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भारत में आरक्षण

आरक्षण क्या है ?

  • परिभाषाआरक्षण वह नीति है जिसके तहत समाज के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SC, ST, OBC, EWS आदि) तथा महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों को शिक्षा, रोजगार और राजनीति में विशेष अवसर (Affirmative Action) प्रदान किए जाते हैं।
  • उद्देश्यसामाजिक न्याय, समान अवसर और ऐतिहासिक विषमताओं का निवारण।

आरक्षण से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 15
    • 15(4) राज्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBCs), SC और ST के लिए शैक्षणिक संस्थानों में विशेष प्रावधान कर सकता है।
    • 15(5) – निजी शैक्षणिक संस्थानों (अल्पसंख्यक संस्थानों को छोड़कर) में भी आरक्षण की व्यवस्था।
    • 15(6) – आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण (103वाँ संविधान संशोधन, 2019)।
  • अनुच्छेद 16
    • 16(4)राज्य पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दे सकता है।
    • 16(4A)SC/ST के लिए पदोन्नति में आरक्षण।
    • 16(4B) आरक्षित पदों की कैरी-फॉरवर्ड नीति
  • अनुच्छेद 46
    • राज्य का कर्तव्य कि वह SC, ST और अन्य कमजोर वर्गों की शिक्षा और आर्थिक हितों को विशेष रूप से बढ़ावा दे।
  • अनुच्छेद 243D व 243T
    • पंचायतों और नगरपालिकाओं में SC, ST और महिलाओं के लिए आरक्षण।
  • अनुच्छेद 330 और 332
    • लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में SC और ST के लिए सीटों का आरक्षण।
  • अनुच्छेद 335
    • SC/ST को सेवाओं में नियुक्ति और पदोन्नति में अवसर देते समय प्रशासन की दक्षता को ध्यान में रखना।

आरक्षण की वर्तमान स्थिति (केंद्रीय स्तर पर)

वर्ग

प्रतिशत आरक्षण

अनुसूचित जाति (SC)

15%

अनुसूचित जनजाति (ST)

7.5%

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)

27%

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)

10%

कुल = लगभग 60% (हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने 50% की सीमा तय की थी, जिसे EWS आरक्षण के बाद पार किया गया)।

उद्देश्य और महत्व

  • ऐतिहासिक अन्याय की भरपाई।
  • शिक्षा और रोज़गार में समान अवसर।
  • लोकतांत्रिक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व।
  • सामाजिक न्याय और समावेशी विकास।

भारत में आरक्षण के प्रमुख न्यायिक निर्णय : 

1. इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ (Indra Sawhney vs Union of India, 1992)

  • सुप्रीम कोर्ट की 9-न्यायाधीशों की पीठ का ऐतिहासिक निर्णय।
  • मुख्य बिंदु:
    • अनुच्छेद 16(4) के तहत आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% तय की गई (असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर)।
    • पदोन्नति (Promotion) में आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
    • OBC वर्ग के भीतर "क्रीमी लेयर" (आर्थिक रूप से समृद्ध वर्ग) को आरक्षण के लाभों से बाहर रखा जाएगा।

2. एम. नागराज बनाम भारत संघ (M. Nagaraj vs Union of India, 2006)

  • पदोन्नति में आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
  • लेकिन इसके लिए राज्य को तीन शर्तों का पालन करना अनिवार्य बताया:
    1. अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) के पिछड़ेपन पर मात्रात्मक डेटा प्रस्तुत करना।
    2. लोक सेवाओं/नियोजन में उनके अपर्याप्त प्रतिनिधित्व को प्रमाणित करना।
    3. यह सुनिश्चित करना कि आरक्षण प्रशासनिक दक्षता (Administrative Efficiency) को प्रभावित न करे।

3. जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता (Jarnail Singh vs L. Narayan Gupta, 2018)

  • सुप्रीम कोर्ट ने नागरज निर्णय (2006) की कुछ शर्तों में संशोधन किया।
  • निर्णय:
    • पदोन्नति में आरक्षण जारी रहेगा।
    • लेकिन, SC/ST के "पिछड़ेपन" को दर्शाने हेतु मात्रात्मक डेटा एकत्र करने की शर्त हटा दी गई।
    • केवल अपर्याप्त प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता पर ध्यान देना पर्याप्त होगा।

4. जनहित अभियान बनाम भारत संघ (Janhit Abhiyan vs Union of India, 2022)

  • सुप्रीम कोर्ट ने 103वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 को बरकरार रखा।
  • निर्णय:
    • आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए 10% आरक्षण को वैध ठहराया।
    • इसे समानता के अधिकार (Right to Equality) का उल्लंघन नहीं माना।
    • 50% सीमा पर यह कहा गया कि EWS आरक्षण एक अलग श्रेणी है, इसलिए यह सीमा लागू नहीं होगी।

5. पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह (State of Punjab vs Davinder Singh, 2024)

  • सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण (Sub-classification) को संवैधानिक रूप से मान्यता दी।
  • निर्णय:
    • राज्यों को यह अधिकार है कि वे अनुसूचित जातियों के भीतर सबसे अधिक वंचित समूहों को अतिरिक्त आरक्षण दें।
    • उद्देश्य यह है कि आरक्षण के लाभ केवल कुछ चुनिंदा जातियों तक सीमित न रहें, बल्कि समान रूप से सभी उप-समुदायों तक पहुँचें।

प्रश्न :-"क्रीमी लेयर" (Creamy Layer) की अवधारणा किस केस में दी गई ?

(a) नागराज केस (2006)

(b) इंदिरा साहनी केस (1992)

(c) जरनैल सिंह केस (2018)

(d) जनहित अभियान केस (2022)

प्रश्न :-संविधान का कौन-सा अनुच्छेद पंचायतों और नगरपालिकाओं में आरक्षण से संबंधित है ?

(a) अनुच्छेद 243D और 243T

(b) अनुच्छेद 330 और 332

(c) अनुच्छेद 335

(d) अनुच्छेद 16(4A)

प्रश्न :-103वें संविधान संशोधन (2019) का संबंध किससे है ?

(a) पदोन्नति में आरक्षण

(b) पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण

(c) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण

(d) SC/ST उप-वर्गीकरण

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