(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: कृत्रिम बुद्धिमता; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास) |
संदर्भ
भारत अपनी राष्ट्रीय बिजली ग्रिड (दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत पावर ग्रिड) में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को गहराई से एकीकृत करने की तैयारी कर रहा है।
ऊर्जा क्षेत्र में AI अनुप्रयोग की योजना के बारे में
- इस योजना का उद्देश्य रीयल-टाइम में ग्रिड की कमजोरियों का पता लगाना, साइबर सुरक्षा बढ़ाना और बाजार में संभावित हेरफेर पर निगरानी रखना है।
- यह कदम भारत को पारंपरिक ‘फॉल्ट पश्चात् कार्रवाई’ मॉडल से हटाकर ‘फॉल्ट पूर्व रोकथाम’ के मॉडल पर ले जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- AI का उपयोग अब केवल लोड फोरकास्टिंग और रिन्यूएबल एनर्जी प्रेडिक्शन तक सीमित नहीं रहेगा।
- इसे कोर रिलायबिलिटी और सिक्योरिटी लेयर के रूप में तैनात किया जाएगा।
- यह पूरे देश की पावर ग्रिड को एक डाटा-समृद्ध व बुद्धिमत्ता प्रणाली में बदल देगा, जो स्वयं ही खतरे का पता लगाकर सुधार कर सके।
डाटा ग्रिड में उपयोग
- 40 मिलीसेकंड रेज़ॉल्यूशन पर रीयल-टाइम स्ट्रीमिंग डाटा से ग्रिड की निगरानी
- उभरती अस्थिरताओं और कमजोर बिंदुओं का पता लगाकर बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट रोकना
- ग्रिड कंट्रोल सेंटर्स को स्वतः अलर्ट भेजना और कुछ सेकंड में सुधारात्मक कदम उठाना
- राष्ट्रीय लोड डिस्पैच सेंटर (NLDC) से लेकर राज्य एवं क्षेत्रीय कंट्रोल रूम तक इसे स्केल करना
साइबर क्षेत्र में उपयोग
- साइबर सुरक्षा खतरे: ग्रिड पर मालवेयर या समन्वित साइबर हमलों का पता लगाना
- सुरक्षा: AI-आधारित खतरे पता लगाना और सुरक्षा बढ़ाना
- व्यवहार विश्लेषण : मार्केट मैनिपुलेशन, इनसाइडर कोल्यूजन और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान
- पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डाटा अधिग्रहण (SCADA) प्रणाली की सुरक्षा को मज़बूत बनाना
अन्य महत्वपूर्ण उपयोग
- बाजार निगरानी : बिजली, ईंधन एवं वित्तीय कॉन्ट्रैक्ट्स में हेरफेर की रीयल-टाइम पहचान
- नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन : 500+ GW रिन्यूएबल्स के जुड़ने पर ग्रिड स्थिरता बनाए रखना
- ईवी लोड मैनेजमेंट : इलेक्ट्रिक वाहनों के अचानक बढ़ते लोड को संतुलित करना
- ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर्स का प्रबंधन
भविष्य की संभावनाएँ
- भारत की पावर ग्रिड को ‘स्मार्ट ग्रिड’ में बदलना
- 500 GW से अधिक नवीकरणीय क्षमता का प्रबंधन संभव
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की ऊर्जा अवसंरचना को अधिक मजबूत एवं डिजिटल रूप से उन्नत बनाना
अन्य देशों से प्रेरणा
- यूरोपीय संघ (EU): AI Act लागू और पारदर्शी व जिम्मेदार AI मॉडल पर जोर
- अमेरिका (NIST Standards): व्याख्यात्मक एआई और ह्यूमन-इन-द-लूप निगरानी प्रणाली
- व्याख्यात्मक एआई (XAI) उन कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणालियों को संदर्भित करता है जिन्हें मनुष्यों के लिए पारदर्शी और समझने योग्य बनाया गया है, जिससे उपयोगकर्ता यह समझ पाते हैं कि एक एआई मॉडल किसी विशिष्ट निर्णय या भविष्यवाणी पर कैसे तथा क्यों पहुँचता है।
- भारत इन मॉडलों से प्रेरणा लेकर अपनी राष्ट्रीय AI आश्वासन रूपरेखा बना रहा है।
AI प्रयोग के प्रमुख लाभ
- ब्लैकआउट एवं पावर फेल्योर (Power Failure) की संभावना घटेगी।
- प्रतिक्रिया समय मिनटों से घटकर सेकंड में आएगा।
- ग्रिड संचालन अधिक सुरक्षित एवं कुशल बनेगा।
- ऊर्जा बाजार में पारदर्शिता व निष्पक्षता बढ़ेगी।
- उपभोक्ताओं के लिए बिजली आपूर्ति अधिक विश्वसनीय बनेगी।
चुनौतियाँ
- फॉल्स पॉज़िटिव और एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह
- ऑटोमेशन पर अत्यधिक निर्भरता
- प्रशिक्षित मानव संसाधन की कमी
- डाटा सुरक्षा एवं गोपनीयता से जुड़े जोखिम
- साइबर हमलों के लगातार विकसित होते तरीके
आगे की राह
- राष्ट्रीय AI आश्वासन फ्रेमवर्क को लागू करना
- ग्रिड ऑपरेटरों और इंजीनियरों को AI एथिक्स व डाटा साइंस में प्रशिक्षण
- Explainable AI (XAI) और मानव निगरानी को अनिवार्य बनाना
- साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना
- नवीकरणीय ऊर्जा, EV एवं ग्रीन हाइड्रोजन को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक ऊर्जा रणनीति बनाना