(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय) |
संदर्भ
21 जुलाई, 2025 को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों में हाई-रिजॉल्यूशन ऑडियो-विजुअल सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का आदेश दिया है जो स्कूलों में बच्चों को शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण है।
क्या हैं सी.बी.एस.ई. के हालिया निर्देश
- सी.सी.टी.वी. कैमरे की अनिवार्यता : सी.बी.एस.ई. से संबद्ध सभी स्कूलों को कक्षा, गलियारे, पुस्तकालय, सीढ़ियाँ और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने होंगे। टॉयलेट एवं वॉशरूम को इससे बाहर रखा गया है।
- 15 दिन का बैकअप : कैमरों में कम-से-कम 15 दिन का ऑडियो-विजुअल फुटेज स्टोर होना चाहिए जो जरूरत पड़ने पर अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सके।
- संशोधन : यह नियम सी.बी.एस.ई. के वर्ष 2018 के संबद्धता उपनियमों में संशोधन के तहत लागू किया गया है।
महत्त्व
- सुरक्षा : सी.सी.टी.वी. कैमरे बुलिंग, झगड़े या अन्य खतरों को रोकने में मदद करेंगे, क्योंकि बच्चे और कर्मचारी जानेंगे कि उनकी गतिविधियाँ रिकॉर्ड हो रही हैं।
- त्वरित कार्रवाई : किसी भी घटना (जैसे झगड़ा या दुर्व्यवहार) की स्थिति में फुटेज के आधार पर तुरंत कार्रवाई की जा सकती है।
- सुरक्षित माहौल : बच्चों को स्कूल में सुरक्षित और सहज महसूस होगा, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होगा।
- अभिभावकों का भरोसा : माता-पिता को यह विश्वास होगा कि उनके बच्चे स्कूल में सुरक्षित हैं।
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षा मैनुअल के बारे में
- प्रकाशन : सितंबर 2021 में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने यह मैनुअल जारी किया था।
- मुख्य बिंदु :
- बच्चों की शारीरिक एवं भावनात्मक सुरक्षा पर जोर
- बुलिंग, उत्पीड़न एवं अन्य खतरों से बचाव
- स्कूलों में बच्चों के समग्र विकास के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना
- संवैधानिक आधार : मैनुअल में कहा गया है कि बच्चों को सम्मान के साथ जीने और सुरक्षित माहौल में शिक्षा प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 21) है।
- सी.बी.एस.ई. का समर्थन : सी.बी.एस.ई. के नए निर्देश इस मैनुअल के दिशानिर्देशों के अनुरूप है।
सरकार की अन्य पहल
- पॉक्सो अधिनियम (POCSO) : बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए वर्ष 2012 में लागू किया गया। यह स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू करता है।
- स्कूल सुरक्षा नीति, 2016 : केंद्र सरकार ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें अग्नि सुरक्षा, स्वच्छता एवं बुनियादी ढांचे की सुरक्षा शामिल है।
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ : बलिअकों की शिक्षा एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 : स्कूलों में बच्चों के समग्र विकास और सुरक्षित माहौल को प्राथमिकता दी गई।
- सुरक्षित स्कूल वाहन नीति : स्कूल बसों एवं परिवहन में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए।
चुनौतियाँ
- अत्यधिक व्यय : सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने और उनके रखरखाव का व्यय छोटे व ग्रामीण स्कूलों के लिए मुश्किल हो सकता है।
- गोपनीयता का मुद्दा : ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग से बच्चों एवं शिक्षकों की गोपनीयता पर सवाल उठ सकते हैं।
- कर्मचारियों की कमी : सी.सी.टी.वी. फुटेज की निगरानी एवं प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों की जरूरत होगी।
- तकनीकी समस्याएँ : ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली एवं इंटरनेट की कमी से सी.सी.टी.वी. प्रणाली की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
- जागरूकता की कमी : कुछ स्कूलों में नए नियमों को लागू करने के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण की कमी हो सकती है।
आगे की राह
- वित्तीय सहायता : सरकार को छोटे एवं ग्रामीण स्कूलों के लिए सी.सी.टी.वी. लगाने के लिए वित्तीय मदद प्रदान करनी चाहिए।
- प्रशिक्षण : स्कूल कर्मचारियों को सी.सी.टी.वी. सिस्टम के प्रबंधन व गोपनीयता नियमों के लिए प्रशिक्षण देना चाहिए।
- जागरूकता अभियान : स्कूलों, अभिभावकों एवं बच्चों को नए नियमों के लाभ और गोपनीयता के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए।
- निगरानी तंत्र : सी.सी.टी.वी. फुटेज के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम और समय-समय पर ऑडिट की व्यवस्था होनी चाहिए।
- तकनीकी सुधार : ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
- अन्य सुरक्षा उपाय : सी.सी.टी.वी. के साथ-साथ स्कूलों में काउंसलर, सुरक्षा गार्ड और आपातकालीन योजनाएँ भी लागू की जानी चाहिए।