New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन एवं कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ 

  • हाल ही में, केंद्र सरकार ने लोकसभा में जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया है। इसे जन विश्वास विधेयक 2.0 कहा जा रहा है। यह पूर्व के जन विश्वास अधिनियम, 2023 पर आधारित है।
  • 2025 का विधेयक इस सुधार एजेंडे का विस्तार करते हुए 10 मंत्रालयों/विभागों की ओर से प्रशासित 16 केंद्रीय अधिनियमों को इसमें शामिल करता है। कुल 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है जिसमें 288 प्रावधानों को व्यापार सुगमता को प्रोत्साहन देने के लिए गैर-अपराधीकरण किया जाएगा और 67 प्रावधानों में जीवन सुगमता के लिए संशोधन का प्रस्ताव है।

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 की मुख्य विशेषताएँ

  • इसका उद्देश्य 42 कानूनों के 288 प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाना है ताकि व्यापार सुगमता (EoDB) को बढ़ावा दिया जा सके और नियामकीय बोझ कम किया जा सके।
    • चाय अधिनियम, 1953; विधिक माप विज्ञान अधिनियम, 2009; मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 जैसे चार अधिनियम ‘जन विश्वास अधिनियम, 2023’ का हिस्सा थे और वर्तमान विधेयक के अंतर्गत इनका और अधिक गैर-अपराधीकरण करने का प्रस्ताव है।
    • जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 जीवन सुगमता को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम, 1994 (एन.डी.एम.सी. अधिनियम) और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अंतर्गत 67 संशोधनों का भी प्रस्ताव करता है।
  • पहली बार उल्लंघन : 10 अधिनियमों के अंतर्गत 76 अपराधों के लिए परामर्श या चेतावनी।
  • गैर-अपराधीकरण : मामूली, तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूक के लिए कारावास की धाराओं को मौद्रिक दंड या चेतावनी से प्रतिस्थापित किया गया है।
  • दंडों का युक्तिकरण : दंड को आनुपातिक बनाया गया है, और बार-बार होने वाले अपराधों के लिए क्रमिक दंड दिया जाएगा।
  • न्यायिक निर्णय तंत्र : प्रशासनिक प्रक्रियाओं के माध्यम से दंड लगाने के लिए नामित अधिकारियों को सशक्त बनाया गया है, जिससे न्यायिक बोझ कम होगा।
  • जुर्माने और दंड में संशोधन : विधायी संशोधनों के बिना निवारण बनाए रखने के लिए हर तीन साल में स्वतः 10% की वृद्धि।
  • यह कई छोटे अपराधों को दीवानी दंड या आर्थिक जुर्माने में बदल देता है।
  • यह व्यापार संबंधी कानूनों में उत्पीड़न, देरी एवं आपराधिक मुकदमों की संभावना को कम करता है।
  • इसमें पर्यावरण, कृषि, मीडिया, फार्मा, उद्योग एवं व्यापार से संबंधित कानून भी शामिल हैं।
  • यह पूर्व के जन विश्वास अधिनियम, 2023 पर आधारित है। 11 अगस्त, 2023 को अधिसूचित 2023 के अधिनियम ने 19 मंत्रालयों/विभागों की ओर से प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया।

महत्त्व 

  • व्यापार सुगमता : निवेशकों का विश्वास बढ़ाना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना
  • न्यायिक बोझ कम करना : अदालतों में आपराधिक मामलों की संख्या कम करना
  • विश्वास-आधारित शासन को बढ़ावा : दंड के बजाय अनुपालन को प्रोत्साहित करना
  • स्टार्टअप्स और एम.एस.एम.ई. को समर्थन : अनुपालन की लागत और कारावास के डर को कम करना

निष्कर्ष 

जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 भारत की नियामक सुधार यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाने के साथ ही सतत आर्थिक विकास तथा बेहतर व्यावसायिक सुगमता को बढ़ावा देगा।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X