New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद

(प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)

संदर्भ

थाईलैंड एवं कंबोडिया की सेनाओं के बीच सीमा विवाद को लेकर झड़प जारी है। यह झड़प दशकों पुराने सीमा विवाद का ताज़ा एवं गंभीर रूप है। तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार करने से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद के बारे में

  • यह विवाद 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है, जो इस क्षेत्र के फ्रांसीसी कब्जे से मुक्ति (स्वतंत्रता) के बाद सीमाओं के निर्धारण से शुरू हुआ।
  • यह सीमा क्षेत्र थाईलैंड के सुरिन, उबोन रत्चाथानी एवं स्रिसाकेत प्रांतों और कंबोडिया के निकटवर्ती क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
  • दोनों देश वर्तमान विवादित सीमा क्षेत्र पर अपना-अपना दावा करते हैं जिससे प्राय: सैन्य तनाव उत्पन्न होता है।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • विवाद की जड़ें 19वीं सदी में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद के समय सीमा निर्धारण से जुड़ी हैं।
  • वर्ष 2008 में कंबोडिया ने 11वीं सदी के एक खमेर-हिंदू (शिव) मंदिर को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल में दर्ज कराने का प्रयास किया, तो थाईलैंड ने इसका विरोध किया।
  • इसके बाद से इस क्षेत्र में कई बार सैन्य संघर्ष हो चुका है जिनमें दोनों ओर से सैनिक एवं नागरिक मारे गए हैं।

सीमा का महत्व

यह क्षेत्र खनिज, जल स्रोत एवं सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है। यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों देशों की सेनाओं के लिए रणनीतिक महत्व रखता है।

हालिया घटनाक्रम

  • जुलाई 2025 में झड़पों में 15 से अधिक लोगों की मौत हो गयी जिसमें ज्यादातर थाई नागरिक थे।
  • थाईलैंड का दावा है कि कंबोडिया ने पहले ड्रोन से निगरानी शुरू की और रॉकेट से हमला किया।
  • कंबोडिया का कहना है कि थाई सैनिकों ने मंदिर क्षेत्र के पास समझौते का उल्लंघन किया।
  • थाईलैंड ने 40,000 नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया और सीमा बंद कर दी।
  • कंबोडिया ने थाईलैंड के साथ व्यापारिक एवं राजनयिक संबंधों में कमी ला दी है।

चुनौतियाँ

  • राजनीतिक अस्थिरता : दोनों देशों में नेतृत्व की कमजोरी इस संघर्ष को बढ़ा सकती है। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट एवं थाईलैंड की गठबंधन सरकार के बीच विश्वास की कमी है।
  • राष्ट्रवाद का उभार : दोनों देशों के पूर्व नेताओं द्वारा अपनी छवि सुधारने के लिए इस विवाद को उकसाया जा रहा है।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा : बार-बार होने वाली झड़पों से स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं। स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा और विस्थापन एक बड़ी चुनौती है।
  • राजनयिक संवाद की कमी : किसी तटस्थ मध्यस्थता की प्रक्रिया नहीं दिख रही है। दोनों देशों के नेताओं के बीच व्यक्तिगत एवं राजनीतिक तनाव स्थिति को अधिक जटिल बना रहे हैं।

आगे की राह

  • सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान : अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत वार्ता एवं मध्यस्थता से समाधान निकालना चाहिए।
  • यूनेस्को एवं ASEAN की भूमिका : अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं विवादित क्षेत्रों पर तटस्थ रुख अपनाते हुए समाधान में सहायता कर सकती हैं।
  • सीमावर्ती लोगों की सुरक्षा : तत्काल मानवीय सहायता और पुनर्वास कार्यक्रमों को मजबूत करना होगा।
  • राजनीतिक इच्छाशक्ति : दोनों देशों के नेताओं को दीर्घकालिक समाधान की दिशा में गंभीर एवं सशक्त प्रयास करने होंगे।
  • सांस्कृतिक धरोहरों का साझा संरक्षण : विवादित मंदिर को संयुक्त रूप से संरक्षित करने की दिशा में समझौता किया जा सकता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X