भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार में लिक्विड डेरिवेटिव शेयरों से शुरुआत करते हुए एक समापन नीलामी सत्र (Closing Auction Session: CAS) शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।
मुख्य विशेषताएँ
- समापन नीलामी सत्र, किसी प्रतिभूति का अंतिम मूल्य निर्धारित करने के लिए दिन के अंत में आयोजित एक छोटी व्यापारिक अवधि होती है।
- वर्तमान प्रणाली के अंतर्गत बेंचमार्क सूचकांकों और चुनिंदा शेयरों के लिए मार्किट क्लोजिंग प्राइज़ 15 मिनट के ‘समापन सत्र’ के माध्यम से तय किया जाता है।
प्रस्ताव
- नियमित कारोबारी घंटों के बाद 30 मिनट का सी.ए.एस. शुरू किया जाएगा।
- शुरुआत लिक्विड डेरिवेटिव शेयरों (सक्रिय रूप से कारोबार किए जाने वाले, उच्च मात्रा वाले) से की जाएगी।
- क्लोजिंग प्राइज़ मांग-आपूर्ति आधारित नीलामी तंत्र के माध्यम से निर्धारित किया जाएगा।
- सत्र को चार चरणों में विभाजित किया जाएगा :
- संदर्भ मूल्य गणना
- ऑर्डर प्रविष्टि
- रैंडम क्लोज
- अंतिम मिलान
उद्देश्य
- समापन सौदों के दौरान अस्थिरता और हेरफेर को कम करना
- उचित मूल्य की खोज सुनिश्चित करना और वास्तविक बाजार मूल्य को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करना
- भारतीय बाजारों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करना
महत्त्व
- बाजार की दक्षता और पारदर्शिता में सुधार
- डेरिवेटिव निपटान, म्यूचुअल फंड और सूचकांक ट्रैकिंग के लिए एक विश्वसनीय संदर्भ मूल्य प्रदान करना
- निवेशकों का विश्वास और भागीदारी बढ़ाना