New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

श्रमबल में महिलाओं की सहभागिता पर सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

(प्रारम्भिक परीक्षा : आर्थिक तथा सामाजिक विकास– सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 1, सबटॉपिक : महिलाओं की भूमिका)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, सयुंक्त राष्ट्र द्वारा विश्व में लैंगिक समानता की स्थिति रिपोर्ट, 2020 संस्करण जारी किया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • इस रिपोर्ट को ‘वर्ल्डस वुमन 2020 : ट्रेंड्स एंड स्टेटिस्टिक’ शीर्षक के तहत यूनाइटेड नेशसं डिपार्टमेंट ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड सोशल वेलफेयर (UN-DESA) द्वारा जारी किया गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अभी भी श्रमबल में लैंगिक समानता एक दूरगामी लक्ष्य बना हुआ है तथा कोई भी देश अभी तक इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया है।
  • इस रिपोर्ट के तहत पिछले 25 वर्षों की अवधि में महिलाओं की वैश्विक स्थिति का मूल्यांकन किया गया है। रिपोर्ट में 6 महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में लैंगिक समानता की वैश्विक स्थिति प्रस्तुत की गई है -

1. जनसंख्या एवं परिवार
2. स्वास्थ्य
3. शिक्षा
4. आर्थिक सशक्तिकरण और परिसम्पत्ति स्वामित्त्व
5. शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता
6. महिलाओं और बालिकाओं के विरूद्ध हिंसा तथा इन पर कोविड-19 का प्रभाव

labour

  • रिपोर्ट के अनुसार, श्रम बाज़ार में वर्ष 1995 से लैंगिक अंतर (Gender Gap) में कोई परिवर्तन नहीं आया है, जबकि शिक्षा, समय पूर्व विवाह तथा प्रसव और मातृ-मृत्युदर में महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है।
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि श्रम बाज़ार में 74% पुरुषों की तुलना में केवल 47% कार्यशील महिलाओं की ही सहभागिता है।
  • श्रमबल की सहभागिता में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर मुख्य कार्यशील आयु समूह (Prime Working Age : 25-54 Years) में देखा गया है। वर्ष 1995 में यह अंतर 31 प्रतिशत पॉइंट था और वर्ष 2020 में यह अंतर 32 प्रतिशत पॉइंट है।
  • भारत में श्रमबल में महिलाओं की भागीदारी 29% (पुरुषों की तुलना में) थी, जबकि लक्ष्य 50% निर्धारित किया गया था।

amount

अवैतनिक कार्य

  • इस रिपोर्ट के इंटरैक्टिव डाटा से पता चलता है कि किस प्रकार से महिलाएँ अवैतनिक घरेलू तथा देखभाल सम्बंधी कार्यों में व्यस्त रहती हैं।
  • घरेलू तथा देखभाल सम्बंधी कार्यों में महिलाओं ने एक औसत दिन में पुरुषों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक समय खर्च किया है।
  • अवैतनिक घरेलू कार्यों (Unpaid Domestic Work) में घर के रख-रखाव से सम्बंधित गतिविधियाँ, जैसे- भोजन तैयार करना, घर, बच्चों तथा बुजुर्गों की देखभाल शामिल है।

कम सहभागिता दर के कारण

  • श्रमबल में महिलाओं की कम सहभागिता दर के मुख्य कारणों मे पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ तथा अवैतनिक घरेलू कार्य हैं।
  • रिपोर्ट में अवलोकन किया गया है कि अकेले रहने वाली महिलाओं की श्रमबल में भागीदारी अधिक है, जो उनकी कुल संख्या के लगभग 80% से अधिक हैं।

अन्य आंकड़े

  • रिपोर्ट के क्षेत्रीय विश्लेषण से पता चलता है कि श्रमबल भागीदारी में लैंगिक असमानता दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है, तत्पश्चात उत्तरी अफ्रीका तथा पश्चिम एशिया हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों में महिलाएँ अवैतनिक कार्यों में कम समय तक (लगभग आधा) व्यस्त रहती हैं।
  • रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कोविड-19 महामारी लैंगिक असमानता में वृद्धि कर सकती है।

प्री फैक्ट्स :

  • सहभागिता दर - सहभागिता दर अर्थव्यवस्था की श्रम शक्ति के सक्रिय हिस्से को दर्शाती है। श्रम शक्ति सहभागिता दर किसी भी देश के समावेशी आर्थिक विकास का सूचक होती है।
  • वर्ष 1995 में चौथा विश्व महिला सम्मलेन (WCD) बीजिंग (चीन) में आयोजित किया गया था, जिसमें लैंगिक समानता तथा महिला सशक्तिकरण हेतु बीजिंग घोषणा (Beijing Declaration) की गई थी।
  • इस घोषणापत्र में महिलाओं की प्रगति, स्वास्थ्य, शासन तथा निर्णयों में भागीदारी, बच्चियों तथा महिलाओं से सम्बंधित 12 चिंता के क्षेत्र निर्धारित किये गए थे।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X