| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
चर्चा में क्यों
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने “ऑपरेशन व्हाइट कोल्ड्रन (Operation White Cauldron)” के अंतर्गत गुजरात के वलसाड जिले में एक गुप्त फैक्ट्री पर छापा मारकर बड़ी सफलता हासिल की।
ऑपरेशन व्हाइट कोल्ड्रन के बारे में
- यह DRI द्वारा चलाया गया एक राष्ट्रव्यापी एंटी-नारकोटिक्स (anti-narcotics) अभियान है।
- इसका उद्देश्य गुप्त रूप से चल रही उन फैक्ट्रियों का पता लगाना है जो साइकोट्रॉपिक (psychotropic) पदार्थों का निर्माण करती हैं।
- ये पदार्थ एन.डी.पी.एस. अधिनियम, 1985 (NDPS Act, 1985) के तहत प्रतिबंधित हैं।
प्रमुख लक्ष्य
- राज्यों के बीच फैले सिंथेटिक ड्रग नेटवर्क को खत्म करना।
- रासायनिक अवयवों (chemical precursors) के अवैध व्यापार पर रोक लगाना।
- भारत सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान सशक्त बनाना।
हालिया ऑपरेशन घटनाक्रम
- स्थान: वलसाड, गुजरात
- जब्ती:
- 9.55 किलो अल्प्राजोलम (तैयार रूप में)
- 104.15 किलो अल्प्राजोलम (अधूरे रूप में)
- 431 किलो कच्चा माल; जिसमें p-Nitrochlorobenzene, Phosphorous Pentasulfide, Ethyl Acetate और Hydrochloric Acid जैसे रसायन शामिल थे।
- औद्योगिक स्तर के उपकरण ।
- इससे पहले भी DRI ने अगस्त 2025 में आच्युतपुरम, आंध्र प्रदेश में ऐसी ही एक फैक्ट्री पकड़ी थी, जिसमें 119.4 किलो अल्प्राजोलम जब्त की गई थी।
|
यह भी जानें!
अल्प्राजोलम (Alprazolam) चिंता और घबराहट संबंधी विकारों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है। यह बेंजोडायजेपाइन नामक दवाओं के वर्ग से संबंधित है, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर शांत प्रभाव पैदा करके काम करती है।
|
महत्व और प्रभाव
- सिंथेटिक ड्रग व्यापार पर रोक: इस ऑपरेशन से अवैध ड्रग निर्माण और उसके राज्यों में फैलाव पर बड़ा प्रहार हुआ।
- राज्य स्तर पर समन्वय में सुधार: विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय से अपराध नेटवर्क का तेजी से पता लगाया जा सका।
- नशा मुक्त भारत अभियान को मजबूती: यह कार्रवाई सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के लक्ष्यों को आगे बढ़ाती है और समाज को मादक पदार्थों के खतरे से सुरक्षित करती है।
निष्कर्ष
“ऑपरेशन व्हाइट कोल्ड्रन” भारत की खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों की सतर्कता और कुशलता का प्रमाण है। इस अभियान ने न केवल एक बड़े ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि सरकार मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर दृढ़ है।
|
NDPS Act, 1985 क्या है!
- इसका पूर्ण रूप "Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act, 1985" है, जिसे हिंदी में "स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985" कहा जाता है।
- यह भारत का एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य स्वापक (नारकोटिक) दवाओं और मनःप्रभावी (साइकोट्रोपिक) पदार्थों से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करना है, ताकि इन पदार्थों के अवैध निर्माण, कब्ज़े, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण और उपभोग पर कड़े नियंत्रण और नियम लागू किए जा सकें।
|