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प्रकृति पुनर्स्थापन कानून

चर्चा में क्यों

हाल ही में यूरोपीय संघ की पर्यावरण परिषद द्वारा प्रकृति पुनर्स्थापन कानून (Nature Restoration Law) को मंजूरी दे दी गई है। इसका उद्देश्य यूरोप के क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना और जैव विविधता को बढ़ावा देना है।

Nature-Restoration-Law

प्रकृति पुनर्स्थापन कानून के बारे में 

  • इस कानून का लक्ष्य 2030 तक यूरोपीय संघ की कम से कम 20 प्रतिशत भूमि और समुद्री क्षेत्रों को तथा 2050 तक सभी क्षीण पारिस्थितिक प्रणालियों की पुनर्स्थापना करना है।
    • इसमें आर्द्रभूमि, नदियाँ, वन, घास के मैदान, शहरी और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और उनमें रहने वाली प्रजातियों पुनर्स्थापना करना शामिल है।
  • यह कानून यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के लिए उनके प्राकृतिक आवासों के पुनर्वास के लिए बाध्यकारी लक्ष्य और दायित्व निर्धारित करता है। 
    • इन प्राकृतिक आवासों में से 80 प्रतिशत वर्तमान में खराब स्थिति में हैं।
  • यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनमें कार्बन कैप्चरिंग और संग्रहीत करने की सबसे अधिक क्षमता है।
  • इसका लक्ष्य जैव विविधता को बढ़ाना, साथ ही हमारे जल और वायु को स्वच्छ करने के लिए प्रकृति की शक्ति का उपयोग करना, फसलों का परागण करना और खाद्य सुरक्षा में सुधार करना, तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को रोकना और कम करना है।
  • उपयोगिता : यूरोपीय संघ की जैव विविधता रणनीति के एक भाग के रूप में प्रकृति पुनर्स्थापना कानून, यूरोप को वैश्विक तापमान को 1.5°C तक सीमित रखने के पेरिस समझौते के संकल्प को पूरा करने में मदद कर सकता है।

आलोचना 

  • यह कानून यूरोपीय संघ के पर्यावरण नियमों से पहले से ही प्रभावित उद्योगों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं।
  • इस प्रकार के कानून किसानों के प्रति विरोधाभासी नियमों की तरह हैं, जिसमें किसानों को खाद्य उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ अपने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की आवश्यकता होती है।
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