(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय) |
संदर्भ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सर्पदंश एनवेनेमेशन (Snakebite Envenomation) को ‘उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग’ मानता है। प्रतिवर्ष विश्व में 81,000 से 1.38 लाख मौतें सर्पदंश के कारण होती हैं जिनमें से लगभग आधी मौतें भारत में होती हैं। हालिया अध्ययन बताते हैं कि भारत में आधिकारिक आंकड़े वास्तविक मामलों से कम हैं और उपचार की लागत, खराब प्रशिक्षण एवं धीमी चिकित्सा उपलब्धता से कई जानें चली जाती हैं।
क्या है सर्पदंश एनवेनेमेशन (Snakebite Envenomation)
- जब विषैले सर्प के काटने से शरीर में विष (Venom) प्रवेश कर जाता है तो इसे एनवेनेमेशन कहा जाता है।
- यह विष रक्त को जमने से रोक सकता है, तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है और गंभीर स्थिति में अंगों को नुकसान पहुँचाकर मौत तक का कारण बन सकता है।
भारत में स्थिति
- भारत दुनिया में सर्वाधिक सर्पदंश मौतों वाला देश है। अनुमानतः प्रतिवर्ष 45,000-58,000 मौतें होती हैं।
- लगभग 50% मौतें अस्पताल पहुँचने से पहले ही हो जाती हैं। अधिकांश मामले ग्रामीण क्षेत्रों में होते हैं जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सीमित है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्या, त्वचा की क्षति, किडनी व हार्ट समस्याएँ, मनोवैज्ञानिक आघात और अंग-भंग जैसे दीर्घकालिक प्रभाव सामान्य हैं।
- जनवरी 2025 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी एक निर्णय में कहा था कि सर्पदंश के उपचार में महत्वपूर्ण ‘विष रोधी’ (एंटी-वेनम) की कमी के कारण देश एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है।
मुख्य कारण
- समय पर अस्पताल न पहुँच पाना और पारंपरिक उपचारों पर भरोसा
- एंटी-वेनम की सही जानकारी व उपयोग में कमी
- ग्रामीण एवं दूरदराज़ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव
- निजी अस्पतालों में उच्च उपचार लागत (27,000 रुपए तक)
- सरकारी अस्पतालों में एंटी-वेनम नि:शुल्क होने के बावजूद जागरूकता की कमी
- स्वास्थ्यकर्मियों का सर्पदंश प्रबंधन में अपर्याप्त प्रशिक्षण
उपचार
- सबसे प्रभावी उपचार एंटी-वेनम (Antivenom) है। मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना आवश्यक है, विशेषकर पहले 1–2 घंटे में।
- शारीरिक जटिलताओं के लिए अतिरिक्त उपचार, जैसे- IV Fluids, वेंटिलेशन सपोर्ट, डायलिसिस (किडनी फेलियर में) आदि।
- पुनर्वास (Rehabilitation) और मनोवैज्ञानिक सहायता भी आवश्यक है क्योंकि कई मरीज दीर्घकालिक दर्द, कमजोरी व चिंता से जूझते हैं।
चुनौतियाँ
- ग्रामीण क्षेत्रों में देर से अस्पताल पहुँचना
- स्वास्थ्यकर्मियों का अपर्याप्त प्रशिक्षण
- एंटी-वेनम की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता
- निजी अस्पतालों में अत्यधिक व्यय से गरीब परिवार पर अत्यधिक आर्थिक प्रभाव
- बीमा कवरेज की कमी
- अध्ययन के अनुसार केवल 12% पीड़ितों के पास स्वास्थ्य बीमा है।
- व्यापक एवं सटीक डाटा की कमी
- उपचार के बाद दीर्घकालिक फॉलो-अप व पुनर्वास की उपेक्षा
आगे की राह
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी-वेनम की उपलब्धता और त्वरित रेफरल सिस्टम
- स्वास्थ्यकर्मियों का विशेष प्रशिक्षण
- उच्च गुणवत्ता वाला ‘नेक्स्ट-जनरेशन एंटी-वेनम’ विकसित करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाना, तांत्रिक उपचारों से दूरी और तुरंत अस्पताल पहुँचने पर जोर देना
- बीमा योजनाओं (विशेषकर आयुष्मान भारत) के बेहतर क्रियान्वयन की आवश्यकता
- सर्पदंश पीड़ितों के लिए पुनर्वास केंद्र और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना
क्या हैं बिग फोर (Big Fours)
भारत में अधिकतर मौतें चार प्रमुख विषैले साँपों के काटने से होती हैं, जिन्हें ‘बिग फोर’ कहा जाता है:
- इंडियन कोबरा (Indian Cobra)
- कॉमन करैत (Common Krait)
- रसेल वाइपर (Russell’s Viper)– सर्वाधिक काटने के मामले
- सॉ-स्केल्ड वाइपर (Saw-scaled Viper)
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