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इस्लामिक सहयोग संगठन

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटना)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश)

संदर्भ 

भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में OIC के जम्मू एवं कश्मीर पर अनुचित व तथ्यात्मक रूप से गलत संदर्भों को खारिज किया है जिसमें भारतीय मुसलमानों के ‘सामाजिक बहिष्करण’ सहित कई मुद्दों पर भारत की आलोचना की गई है। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान द्वारा OIC मंच के दुरुपयोग की भी बात कही है। 

इस्लामिक सहयोग संगठन के बारे में 

  • परिचय : यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो मुस्लिम बहुसंख्यक देशों का प्रतिनिधित्व करता है। यह संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। 
  • मुख्यालय : जेद्दा, सऊदी अरब में 
  • स्थापना : 25 सितंबर, 1969 को रबात, मोरक्को में 
  • पृष्ठभूमि : इसकी स्थापना का मुख्य कारण 21 अगस्त, 1969 को यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद में लगी आग की घटना थी, जिसे मुस्लिम दुनिया ने एक गंभीर अपमान के रूप में देखा। इस घटना ने मुस्लिम देशों को एकजुट होने के लिए प्रेरित किया।
  • प्रारंभिक नाम : पहले इसे ‘इस्लामिक सम्मेलन संगठन’ (Organisation of the Islamic Conference) कहा जाता था किंतु वर्ष 2011 में इसका नाम बदलकर ‘इस्लामिक सहयोग संगठन’ (Organisation of Islamic Cooperation) कर दिया गया।
  • प्रथम शिखर सम्मेलन : पहला इस्लामिक शिखर सम्मेलन वर्ष 1969 में रबात में आयोजित हुआ, जिसमें 24 देशों ने हिस्सा लिया।
  • सदस्य देश : वर्तमान में अफ्रीका, एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप महाद्वीप के 57 देश इसके सदस्य हैं जो मुख्यत: मुस्लिम बहुसंख्यक देश हैं। 

OIC के प्रमुख उद्देश्य

  • मुस्लिम एकता को बढ़ावा देना : सदस्य देशों के बीच एकजुटता एवं सहयोग को मजबूत करना
  • इस्लाम की रक्षा : इस्लाम की छवि को बेहतर करना, इस्लामोफोबिया का मुकाबला करना और मुस्लिम समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास : शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देना
  • शांति व स्थिरता : सदस्य देशों के बीच या वैश्विक स्तर पर विवादों का समाधान करना व शांति स्थापना
  • फिलिस्तीन व अल-कुद्स : फिलिस्तीन के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करना और यरुशलम (अल-कुद्स) के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व को संरक्षित करना
  • मानवाधिकार एवं पर्यावरण : मुस्लिम देशों में मानवाधिकारों को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय संधारणीयता पर ध्यान देना
  • आतंकवाद विरोध : आतंकवाद को इस्लाम से जोड़े बिना आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करना

संरचना

OIC की संरचना में निम्नलिखित प्रमुख अंग शामिल हैं:

  • शिखर सम्मेलन (Islamic Summit) 
    • यह OIC का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
    • इसमें सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख भाग लेते हैं।
    • यह हर तीन साल में आयोजित होता है। हालाँकि, विशेष परिस्थितियों में आपातकालीन बैठकें भी बुलाई जा सकती हैं।
  • विदेश मंत्रियों की परिषद (Council of Foreign Ministers)
    • यह नीति निर्माण एवं कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है।
    • इसकी वार्षिक बैठकें आयोजित होती हैं, जिसमें विदेश नीति, क्षेत्रीय मुद्दे एवं संगठन की गतिविधियों पर चर्चा होती है।
  • स्थायी समितियाँ : विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए समितियाँ, जैसे: 
    • अल-कुद्स समिति (फिलिस्तीन एवं यरुशलम के लिए)
    • आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग समिति
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी समिति
  • सहायक संगठन एवं संस्थान : 
    • इस्लामिक विकास बैंक (IDB) : आर्थिक विकास व परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता
    • इस्लामिक शैक्षिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक संगठन (ISESCO) : शिक्षा एवं संस्कृति को बढ़ावा देना
    • अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक समाचार एजेंसी (IINA) : सूचना एवं संचार के लिए
    • इस्लामिक सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ ट्रेड : व्यापार को बढ़ावा देना

भारत और OIC : भारत OIC का सदस्य नहीं है किंतु दुनिया में दूसरी सर्वाधिक मुस्लिम आबादी होने के कारण भारत को वर्ष 2019 में OIC के विदेश मंत्रियों की बैठक में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।

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