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SEZ : विनियमन, सुधार एवं महत्त्व

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक आर्थिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)

चर्चा में क्यों

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण क्षेत्रों की विशेष जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone : SEZ) नियमों में अग्रणी सुधार पेश किए हैं।

SEZ के बारे में

SEZ

  • क्या है : यह एक विशेष रूप से निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र होता है, जिसे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के लाभ और सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। 
  • विशेषता : इन क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के कर लाभ, निर्यात-उन्मुख नीतियाँ और अन्य रियायतें होती हैं, जिससे निवेशकों और उद्यमियों को आकर्षित किया जाता है।
  • मुख्य लक्ष्य
    • निर्यात को बढ़ावा देना
    • निवेश आकर्षित करना
    • आधुनिक अवसंरचना का विकास
    • रोजगार सृजन
  • प्रथम SEZ : भारत में पहला एस.ई.जेड. कांडला (गुजरात) में वर्ष 1965 में स्थापित किया गया था। 
  • शुरू में, इसे निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (EPZ) के रूप में जाना जाता था।
  • विनियमन : इसकी स्थापना एवं विनियमन के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 को लागू किया गया था।
    • यह अधिनियम वर्ष 2006 में लागू हुआ।
    • इस अधिनियम में निर्यात संवर्धन और संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण में राज्य सरकारों की प्रमुख भूमिका की परिकल्पना की गई है। 
    • 19 सदस्यीय अंतर-मंत्रालयी एस.ई.जेड. अनुमोदन बोर्ड (BoA) के माध्यम से एकल खिड़की एस.ई.जेड. अनुमोदन तंत्र प्रदान किया गया है।

SEZ संबंधी सुधारों के बारे में

  • यह सुधार एस.ई.जेड. नियम, 2006 के अंतर्गत प्रस्तुत किये गए हैं। 
  • इन संशोधनों को वाणिज्य विभाग द्वारा 3 जून, 2025 को अधिसूचित किया गया।

प्रमुख सुधार

  • सेमीकंडक्टर या इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण के लिए विशेष रूप से स्थापित एस.ई.जेड. को केवल 10 हेक्टेयर के न्यूनतम भूमि क्षेत्र की आवश्यकता होगी।
  • यह पहले के 50 हेक्टेयर की आवश्यकता से काफी कम है।
  • एस.ई.जेड. के लिए अनुमोदन बोर्ड को एस.ई.जेड. भूमि को केंद्र या राज्य सरकार या उनकी अधिकृत एजेंसियों के पास बंधक या पट्टे पर दिए जाने के मामले में ऋण-मुक्त होने की शर्त में ढील देने की अनुमति मिलती है।
  • निःशुल्क आधार पर प्राप्त और आपूर्ति की गई वस्तुओं के मूल्य को शुद्ध विदेशी मुद्रा (एन.एफ.ई.) गणना में शामिल किया जाएगा और लागू सीमा शुल्क मूल्यांकन नियमों का उपयोग करके उसका मूल्यांकन किया जाएगा। 
  • सेमीकंडक्टर के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिकी घटक विनिर्माण क्षेत्र में एस.ई.जेड. इकाइयों को लागू शुल्कों के भुगतान के बाद घरेलू टैरिफ क्षेत्र में भी घरेलू आपूर्ति करने की अनुमति दी जाएगी।

सुधार की आवश्यकता 

सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण में अत्यधिक पूंजी लगती है, यह आयात पर निर्भर हैं और इनके लाभदायक बनने में काफी समय लगता है, इसलिए इन उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अग्रणी निवेश को बढ़ावा देने और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नियम संशोधन किए गए हैं।

महत्त्व

  • देश में उच्च तकनीक विनिर्माण को बढ़ावा 
  • सेमीकंडक्टर विनिर्माण परितंत्र का विकास
  • देश में उच्च कौशल वाली नौकरियों का सृजन

SEZ-Regulation

नए एस.ई.जेड. प्रस्ताव

  • एस.ई.जेड. अनुमोदन बोर्ड ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण हेतु एस.ई.जेड. की स्थापना के लिए क्रमशः माइक्रोन सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और हुबली ड्यूरेबल गुड्स क्लस्टर प्राइवेट लिमिटेड (एक्वस ग्रुप) से प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।
  • माइक्रोन गुजरात के साणंद में 37.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 13,000 करोड़ रुपये के निवेश से अपना एस.ई.जेड. स्थापित करेगी।
  • एक्वस कर्नाटक के धारवाड़ में 11.55 हेक्टेयर क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक घटकों के विनिर्माण हेतु अपना एस.ई.जेड. स्थापित करेगी।
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