलाज: mRNA का उपयोग HIV को निष्क्रिय कोशिकाओं से बाहर निकालने (लेटेंसी रिवर्सल) और प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट करने में मदद कर सकता है।
- वायरल रोगों के लिए थेरेपी: इसका उपयोग हेपेटाइटिस C, रेबीज, और अन्य वायरल रोगों के लिए चिकित्सा विकसित करने में हो सकता है।
कैंसर उपचार में प्रगति
- वैयक्तिकृत कैंसर वैक्सीन: mRNA का उपयोग रोगी-विशिष्ट ट्यूमर एंटीजन को लक्षित करने वाली वैक्सीन बनाने में हो रहा है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम बनाता है।
- इम्यूनोथेरेपी: mRNA कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ टी-कोशिकाओं और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी को सक्रिय करने के लिए प्रोटीन उत्पन्न कर सकता है, जैसे मेलेनोमा या फेफड़ों के कैंसर के लिए।
आनुवंशिक और दुर्लभ रोगों का उपचार
- प्रोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी: mRNA का उपयोग उन प्रोटीनों को उत्पन्न करने में हो सकता है जो आनुवंशिक रोगों, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, हेमोफीलिया, या मस्कुलर डिस्ट्रॉफी में अनुपस्थित होते हैं।
- जीन संपादन का पूरक: mRNA को CRISPR जैसे जीन संपादन उपकरणों के साथ जोड़ा जा सकता है ताकि बिना डी.एन.ए. में स्थायी परिवर्तन किए आनुवंशिक त्रुटियों को ठीक किया जा सके।
- दुर्लभ रोग: mRNA का उपयोग दुर्लभ मेटाबोलिक या न्यूरोलॉजिकल विकारों के लिए प्रोटीन उत्पादन में हो सकता है।
पुनर्जनन चिकित्सा
- ऊतक पुनर्जनन: mRNA का उपयोग उन प्रोटीनों को उत्पन्न करने में हो सकता है जो ऊतक मरम्मत या पुनर्जनन को बढ़ावा देते हैं, जैसे हृदय की मांसपेशियों की मरम्मत या त्वचा के घावों को ठीक करना।
- अंग प्रत्यारोपण: mRNA प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करके प्रत्यारोपण अस्वीकृति को कम करने में मदद कर सकता है।
ऑटोइम्यून रोग और एलर्जी
- इसका उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए प्रोटीन उत्पन्न करने में हो सकता है, जो रूमेटॉइड अर्थराइटिस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, या टाइप 1 डायबिटीज जैसे ऑटोइम्यून रोगों के उपचार में उपयोगी हो सकता है।
- एलर्जी के लिए mRNA-आधारित वैक्सीन विकसित की जा सकती हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को एलर्जी के प्रति सहनशील बनाती हैं।
महामारी प्रबंधन
- mRNA की तेजी से डिज़ाइन और उत्पादन की क्षमता इसे भविष्य की महामारियों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करने में सक्षम बनाती है।
- उदाहरण के लिए, नए वायरस या उनके उत्परिवर्तन के लिए वैक्सीन को हफ्तों में डिज़ाइन किया जा सकता है।
कृषि और पर्यावरण
- इसका उपयोग पौधों में रोग-प्रतिरोधी प्रोटीन उत्पन्न करने के लिए हो सकता है, जिससे फसल उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है।
- इसके अलावा यह पर्यावरणीय तनाव (जैसे सूखा या प्रदूषण) के प्रति प्रतिरोधी प्रोटीन उत्पन्न करने में हो सकता है।
mRNA तकनीक की प्रमुख चुनौतियाँ
- संचयन और परिवहन : mRNA वैक्सीन को अत्यंत निम्न तापमान (जैसे -70°C) पर संगृहीत करना होता है, जिससे उनका लॉजिस्टिक प्रबंधन कठिन और महंगा हो जाता है, विशेषकर विकासशील देशों में।
- यह एक कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर की मांग करता है, जो ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में सीमित होता है।
- स्थायित्व की कमी : mRNA अणु प्राकृतिक रूप से अस्थायी होता है और यह शरीर के अंदर त्वरित रूप से टूट सकता है। इसे स्थिर बनाए रखने के लिए लिपिड नैनोपार्टिकल्स (LNPs) की आवश्यकता होती है, जिनका निर्माण जटिल व महंगा है।
- प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया : कुछ मामलों में mRNA और उससे निर्मित वैक्सीन अत्यधिक इम्यून रिएक्शन पैदा कर सकते हैं, जिससे एलर्जी, बुखार या सूजन जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं।
- नैदानिक और नियामक बाधाएं : mRNA-आधारित उपचारों (विशेष रूप से कैंसर और आनुवंशिक रोगों के लिए) को कठोर नैदानिक परीक्षणों और नियामक मंजूरी की आवश्यकता होती है।
- तकनीकी जटिलताएं : HIV जैसे वायरस की उच्च उत्परिवर्तन दर और विभिन्न उप-प्रकारों की जटिलता mRNA वैक्सीन और उपचारों के डिज़ाइन को कठिन बनाती है। इसके अलावा, कुछ रोगों में mRNA की लंबे समय तक सक्रियता सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है।
आगे की राह
- उन्नत डिलीवरी सिस्टम जैसे बायोडिग्रेडबल नैनोपार्टिकल्स विकसित करना।
- AI-आधारित डिज़ाइन के साथ HIV जैसे जटिल वायरसों के लिए मल्टीवैलेंट वैक्सीन पर शोध बढ़ाना।
- स्केलेबल और लागत-प्रभावी उत्पादन के लिए भारत जैसे विकासशील देशों में स्थानीय सुविधाएं स्थापित करना।
- दुष्प्रभावों की जांच कर सुरक्षित फॉर्मूलेशन और दीर्घकालिक निगरानी प्रणाली बनाने, नियामक प्रक्रियाओं को तेज करने हेतु वैश्विक दिशानिर्देश विकसित करने, और फंडिंग बढ़ाने के लिए निजी-सरकारी भागीदारी व वैश्विक स्वास्थ्य पहलों को प्रोत्साहित करना आदि।
निष्कर्ष
mRNA तकनीक चिकित्सा, कृषि, और पर्यावरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। यह न केवल संक्रामक रोगों, कैंसर, और आनुवंशिक रोगों के लिए नए उपचार प्रदान कर सकती है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक विकास में भी योगदान दे सकती है।