(प्रारंभिक परीक्षा: सामाजिक-आर्थिक विकास) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र -2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।) |
संदर्भ
भारत में जहरीली शराब की स्थिति एक गंभीर समस्या है, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव भी डालती है। 13 मई, 2025 को पंजाब के अमृतसर जिले में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई। इसका कारण इथेनॉल की जगह अनुचित मात्रा में मेथेनॉल का मिश्रण माना जा रहा है।
जहरीली शराब के प्रभाव
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: गैर-अनुपातिक तरीके से मेथेनॉल के मिश्रण से शराब जहरीली हो जाती है जो अत्यधिक घातक होती है। मेथेनॉल का सेवन करने से दृष्टिहीनता, अंग विफलता व मौत जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
- सामाजिक प्रभाव: इस प्रकार की घटनाएँ समाज में भय एवं असुरक्षा का माहौल उत्पन्न करती हैं। परिवारों में आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाता है क्योंकि कई बार प्रभावित व्यक्ति ही परिवार का कमाने वाला मुख्य सदस्य होता है।
- आर्थिक प्रभाव: जहरीली शराब के कारण होने वाली मौतें एवं बीमारियों से स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ता हैं जिससे आर्थिक संसाधनों की बर्बादी होती है। इसके अलावा, अवैध शराब के कारोबार से सरकार को राजस्व क्षति होती है।
- कानूनी चुनौतियाँ: जहरीली शराब के कारोबार में राजनीतिक संरक्षण की जांच की मांग शासन की जटिलता को उजागर करती है।
मेथेनॉल और इथेनॉल का विश्लेषण
मेथेनॉल (Methanol)
- प्रकृति: मेथेनॉल एक विषैला रसायन है, जिसका उपयोग औद्योगिक उत्पादों (जैसे- पेंट, सॉल्वेंट) में होता है। यह सस्ता व आसानी से उपलब्ध है।
- प्रभाव: मेथेनॉल का सेवन मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र एवं अंगों को नुकसान पहुँचाता है, जिससे अंधापन, कोमा या मौत हो सकती है।
- उपयोग: अवैध शराब निर्माता लागत कम करने के लिए मेथेनॉल का उपयोग करते हैं।
इथेनॉल (Ethanol)
- प्रकृति: इथेनॉल सुरक्षित शराब का आधार है जिसे नियंत्रित वातावरण में खाद्य सामग्री (जैसे- गन्ना, अनाज) से बनाया जाता है। यह मेथेनॉल की तुलना में महँगा है।
- प्रभाव: नियंत्रित मात्रा में इथेनॉल का सेवन हानिकारक नहीं है किंतु अवैध शराब में इसकी गुणवत्ता एवं शुद्धता सुनिश्चित करना चुनौती है।
- उपयोग: वैध शराब उद्योग इथेनॉल का उपयोग करता है किंतु अवैध निर्माता मेथेनॉल को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह सस्ता व आसानी से (ऑनलाइन भी) उपलब्ध है।
जहरीली शराब की घटनाओं को रोकने के उपाय
- कठोर कानूनी प्रवर्तन: आबकारी कानूनों का सख्ती से पालन, अवैध शराब के उत्पादन एवं वितरण पर कठोर सजा
- राजनीतिक संरक्षण की जांच: शराब माफिया को राजनीतिक समर्थन की गहन जांच एवं दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई
- मेथेनॉल की आपूर्ति पर नियंत्रण: मेथेनॉल की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन बिक्री पर सख्त निगरानी
- आबकारी विभाग का सशक्तिकरण: आबकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण एवं तकनीकी संसाधन प्रदान करना
- पारदर्शिता: जहरीली शराब की घटनाओं की स्वतंत्र जाँच एवं सार्वजनिक रिपोर्टिंग करना
- ग्रामीण जागरूकता: विशेषकर ग्रामीण एवं गरीब समुदायों में जहरीली शराब के खतरों और वैध शराब की पहचान संबंधी अभियान चलाना
- सामुदायिक निगरानी: स्थानीय समुदायों को अवैध शराब की गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहित करना
- ट्रैकिंग सिस्टम: मेथेनॉल व इथेनॉल की आपूर्ति श्रृंखला में ब्लॉकचेन-आधारित ट्रैकिंग लागू करना
- वैकल्पिक आजीविका: अवैध शराब कारोबार में शामिल लोगों के लिए रोजगार एवं पुनर्वास कार्यक्रम