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शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (यूडीआईएसई प्लस) रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - यूडीआईएसई प्लस)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र:2 - सरकारी नीतियाँ, शिक्षा)

संदर्भ 

  • हाल ही में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने, वर्ष 2021-22 के लिए, भारत की स्कूली शिक्षा पर एकीकृत जिला सूचना प्रणाली शिक्षा प्लस (UDISE Plus) रिपोर्ट जारी की है।

यूडीआईएसई प्लस

  • UDISE Plus, UDISE का एक अद्यतन संस्करण है,  इसे स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 2018-19 में विकसित किया गया था। 
  • यह UDISE प्रणाली में मौजूद कमियों, जैसे डेटा में त्रुटियों और देरी को दूर करने के लिए लाई गयी है।
  • शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) 2012-13 में शुरू की गई थी। 
  • UDISE Plus प्रणाली में, डेटा कैप्चर, डेटा मैपिंग और डेटा के सत्यापन के संबंध में सुधार किए गए है।
  • इसमें स्कूलों से डेटा ऑनलाइन और वास्तविक समय में एकत्र किया जाता है।
  • UDISE Plus स्कूल, इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों, नामांकन, परीक्षा परिणाम आदि से लेकर मापदंडों पर जानकारी एकत्र करता है।
  • शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस रिपोर्ट, के 2021-22 संस्करण में, NEP-2020 पहल के साथ संरेखित करने के लिए पहली बार महत्वपूर्ण संकेतकों जैसे डिजिटल लाइब्रेरी, पीयर लर्निंग, हार्ड स्पॉट पहचान, स्कूल लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों की संख्या आदि पर अतिरिक्त डेटा एकत्र किया गया है।
  • यह स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणाली में से एक है।

नामांकन

  • 2021-22 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक तक स्कूली शिक्षा में कुल नामांकन की संख्या 25.57 करोड़ है, जिसमे 2020-21 की तुलना में 19.36 लाख की वृद्धि हुई है।
  • अनुसूचित जाति, के छात्रों के नामांकन की कुल संख्या 2020-21 में 4.78 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 4.82 करोड़ हो गई है।
  • अनुसूचित जनजाति के छात्रों का नामांकन 2020-21 में 2.49 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 2.51 करोड़ हो गया है।
  • ओबीसी छात्रों का नामांकन भी 2020-21 में 11.35 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 11.48 करोड़ हो गया है।
  • सकल नामांकन अनुपात (जीईआर), जो भागीदारी के सामान्य स्तर को मापता है, में भी 2020-21 के प्रदर्शन की तुलना में 2021-22 में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तरों पर सुधार हुआ है।
  • उच्चतर माध्यमिक स्तर में जीईआर, 2020-21 के 53.8% से बढ़कर 2021-22 में 57.6% हो गया है।
  • 2021-22 में, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) का कुल नामांकन 22.67 लाख है, इसमे 2020-21 में 21.91 लाख नामांकन की तुलना में 3.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में छात्रों का सबसे अधिक नामांकन और शिक्षकों की भर्ती हुई है।

नामांकन पर कोविड -19 महामारी का प्रभाव

  • कोविड -19 महामारी के कारण पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में छोटे और कमजोर बच्चों का नामांकन प्रभावित हुआ है।
  • 2021-22 में प्री-प्राइमरी से हायर सेकेंडरी में छात्रों का कुल नामांकन बढ़ा है, जबकि स्कूल के प्री-प्राइमरी सेक्शन में नामांकन कम हुआ है।

शिक्षक

  • 2021-22 में स्कूलों में कुल 95.07 लाख शिक्षक है, इनमें से आधे से अधिक महिला शिक्षिकाएं है।
  • 2020-21 के आंकड़ों की तुलना में, 2021-22 में शिक्षकों की कुल संख्या में 1.95 प्रतिशत की कमी आई है। 
  • 2021-22 में केवल प्राथमिक (34.4%) और केवल उच्च प्राथमिक (18.9%) स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के प्रतिशत में भी कमी दर्ज की गयी।
  • 2020-21 की तुलना में, 2021-22 के दौरान सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में 0.9%, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.45%, निजी स्कूलों में 2.94% और अन्य स्कूलों में 8.3% की गिरावट आई है।
  • छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर), 2021-22 में प्राथमिक स्कूलों के लिए 26, उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए 19, माध्यमिक स्कूलों के लिए 18 और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 27 है।
    • 2018-19 के आंकड़ों की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है।

स्कूलों में लड़कियाँ 

  • 2021-22 में, लगभग 12.29 करोड़ लड़कियों ने प्राथमिक से उच्च माध्यमिक शिक्षा में नामांकन कराया, 2020-21 तुलना में इसमें 8.19 लाख की वृद्धि हुई है।
  • जीईआर के लिंग समानता सूचकांक के अनुसार, स्कूली शिक्षा में लड़कियों का प्रतिनिधित्व, इसी आयु वर्ग की जनसंख्या में लड़कियों के प्रतिनिधित्व के बराबर है।
    •  इससे स्पष्ट होता है, कि स्कूली शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी में वृद्धि हुई है।

स्कूल और बुनियादी सुविधाएं

  • 2021-22 में स्कूलों की कुल संख्या, 2020-21 के 15.09 लाख से घटकर 14.89 लाख हो गई है। 
  • एक साल में 20,000 से अधिक स्कूल बंद हो गए हैं, यह निजी और अन्य प्रबंधन स्कूलों को बंद करने और विभिन्न राज्यों द्वारा स्कूलों के समूहीकरण या क्लस्टरिंग के कारण हो सकता है।
  • केवल 27% स्कूलों में, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CSWN) के लिए विशेष शौचालय हैं, और इनमें से 49% से अधिक स्कूलों में हैंड्रिल के साथ रैंप हैं।
  • 2021-22 में लगभग 77% स्कूलों में खेल के मैदान की सुविधा है, यह 2018-19  की तुलना में लगभग 3.4 प्रतिशत की वृद्धि है।
  • 2021-22 में लगभग 27.7% स्कूलों में किचन गार्डन था, इसमे 2018-19 की तुलना में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • फिट इंडिया स्कूलों के तहत, लगभग 98 लाख स्कूलों (33%) को प्रमाणित किया गया है।

कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधाएं

  • 2021-22 में 44.85% स्कूलों में कंप्यूटर की सुविधा उपलब्ध थी, जबकि इंटरनेट का उपयोग केवल 33.9% स्कूलों में ही उपलब्ध था।
    • हालांकि, पूर्व-कोविड की तुलना में उनकी उपलब्धता में सुधार हुआ है, जब केवल 38.5% स्कूलों में कंप्यूटर और 22.3% में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध थी।
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