हाल ही में, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) को आंध्र प्रदेश में टंगस्टन ब्लॉक की खोज एवं खनन का लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
टंगस्टन (Tungsten) के बारे में
- यह एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक W तथा परमाणु संख्या 74 है। यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक तत्व है और इसे संक्रमण धातु के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- इसके प्रमुख उत्पादक चीन (प्रमुख वैश्विक उत्पादक), वियतनाम, रूस एवं उत्तर कोरिया हैं। इसे भारत सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण खनिज के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह कभी शुद्ध धातु के रूप में नहीं पाया जाता है बल्कि यह चट्टानों एवं खनिजों में अन्य रसायनों के साथ पाया जाता है। यह प्रकृति में वोल्फ्रामाइट व स्कीलाइट जैसे खनिज रूपों में पाया जाता है।
टंगस्टन के गुण
- इसका गलनांक सभी धातुओं में सर्वधिक 3410 °C है। 3410 °C पर इसका वाष्प दाब 4.27 पास्कल (Pa) के साथ सभी धातुओं में न्यूनतम है।
- 1650 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर इसकी तन्यता शक्ति (Tensile Strength) सभी धातुओं में सर्वाधिक होती है।
- टंगस्टन कमरे के तापमान पर ठोस होता है। टंगस्टन मिश्र धातुएँ मजबूत व लचीली होती हैं। साथ ही, घिसाव प्रतिरोधी तथा बिजली का सुचालक होती हैं।
टंगस्टन के उपयोग
- टंगस्टन का उपयोग एक्स-रे ट्यूब, प्रकाश बल्ब, उच्च गति वाले उपकरण एवं वेल्डिंग इलेक्ट्रोड जैसे उत्पादों में किया जाता है।
- इसका उपयोग रासायनिक प्रतिक्रियाओं को तीव्र करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी किया जाता है।
- टंगस्टन कार्बाइड अत्यधिक कठोर होता है और धातुकर्म, खनन व पेट्रोलियम उद्योगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- अन्य टंगस्टन यौगिकों का उपयोग सिरेमिक पिगमेंट में, कपड़ों के लिए अग्निरोधी कोटिंग्स के रूप में तथा कपड़ों के लिए रंग-प्रतिरोधी रंगों के रूप में किया जाता है।