New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

दापोरिजो पुल एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा रणनीति

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ सामान्य) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन)

पृष्ठभूमि

हाल ही में, सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization-BRO)  ने अरुणाचल प्रदेश में सुबनसिरी नदी पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control-LAC) के समीप मात्र 27 दिनों के रिकॉर्ड समय में दापोरिजो (Daporijo) पुल का निर्माण किया। ध्यातव्य है कि डोकलाम विवाद के बाद उत्तर-पूर्व में अनेक पुलों का निर्माण कार्य सीमा सड़क संगठन द्वारा किया गया है।

दापोरिजो पुल

  • यह पुल अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी ज़िले में ‘दपोर्जी’ को पूरे प्रदेश के साथ जोड़ता है।
  • उल्लेखनीय है कि दापोरिजो तथा तमिन पुलों पर लगभग 600 गाँव आश्रित हैं और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात लगभग 3000 के करीब जवान इन पुलों का उपयोग करते हैं। असफिला तथा माज़ा जैसे विवादित क्षेत्र भी इन पुलों से जुड़े हुए हैं।
  • समीपवर्ती क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की आपूर्तियाँ, जैसे- राशन, निर्माण सामग्री और दवाएँ इन पुलों से होकर ही पहुँचाई जाती हैं।
  • नया पुल लगभग 40 टन तक का वजन सहन कर सकता है। साथ ही, यह भारतीय सेना की वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही भविष्य में भारी वाहनों को सीमावर्ती-क्षेत्र में लाने या ले जाने के लिये एक आवश्यक बुनियादी ढाँचे का भी कार्य करेगा।
  • भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा तक जाने वाली सड़कों को मुख्य भूमि से जोड़ने की वजह से यह पुल रणनीतिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण है।

सामरिक महत्त्व

  • ध्यातव्य है कि विगत कुछ वर्षों में भारत सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के निर्माण को गति दी है, जिसमें मुख्य रूप से हवाई अड्डे, रेलवे और सड़कें शामिल हैं।
  • भारत ने ये सभी रणनीतिक अवसंरचना निर्माण, पूर्वोत्तर में चीन की बढ़ती हुई गतिविधियों को देखते हुए किये हैं, क्योंकि अपनी सीमा के पास के क्षेत्रों में चीन बेहद अच्छी सड़कों का निर्माण करवा चुका है, जहाँ वह आसानी से अपने सभी भारी वाहनों एवं हथियारों को ले जा सकता है।
  • पूर्व में, वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के पीछे, अरुणाचल प्रदेश से जुड़ा सीमा विवाद मुख्य वजहों में से एक था, जिसमें भारत को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि चीन पूरे अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा मानता है।
  • विदित है कि भारत, चीन के साथ लगभग 3488 कि.मी. लम्बी सीमा साझा करता है इसमें से लगभग 1126 किमी. सिर्फ अरुणाचल प्रदेश से लगी हुई है।
  • अभी तक दोनों देशों ने अपनी सीमाओं का विधिवत सीमांकन नहीं किया है। साथ ही, अक्सर इस क्षेत्र में चीन की तरफ से घुसपैठ या सीमा पर कब्ज़ा कर लिये जाने की खबरें आती रहती हैं।

सुबनसिरी नदी

  • यह ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है। संस्कृत के ‘स्वर्ण’ एवं ‘श्री’ शब्दों से इसका नामकरण हुआ है; पूर्व में इसके तट पर सोने की खोज होती थी, अतः इसे ‘स्वर्ण नदी’ भी कहा जाता है।
  • ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत में हिमालय से हुआ है, मिरी पहाड़ियों के रास्ते यह भारत में  प्रवेश करती है। असम के लखीमपुर ज़िले में इसका संगम ब्रह्मपुत्र से होता है।

सीमा सड़क संगठन

  • रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत इस संगठन का गठन वर्ष 1960 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश के उत्तर एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में सीमा-क्षेत्र के विकास के लिये किया गया था।
  • देश की सुरक्षा एवं अखंडता की रक्षा के लिये एवं युद्धकाल में सीमावर्ती क्षेत्रों एवं नियंत्रण रेखा की देखभाल के लिये यह एक महत्त्वपूर्ण संगठन है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR