(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
संदर्भ
मेधा पाटकर एवं अन्य पर्यावरणीय कार्यकर्ताओं ने ओडिशा के रायगढ़ में बॉक्साइट खनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की कोशिश की जिसका ओडिशा पुलिस ने विरोध किया।
रायगढ़ बॉक्साइट खनन विवाद के बारे में
- खनन प्रस्ताव : भारत के सबसे बड़े एल्युमीनियम उत्पादकों में से एक वेदांता लिमिटेड ने रायगढ़ एवं कालाहांडी जिलों में स्थित एक बड़े ‘सिजिमाली बॉक्साइट भंडार’ का खनन करने का प्रस्ताव रखा है।
- चिंता : स्थानीय समुदाय स्थानीय पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण पर संभावित नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।
- विवाद : सिजिमाली बॉक्साइट खनन परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने के लिए एक सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की गई थी किंतु यह विवादग्रस्त हो गई।
- विरोध एवं सक्रियता : ग्रामीण लोग खनन प्रस्तावों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपनी भूमि और आजीविका के नुकसान तथा संभावित पर्यावरणीय क्षति का डर है।
रायगढ़ में बॉक्साइट खनन का प्रभाव
पर्यावरणीय क्षति
- वनों की कटाई : सिजिमाली परियोजना में 699 हेक्टेयर वन भूमि प्रभावित।
- जैव विविधता हानि : 73 प्रकार के वृक्ष, 21 प्रकार की घास, 20 स्तनपायी प्रजातियां, और कई सरीसृप, पक्षी व उभयचर खतरे में।
- जल स्रोतों में व्यवधान : नदियाँ और झरने सूख रहे हैं, जिससे कृषि एवं दैनिक उपयोग के लिए पानी की कमी।
- वायु व जल प्रदूषण : खनन एवं परिवहन से धूल के कारण वायु प्रदूषण, विशेषकर गर्भवती महिलाओं में श्वसन समस्याएँ; खनन कचरे से जल प्रदूषण की संभावना।
- भूमि क्षरण : खुली खदानों के कारण रेगिस्तान निर्माण, भूस्खलन व अचानक बाढ़।
आजीविका पर प्रभाव
- विस्थापन : सिजिमाली परियोजना में 18 गाँवों की 100 परिवारों का विस्थापन और 500 अतिरिक्त परिवारों की आजीविका पर प्रभाव।
- कृषि भूमि की हानि : धूल और खनन कचरे से खेत बंजर, जिससे खाद्य आत्मनिर्भरता में कमी।
- रोजगार के सीमित अवसर : नौकरियों का वादा अधूरा, स्थानीय लोगों को न्यूनतम रोजगार।
सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभाव
- आदिवासी समुदायों पर खतरा : आदिवासी और दलित परंपराओं, सांस्कृतिक पहचान व बफलिमाली पहाड़ी जैसे पवित्र स्थलों पर प्रभाव।
- अधिकारों का उल्लंघन : वन अधिकार अधिनियम (2006) और पेसा अधिनियम (1996) का उल्लंघन, अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की सहमति के बिना खनन।
- सामुदायिक विरोध : ग्रामीणों का तीव्र विरोध, यू.ए.पी.ए. के तहत गिरफ्तारी एवं जन सुनवाई के दौरान पुलिस दमन।
स्वास्थ्य समस्याएँ
श्वसन रोग: धूल से बढ़ता वायु प्रदूषण, विशेषकर श्वसन संबंधी समस्याएँ।
बॉक्साइट के बारे में
- परिचय : यह खनिज अयस्क मुख्यत: एल्यूमिनियम ऑक्साइड (Al₂O₃) से बना होता है।
- यह एल्यूमिनियम धातु का प्राथमिक स्रोत है।
- रासायनिक संरचना
- मुख्य घटक : एल्यूमिनियम ऑक्साइड (40-60%)।
- अन्य तत्व : आयरन ऑक्साइड, सिलिका एवं टाइटेनियम डाइऑक्साइड
- जलयुक्त एल्यूमिनियम ऑक्साइड के रूप में मौजूद, जैसे- गिब्साइट, बोहेमाइट एवं डायस्पोर
- उत्पत्ति और भूविज्ञान
- उष्णकटिबंधीय एवं उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अपक्षय द्वारा निर्मित।
- लैटेराइट मृदा में पाया जाता है, जो एल्यूमिनियम युक्त चट्टानों के अपक्षय से बनती है।
- उपयोग
- एल्यूमिनियम उत्पादन : बॉक्साइट को बेयर प्रक्रिया द्वारा शुद्ध कर एल्यूमिना बनाया जाता है, जिससे एल्यूमिनियम धातु प्राप्त होती है।
- एल्यूमिनियम उत्पाद, जैसे- हवाई जहाज, बर्तन, पैकेजिंग एवं निर्माण सामग्री में महत्वपूर्ण।
- अन्य उपयोग: अपघर्षक, सीमेंट, रासायनिक उद्योग में।
भारत में बॉक्साइट की प्रसिद्ध खानें
- ओडिशा : कालाहांडी, सुंदरगढ़, बोलांगीर और पंचपटमाली खान
- झारखंड : रांची, पलामू, लोहरदगा और गुमला, दुमका
- छत्तीसगढ़ : बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और रायगढ़
- मध्य प्रदेश : शहडोल, मंडला, बालाघाट और जबलपुर
- महाराष्ट्र : कोल्हापुर, रत्नागिरी और सतारा
- आंध्र प्रदेश : विशाखापत्तनम, अरकु घाटी
- गुजरात : जामनगर और कच्छ
- तमिलनाडु : नीलगिरि और सेलम
- उत्तर प्रदेश : बांदा, ललितपुर, और वाराणसी
विश्व में बॉक्साइट की प्रसिद्ध खानें
- ऑस्ट्रेलिया : वाइपा खान, गोव और हंटली खानें, बॉक्साइट हिल्स
- गिनी : सांगारेडी खान, किंदिया और फ्रिया
- ब्राजील : पारागोमिनास खान (पारा), जुरुटी खान (पारा)
- जमैका : जमाल्को खान, कर्कवुड और सेंट एन
- चीन : शांक्सी और हेनान प्रांत, गुआंग्शी
- इंडोनेशिया : बिंटन और तायन
- वियतनाम : लाम डोंग और डक नोंग
- घाना : आवासो खान
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