प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस (प्रधानमंत्री के रूप में 12वें) के संबोधन के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से विकसित भारत रोज़गार योजना की घोषणा की।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- उद्देश्य : दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना
- परिव्यय : ₹1 लाख करोड़
पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सहायता
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लक्षित करते हुए, इस भाग में दो किश्तों में ₹15,000 तक का एक महीने का कर्मचारी भविष्य निधि वेतन दिया जाएगा।
- 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले कर्मचारी इस प्रोत्साहन के पात्र होंगे। इससे लगभग 1.92 करोड़ नए कर्मचारियों को लाभ होगा।
- पहली किस्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा तथा कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी।
- पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को सभी भुगतान आधार ब्रिज भुगतान प्रणाली (ABPS) का उपयोग करके प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से किए जाएँगे।
- बचत प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी इसे बाद में निकाल सकेगा।
नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
- यह सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोज़गार सृजन को प्रोत्साहित करेगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- नियोक्ताओं को 1 लाख रुपए तक के वेतन वाले नए कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
- सरकार नियोक्ताओं को कम-से-कम छह महीने तक प्रत्येक अतिरिक्त रोज़गार के लिए, दो वर्षों तक 3000 रुपए प्रति माह तक प्रोत्साहन राशि देगी।
- विनिर्माण क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन राशि को तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
- नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।
- इससे लगभग 2.60 करोड़ अतिरिक्त रोज़गार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।