इसका उद्देश्य महासागरों के संरक्षण, सतत विकास और उनके प्रति वैश्विक जागरूकता को बढ़ावा देना है।
वर्ष 2025 के लिए विश्व समुद्री दिवस की थीम- “हमारे महासागर और जलवायु के लिए कार्रवाई को उत्प्रेरित करना”
इतिहास और पृष्ठभूमि
पहली बार 1992 में रियो डी जनेरियो में संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण और विकास सम्मेलन (Earth Summit) के दौरान विश्व महासागर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
वर्ष 2008 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक रूप से 8 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मान्यता दी।
महासागर का महत्व:
महासागर पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग घेरते हैं।
महासागरों में रहने वाले फाइटोप्लांकटन पृथ्वी के ऑक्सीजन का लगभग 50% उत्पादन करते हैं।
महासागर विश्व के मौसम और जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि तापमान को संतुलित करना, तूफानों का निर्माण आदि।
80% से अधिक वैश्विक व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है।
महासागर में लाखों जीव जंतु और पौधे रहते हैं, जो जैव विविधता का बड़ा हिस्सा हैं।
मत्स्य पालन, पर्यटन, समुद्री तेल, गैस, और खनिज संसाधन महासागरों से मिलते हैं।
विश्व महासागर को खतरे:
प्रदूषण:प्लास्टिक कचरा, रसायन, तेल रिसाव आदि महासागर प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
जलवायु परिवर्तन: समुद्र के तापमान में वृद्धि, एसिडिफिकेशन (अम्लीकरण), समुद्र के स्तर में वृद्धि।
अधिक मत्स्य पालन:समुद्री जीवन की कमी।
समुद्री आवास का विनाश:तटीय विकास, क्रूज पर्यटन, जलविद्युत परियोजनाएँ आदि।
समुद्री कचरा:खासकर प्लास्टिक कचरा, जो समुद्री जीवों के लिए खतरा है।
प्रश्न. विश्व महासागर दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है? (a) 5 जून (b) 8 जून (c) 12 जुलाई (d) 15 अगस्त