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राजकोषीय संघवाद (Fiscal Federalism)क्या है ? मुख्य घटक, संवैधानिक आधार, प्रमुख मुद्दे

  • भारतीय संघीय प्रणाली में निधियों और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का संघ, राज्य एवं स्थानीय सरकारों द्वारा साझा प्रबंधन ही राजकोषीय संघवाद कहलाता है। 
  • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संसाधन और राजस्व दोनों स्तरों पर उपलब्ध हों और वितरण संतुलित हो।

मुख्य सिद्धांत:-

  1. राजकोषीय समानता (Fiscal Equality)
  2. विकेंद्रीकरण प्रमेय (Decentralization Theorem)
  3. समनुषंगिता का सिद्धांत (Principle of Subsidiarity)

मुख्य घटक (Key Components)

(a) राजस्व संकलन (Revenue Collection)

  • संघ सरकार: कस्टम ड्यूटी, इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स आदि।
  • राज्य सरकार: बिक्री/सेल्स टैक्स, राज्य स्तरीय उत्पाद शुल्क।
  • साझा कर: जैसे जीएसटी (GST)।

(b) राजस्व वितरण (Revenue Sharing)

  • संघ और राज्यों के बीच कर राजस्व का विभाजन।
  • वित्त आयोग अनुशंसा करता है कि कौन सा हिस्सा राज्यों को जाएगा।

(c) सरकारी व्यय (Government Expenditure)

  • संघ सरकार: रक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंध, केंद्रीय योजनाएँ।
  • राज्य सरकार: स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्थानीय विकास।
  • कुछ योजनाएँ संयुक्त व्यय के अंतर्गत आती हैं।

(d) राजकोषीय संतुलन (Fiscal Balance)

  • आर्थिक असमानताओं को संतुलित करना।
  • अधिक समृद्ध राज्यों से कम समृद्ध राज्यों के लिए संसाधन हस्तांतरण।

भारतीय संवैधानिक आधार (Constitutional Provisions)

प्रावधान

विवरण

सातवीं अनुसूची (Article 246)

संघ और राज्य सूचियों में कर आधारों का निर्धारण।

अनुच्छेद 268

कुछ करों का वसूली एवं वितरण।

अनुच्छेद 269

संघ द्वारा लगाए कर, जिन्हें पूरी तरह राज्यों को सौंपा जाता है।

अनुच्छेद 269-A

अंतर्राज्यीय व्यापार पर GST।

अनुच्छेद 270

वित्त आयोग के अनुसार करों का वितरण।

अनुच्छेद 275

केंद्र द्वारा राज्यों को सहायता अनुदान।

अनुच्छेद 280

वित्त आयोग का गठन और संसाधन बंटवारा।

अनुच्छेद 292

संघ द्वारा घरेलू/बाहरी ऋण।

अनुच्छेद 293

राज्यों को केवल घरेलू ऋण की अनुमति।

केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों से जुड़े प्रमुख मुद्दे

  1. ऋण की सीमाएँ:
    1. राज्यों का ऋण GSDP का 3% तक सीमित। (15वां वित्त आयोग)
  2. ऊर्ध्वाधर असंतुलन:
    1. प्रमुख कर दरें केंद्र नियंत्रित करता है।
    2. राज्यों को SGST और सीमित कर अधिकार।
  3. व्यय का बोझ:
    1. राज्य सरकारों का विकासात्मक व्यय 2004-05: 8.8% GDP → 2021-22: 12.5% GDP
  4. उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge):
    1. कुल कर राजस्व का लगभग 25% राज्यों के साथ साझा नहीं।
  5. सहायता अनुदान में कमी:
    1. केंद्रीय अनुदान 1.95 लाख करोड़ (2015-16) → 1.65 लाख करोड़ (2023-24)

उद्देश्य (Objectives)

  • संसाधनों का कुशल वितरण।
  • आर्थिक समानता सुनिश्चित करना।
  • स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार वित्तीय स्वतंत्रता देना।
  • साझा राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देना।

मार्गदर्शक सिद्धांत (Guiding Principles)

  • वित्तीय स्वायत्तता केंद्र और राज्यों दोनों के लिए।
  • वैध खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि
  • बजटेतर उधारियों की समीक्षा।

आगे की राह (Way Forward)

  1. क्षैतिज असंतुलन (Horizontal Imbalance):
    1. सभी राज्यों को न्यूनतम राजकोषीय हिस्सा।
    2. निर्धन राज्यों के लिए लाभ सीमा तय करना।
  2. 16वें वित्त आयोग की भूमिका:
    1. विशेष प्रयोजन हस्तांतरण: प्रवास, जलवायु, जनसांख्यिकी।
    2. कर हिस्सेदारी निर्धारण में मानव विकास सूचकांक (HDI) का उपयोग।
  3. राजस्व वृद्धि और व्यय समन्वय:
    1. राजस्व वृद्धि को व्यय आवश्यकताओं के अनुरूप सुनिश्चित करना।
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