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राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान

संदर्भ 

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने विश्व टीकाकरण सप्ताह (24-30 अप्रैल) के पहले दिन राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला (MR) उन्मूलन अभियान 2025-26 का शुभारंभ किया। यह वर्ष 2026 तक खसरा एवं रूबेला को समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण है।

शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान के बारे में 

  • परिचय : यह अभियान वर्ष 2026 तक खसरा एवं रूबेला के सामुदायिक संचरण को पूर्णतः समाप्त करने पर केंद्रित है। 
  • अभियान के प्रमुख उद्देश्य (Objectives)
    • भारत को खसरा (Measles) एवं रूबेला से पूर्णतः मुक्त करना
    • 100% टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करना
    • 95% से अधिक बच्चों को MR वैक्सीन की दोनों खुराक देना
    • द्रुत एवं प्रभावी रोग निगरानी व प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत बनाना

अभियान की विशेषताएँ 

  • ‘ACT NOW’ दृष्टिकोण : राज्यों से तत्काल निगरानी, संपर्क एवं कार्रवाई की रणनीति अपनाने का आग्रह।
    • A : कवरेज में तेज़ी लाना (Accelerate Coverage)
    • C : समुदायों से संवाद करना (Communicate with Communities)
    • T : मामलों को ट्रैक एवं ट्रेस करना (Track and Trace Cases)
  • NOW : शून्य मामलों के लिए तत्काल कार्रवाई करना (Immediate Action for Zero Cases)
  • टीकाकरण : देश के प्रत्येक जिले में खसरा एवं रूबेला युक्त टीकों की 2 खुराकों के साथ 95% से अधिक टीकाकरण कवरेज के साथ उच्च जनसंख्या प्रतिरक्षा प्राप्त करना। 
    • U-WIN प्लेटफॉर्म के ज़रिए डिजिटल टीकाकरण प्रबंधन (पंजीकरण, अपॉइंटमेंट, प्रमाण-पत्र)
  • निगरानी : खसरा एवं रूबेला के लिए संवेदनशील और समय पर मामला आधारित (Case Based) निगरानी प्रणाली बनाए रखना
  • प्रकोप : खसरा एवं रूबेला प्रकोप के लिए पर्याप्त तैयारी तथा समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना
  • टीकाकरण के लिए माँग सृजन : टीकाकरण के प्रति हिचकिचाहट दूर करने और कवरेज बढ़ाने के लिए MR टीका से संबंधित मिथकों को दूर करने के लिए जन-जागरूकता अभियान संचालित करना

भारत की स्थिति 

  • भारत में वर्ष 2024 में 2023 की तुलना में खसरे के मामलों में 73% की कमी और रूबेला के मामलों में 17% की कमी दर्ज की गई है।
  • जनवरी-मार्च 2025 के दौरान देश भर के 332 जिलों में खसरा और 487 जिलों में रूबेला का कोई मामला नहीं आया है जो इन दोनों के उन्मूलन के लक्ष्य में हुई प्रगति को दर्शाता है। 

इसे भी जानिए!

खसरा एवं रूबेला की रोकथाम में असाधारण प्रयासों के लिए भारत को 6 मार्च, 2024 को वाशिंगटन डीसी में अमेरिकन रेड क्रॉस मुख्यालय में खसरा एवं रूबेला पार्टनरशिप द्वारा प्रतिष्ठित खसरा एवं रूबेला चैंपियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

खसरा एवं रूबेला के बारे में

खसरा (Measles)

  • कारण : मीसल्स वायरस के कारण होने वाला एक वायरल संक्रमण
  • प्रसार : हवा के माध्यम से खाँसी एवं छींक से फैलने वली अत्यधिक संक्रामक बीमारी 
  • सामान्य लक्षण : बुखार, खाँसी, नाक बहना, आंखों में जलन एवं शरीर पर लाल चकत्ते (रैशेस) आना 
    • यह बीमारी प्राय: बच्चों को प्रभावित करती है। 
  • जटिलताएँ : खसरा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जिसमें निमोनिया, मस्तिष्क में सूजन (Encephalitis), आंखों में संक्रमण आदि। 
    • गंभीर स्थितियों में मौत भी हो जाती है। 

रूबेला (Rubella)

  • कारण : रूबेला वायरस के कारण होने वाला एक वायरल संक्रमण
  • प्रसार : यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, विशेषकर खाँसी एवं छींक से।
  • लक्षण : रूबेला के लक्षणों में हल्का बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द एवं लाल रंग के चकत्ते (रैशेस) 
  • गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव : गर्भवती महिला को रूबेला होने पर गर्भ में पल रहा शिशु रूबेला सिंड्रोम का कारण बन सकता है जिससे जन्मजात विकार (जैसे- हृदय की समस्याएँ, आँखों की विकृतियाँ एवं श्रवण क्षमता की कमी) हो सकते हैं।
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