(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ व मंच- उनकी संरचना, अधिदेश) |
दुनिया भर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग का नवीनतम संस्करण जारी किया गया है। इसमें रैंकिंग में 123वीं रैंक के साथ आई.आई.टी दिल्ली भारत का शीर्ष संस्थान बन गया है।
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के बारे में
- जारीकर्ता : यह रैंकिंग लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषण फर्म क्वाक्वेरेली साइमंड्स द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाती है।
- प्रमुख संकेतक : शैक्षणिक प्रतिष्ठा, संकाय योग्यता, शोध क्षमता, साझेदारी, छात्र परिणाम, संकाय-छात्र अनुपात, अनुसंधान प्रभाव, स्नातक रोजगार क्षमता एवं अंतर्राष्ट्रीय छात्र विविधता (ISD) सहित विभिन्न प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन किया जाता है।
- इस चक्र के लिए इंटरनेशनल स्टूडेंट डायवर्सिटी (ISD) नामक एक नया संकेतक प्रस्तुत किया गया है।
- पहला संस्करण : वर्ष 2004
वैश्विक स्थिति
- पिछले 14 वर्षों से शीर्ष पर रहा मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने इस वर्ष भी ‘दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संस्थान’ का दर्जा बरकरार रखा है।
- इसके बाद इंपीरियल कॉलेज, लंदन दूसरे स्थान और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर है।
शीर्ष 5 संस्थान
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT), अमेरिका
- इम्पीरियल कॉलेज, लंदन
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूनाइटेड किंगडम
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका
भारत की स्थिति
- नवीनतम संस्करण में पिछले वर्ष की तुलना में 48% भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में सुधार हुआ है जिसमें आई.आई.टी. दिल्ली ने भारत में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- भारत के 54 विश्वविद्यालयों को इस रैंकिंग में स्थान प्राप्त हुआ है जो 2015 से 5 गुना की वृद्धि को दर्शाता है। 2015 में क्यूएस रैंकिंग में देश के केवल 11 संस्थानों को जगह मिली थी।
- 8 भारतीय विश्वविद्यालयों को पहली बार इस रैंकिंग में स्थान दिया गया है, जो इस बार किसी भी देश के लिए सर्वाधिक है। इस रैंकिंग में 12 आई.आई.टी. को शामिल किया गया है।
- आई.आई.टी. दिल्ली ने दो वर्ष में 70 से ज़्यादा पायदान का सुधार करके इस बार 123वीं रैंकिंग हासिल की है जो 2024 की रैंकिंग में 197वें और 2025 की रैंकिंग में 150वें स्थान पर था।
- 2025 की रैंकिंग में आई.आई.टी. बॉम्बे पहले स्थान पर था, जो भारतीय संस्थानों के बीच क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दूसरे स्थान पर आ गया है।
- आई.आई.टी. मद्रास ने भारत में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद आई.आई.टी. खड़गपुर एवं आई.आई.एस.सी. बैंगलोर क्रमश: चौथे व पांचवें स्थान पर हैं।
- अमेरिका (192), इंग्लैंड एवं चीन के बाद क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारत चौथा देश है जिसके सबसे ज्यादा संस्थान इस रैंकिग में शामिल हैं। इससे भारत इस रैंकिंग में सबसे तेजी से उभरता हुआ जी-20 देश बन गया है।
- नियोक्ता के लिए वैश्विक शीर्ष 100 में पांच भारतीय संस्थान शामिल हैं। आठ भारतीय विश्वविद्यालय संकाय प्रशस्ति पत्र के मामले में दुनिया के शीर्ष 100 में शामिल हैं। इनका औसत स्कोर 43.7 है जो जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम एवं अमेरिका से अधिक है।
भारत के शीर्ष 10 संस्थान एवं ओवरऑल रैंकिंग
- आई.आई.टी. दिल्ली (123)
- आई.आई.टी. बॉम्बे (129)
- आई.आई.टी. मद्रास (180)
- आई.आई.टी. खड़गपुर (215)
- आई.आई.एस.सी. बैंगलोर (219)
- आई.आई.टी. कानपुर (222)
- दिल्ली विश्वविद्यालय (328)
- आई.आई.टी. गुवाहाटी (334)
- आई.आई.टी. रुड़की (339)
- अन्ना विश्वविद्यालय (465)
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में पहली बार स्थान बनाने वाले भारतीय संस्थान
- आई.आई.टी. गांधीनगर
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी
- अशोका यूनिवर्सिटी
- गलगोटिया यूनिवर्सिटी
- शिव नादर यूनिवर्सिटी
- क्राइस्ट बेंगलुरु (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी)
- मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (भारत में 54वीं और ओवरआल 1401+ रैंकिंग)