केंद्र सरकार ने व्हाइट गुड्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के लिए आवेदन खिड़की (Application Window) फिर से खोल दी है।
क्या हैं व्हाइट गुड्स
- व्हाइट गुड्स से तात्पर्य बड़े घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से है जो घर में उपयोग होते हैं, जैसे: एयर कंडीशनर (ACs), रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, LED लाइट्स और अन्य बड़े घरेलू उपकरण।
- इनको ‘व्हाइट गुड्स (White Goods)’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि पहले ये उपकरण सफेद रंग में ही बेचे जाते थे।
PLI स्कीम फॉर व्हाइट गुड्स के बारे में
- लॉन्च : अप्रैल 2021
- क्रियान्वयन अवधि : 7 वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22 से 2028-29 तक)
- लक्षित उत्पाद : एयर कंडीशनर और LED लाइट्स के कंपोनेंट्स एवं सब-असेंबली
- कुल बजट : ₹6,238 करोड़ निर्धारित
उद्देश्य
- आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा : AC एवं LED कंपोनेंट्स का भारत में निर्माण
- आयात पर निर्भरता कम करना : विशेषकर पहले भारत में नहीं निर्मित होने वाले पार्ट्स का
- रोज़गार सृजन : विनिर्माण क्षेत्र में लाखों नई नौकरियाँ
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा : भारत को व्हाइट गुड्स निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना
विशेषताएँ
- प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव : उत्पादन के आधार पर सीधे वित्तीय प्रोत्साहन
- पूरी वैल्यू चेन कवर : छोटे पार्ट्स से लेकर बड़े असेंबली तक
- नए और मौजूदा दोनों निवेशकों के लिए खुला : भेदभाव रहित नीति
- मेड इन इंडिया पर जोर : घरेलू उत्पादन क्षमता का विस्तार
उल्लेखनीय परिणाम
- निवेश: 83 आवेदकों ने 10,406 करोड़ रुपए के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है जो योजना की लोकप्रियता एवं विश्वसनीयता को दर्शाता है।
- विनिर्माण में वृद्धि: भारत में एयर कंडीशनर एवं एल.ई.डी. लाइट्स के प्रमुख घटकों का उत्पादन शुरू हुआ है जिससे आयात पर निर्भरता कम हुई है।
- रोजगार सृजन: नई विनिर्माण इकाइयों की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
- बाजार का विस्तार: इस योजना की सफलता के कारण उद्योग में आत्मविश्वास बढ़ा है जिसके परिणामस्वरूप बाजार की मांग में वृद्धि हुई है।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता: भारत में निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता व लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार से निर्यात की संभावनाएँ बढ़ी हैं।