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राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) 2025

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)

संदर्भ

18 नवंबर, 2025 को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) ने उदयपुर में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) की 75वीं वर्षगांठ और विश्व सांख्यिकी दिवस 2025 के अवसर पर राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (NIC) 2025 जारी किया। यह देश की आर्थिक गतिविधियों को पहचानने और व्यवस्थित करने का नया राष्ट्रीय मानक है।

क्या है NIC 2025 

  • NIC 2025 एक सरकारी प्रणाली है जिसके तहत भारत की सभी आर्थिक गतिविधियों को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। 
  • इसका प्रयोग सर्वेक्षण, जनगणना, नीति-निर्माण व आर्थिक विश्लेषण में किया जाता है। यह NIC वर्ष 2008 की जगह अब नवीन व अपडेटेड वर्गीकरण है।

पृष्ठभूमि

  • भारत में आर्थिक गतिविधियों का वर्गीकरण पहली बार वर्ष 1962 में शुरू हुआ था। 
  • समय-समय पर इसे बदलती अर्थव्यवस्था के अनुसार अद्यतन किया गया, जैसे- NIC 1970, 1987, 1990, 1998, 2004, 2008 और अब NIC 2025
  • NIC 2025 को अंतर्राष्ट्रीय मानक ISIC Revision-5 के अनुरूप तैयार किया गया है और विशेषज्ञ समिति व विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों व उद्योगों से परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया है।

उद्देश्य

  • तेजी से बदलती भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिविधियों को सही तरीके से वर्गीकृत करना
  • नए क्षेत्रों, जैसे- डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, ई-कॉमर्स आदि को शामिल करना
  • नीति-निर्माण और सांख्यिकीय सर्वेक्षणों को अधिक सटीक व उपयोगी बनाना
  • आर्थिक डाटा को पारदर्शी, तुलनात्मक एवं विश्वसनीय बनाना

मुख्य विशेषताएँ

1. नई 6-अंकीय कोडिंग संरचना

NIC 2008 में 5-अंकीय कोड थे, पर NIC 2025 में 6-अंकीय कोड होंगे, जिससे संभव हो सकेगा-

  • अधिक विस्तार
  • सूक्ष्म गतिविधियों की पहचान
  • नई आर्थिक गतिविधियों का सही वर्गीकरण 

2. सेक्टरों में बड़ा विस्तार

  • सेक्शन बढ़कर 22
  • समूह बढ़कर 257
  • श्रेणियाँ बढ़कर 463
  • उप-वर्ग बढ़कर 1887

3. मध्यस्थता सेवाओं का विस्तार

बिजली, खुदरा, लॉजिस्टिक्स, स्वास्थ्य, शिक्षा, रियल एस्टेट, खाद्य सेवाओं में मध्यस्थों की भूमिका को नई श्रेणियाँ दी गई हैं।

4. हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy) का समावेशन

कार्बन कैप्चर, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण सुधार जैसी गतिविधियों को स्पष्ट वर्गीकरण।

5. डिजिटल अर्थव्यवस्था की बेहतर पहचान

क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्लॉकचेन, प्लेटफॉर्म-आधारित सेवाएँ, वेब पोर्टल आदि के लिए अलग श्रेणियाँ।

6. उत्पादन तकनीक से स्वतंत्र

किसी गतिविधि को परंपरागत या आधुनिक तकनीक पर आधारित होने के आधार पर नहीं बाँटा जाएगा।

महत्त्व

  • आर्थिक गतिविधियों का सटीक और एकसमान रिकॉर्ड बनेगा
  • सरकार को बेहतर नीति-निर्माण और योजना बनाने में मदद
  • आर्थिक सर्वेक्षण, जनगणना, प्रशासनिक आँकड़े और राष्ट्रीय लेखा अधिक विश्वसनीय
  • तेजी से बदलते क्षेत्रों की पहचान और विकास में सहूलियत
  • राज्यों और केंद्र के बीच डेटा की समानता और पारदर्शिता
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