New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

राष्ट्रीय युवा नीति 2021 मसौदा : प्रवासी शहरी युवा

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।)

पृष्ठभूमि

भारत में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी निवास करती है। वर्ष 2019 में लगभग 360 मिलियन युवा हैं और वर्ष 2030 तक देश जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति में रहेगा। हालाँकि, यदि युवा विकास की उपेक्षा की जाती है तो इस जनसांख्यिकीय लाभांश के जनसांख्यिकीय आपदा में बदलने का खतरा बना रहता है।

प्रवासी शहरी युवाओं के समक्ष चुनौतियाँ 

  • अकुशल श्रमिक 
    • निम्न शिक्षा स्तर और सीमित कौशल के कारण वे ज्यादातर अनौपचारिक क्षेत्रों  में श्रमिक या आकस्मिक श्रमिकों के रूप में काम करते हैं। 
    • वे अधिकांशत: छोटे पैमाने के उद्योगों, निर्माण, ईंट भट्ठों, कूड़ा बीनने, कपड़ा निर्माण, स्वच्छता और घरेलू कार्य, छोटे स्वरोजगार गतिविधियों आदि में बिखरे हुए हैं। इसलिये वे सामाजिक सुरक्षा और सुरक्षित रोजगार अभाव जैसे मुद्दों से ग्रस्त रहते हैं।  
  • शोषण एवं वंचना 
    • इनके द्वारा किया जाने वाला कार्य प्राय: अनिश्चित और कम भुगतान वाला होता हैसाथ ही, कार्यस्थल पर इनके शोषण की संभावना अधिक होती है।
    • सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों से होने के कारण ये शिक्षित शहरी युवाओं की तुलना में अधिक वंचना का सामना करते हैं।
  • रोजगार असुरक्षा 
    • यह वर्ग आर्थिक झटकों के लिये अत्यधिक संवेदनशील है और कोविड-19 महामारी के दौरान इनकी वित्तीय भेद्यता को देखा गया।
    • तेजी से बदलते तकनीकी वातावरण में उनके प्रतिस्थापन की संभावना सबसे अधिक है और इसलिये उन्हें अत्यधिक रोजगार असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
  • सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच न होना 
    • प्रवासी शहरी युवा अधिवास और अन्य प्रमाणों की कमी के कारण कल्याणकारी नीतियों, सामाजिक सुरक्षा कवरेज तथा सार्वजनिक सेवाओं से वंचित रहते हैं।
    • शहरी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उनके महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद उन्हें विकास नीति में शामिल नहीं किया जाता है।

राष्ट्रीय युवा नीति मसौदा 2021 

  • एक अलग श्रेणी के रूप में पहचान 
    • वर्ष 2014 की राष्ट्रीय युवा नीति केवल प्रवासी युवाओं के लिये एक सामान्य संदर्भ का उपयोग करती थी, लेकिन यह उनके समावेशन के लिये विशिष्ट उपायों को लागू करने में विफल रही। 
    • इसके विपरीत नई मसौदा नीति, 2021 शहरी अनौपचारिक क्षेत्र में लगे युवाओं से संबंधित चुनौतियों पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए एक अलग श्रेणी के रूप में इनकी पहचान करता है। 
  • सामाजिक सुरक्षा पर बल 
    • यह राष्ट्रीय श्रम मानकों के अनुसार उनकी सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिये एक सहायता प्रणाली सुनिश्चित करते हुए इस वर्ग के समग्र विकास की परिकल्पना करता है।
    • इस मसौदे में गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को शोषण से संरक्षण के लिये सुरक्षा जाल उपलब्ध कराने की कल्पना की गई है।

मसौदे से संबंधित चिंताएँ

  • नए मसौदे में शहरी अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत युवा महिला श्रमिकों को शामिल नहीं किया गया है।
  • जबकि शहरी महिला श्रमिक गंभीर लिंग आधारित चुनौतियों, सामाजिक-सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों और सामान्य तथा विशेष रूप से कार्यस्थल परिवेश में भेदभाव का सामना करती हैं।  
  • उन्हें अवैतनिक कार्य, सुरक्षा, गोपनीयता, स्वच्छता, हिंसा, यौन शोषण, दुर्व्यवहार और तस्करी जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ता है।

सुझाव 

  • रोजगारपरक शिक्षा पर बल 
    • युवा आबादी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के महत्व को देखते हुए प्रवासी शहरी युवा आबादी को इसे प्रदान करने के लिये सभी प्रयास किये जाने चाहिये। 
    • ऐसी स्थिति में आजीवन सीखने और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा के सिद्धांतों पर आधारित एक विशेष वैकल्पिक शिक्षा मॉडल उपयोगी हो सकता है।
  • समान पहुँच
    • इस कमजोर वर्ग के लिये भारत के संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों और विभिन्न श्रम कानूनों के तहत परिकल्पित अन्य कानूनी सुरक्षा उपायों के साथ-साथ स्वास्थ्य, सुरक्षा और उपयुक्त कामकाजी परिस्थितियों को सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।
  • लैंगिक समानता पर बल 
    • प्रवासियों की लिंग-विशिष्ट आवश्यकताओं की पहचान करना महत्वपूर्ण है। 
    • प्रवासी महिला मजदूरों को प्रवासी पुरुषों से एक अलग श्रेणी के रूप में चिन्हित करने की आवश्यकता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अवसरों की उपलब्धता 
    • ग्रामीण-से-शहरी प्रवासन को कम करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षित उपाय किये जाने की आवश्यकता है। 
    • अच्छी सार्वजनिक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त आर्थिक अवसर बड़े पैमाने पर ग्रामीण-से-शहरी प्रवास को कम करने में मदद कर सकते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR