(प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण आयोजन एवं कार्यक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3: भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।) |
सन्दर्भ
भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (WFI 2025) का आयोजन 25 से 28 सितंबर 2025 के बीच नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 के बारे में
- यह आयोजन भारत के समृद्ध खाद्य संसाधनों, खाद्य प्रसंस्करण क्षमता और वैश्विक साझेदारी की संभावनाओं को एक मंच पर लाकर, देश को ‘वैश्विक खाद्य केंद्र’ के रूप में स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा है।
- इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर 2025 को किया।
- यह वैश्विक खाद्य उद्योग के लिए भारत की प्रतिबद्धता और नेतृत्व को प्रदर्शित करने वाला सबसे बड़ा आयोजन है, जिसमें 90 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 2000 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।
पृष्ठभूमि
- वर्ल्ड फूड इंडिया की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी।
- इसके बाद वर्ष 2023 और 2024 में भी इसके सफल संस्करण आयोजित हुए।
- WFI 2025 चौथा संस्करण है, जिसे पहले के अनुभवों के आधार पर और अधिक व्यापक, वैश्विक और नवाचार केंद्रित बनाया गया है।
उद्देश्य
- भारत को वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण हब के रूप में स्थापित करना
- विदेशी निवेश को आकर्षित करना
- खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त बनाना
- किसानों की आय बढ़ाना और रोज़गार सृजन
- टिकाऊ और पोषणयुक्त खाद्य प्रणाली को बढ़ावा देना
- प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रोत्साहित करना
मुख्य विशेषताएँ
- 90+ देशों की भागीदारी, न्यूज़ीलैंड और सऊदी अरब प्रमुख साझेदार देश, जापान, UAE, वियतनाम और रूस फोकस देश
- 2000+ प्रदर्शक, स्टार्टअप्स, MSMEs, राज्य मंडप और अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ
- बी2बी, बी2जी और जी2जी मीटिंग्स, साझेदारियाँ और निवेश प्रस्ताव
- सीईओ गोलमेज बैठकें और नीति संवाद
- भारतीय स्ट्रीट फूड, पाक प्रदर्शन, शेफ प्रतियोगिताएँ और लाइव कुकिंग
- खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन और समुद्री खाद्य प्रदर्शनी
- डिजिटल टेक्नोलॉजी ज़ोन, स्मार्ट सप्लाई चेन और AI आधारित समाधान
इसके लाभ
- खाद्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा
- कृषि से उद्योग तक की पूरी वैल्यू चेन को मज़बूती
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर
- फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करना
- भारतीय खाद्य ब्रांडों को वैश्विक बाज़ार में पहुँच
- नवाचार, R&D और स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन
खाद्य उद्योग से जुड़े महत्वपूर्ण आँकड़े
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध, प्याज और दाल उत्पादक है।
- दूसरा सबसे बड़ा फल, सब्ज़ियाँ, चाय, चावल, अंडे और गेहूँ का उत्पादक है।
- 2024-25 में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात: $49.4 बिलियन
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अब तक $7.33 बिलियन FDI
- 25 लाख से बढ़कर 64 लाख पंजीकृत खाद्य व्यवसाय
- 2.23 मिलियन (पंजीकृत) और 4.68 मिलियन (अपंजीकृत) श्रमिक
खाद्य उद्योग के समक्ष चुनौतियाँ
- कटाई के बाद की क्षति और अपर्याप्त कोल्ड चेन
- कृषि और उद्योग के बीच समन्वय की कमी
- MSMEs और सूक्ष्म इकाइयों की तकनीकी कमी
- मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण में असंगति
- निर्यात प्रक्रिया में जटिलताएँ
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, खाद्य सुरक्षा पर संकट
- पोषणहीनता के मुद्दे और असंतुलित खाद्य खपत
आगे की राह
- WFI 2025 को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ भारत वैश्विक खाद्य समाधानों का नेतृत्व कर सकता है।
- सरकार को चाहिए कि वह:
- स्थायी निवेश मॉडल बनाए।
- कृषि-प्रसंस्करण के बीच पुल मजबूत करे।
- पोषण और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
- MSMEs और स्टार्टअप्स के लिए आसान फंडिंग सुनिश्चित करे।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी को खाद्य उद्योग में सशक्त रूप से लागू करे।