New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

जी.एस.टी. के दायरे में प्राकृतिक गैस

चर्चा में क्यों?

  • भारत सरकार प्राकृतिक गैस को जी.एस.टी. के दायरे में लाने पर विचार कर रही है।

यह माँग क्यों?

  • वैश्विक ऊर्जा बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने सरकार से प्राकृतिक गैस को जी.एस.टी. के तहत लाने का आह्वान किया है।
  • ध्यातव्य है कि वर्तमान में पेट्रोल डीज़ल, विमानन टरबाइन ईंधन (Aviation Turbine Fuel), प्राकृतिक गैस एवं कच्चा तेल, भारत के वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे से बाहर हैं।

यह कदम क्यों महत्त्वपूर्ण है?

  • प्राकृतिक गैस को जी.एस.टी. के दायरे में लाने से बिजली और इस्पात जैसे उद्योगों (जो प्राकृतिक गैस को इनपुट के रूप में इस्तेमाल करते हैं) पर करों में पड़ने वाले कैसकेडिंग इफ़ेक्ट में कमी आएगी।
  • यद्यपि इस कदम का असर केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्यों द्वारा लगाए गए विभिन्न मूल्य वर्धित करों पर नहीं पड़ेगा।
  • इससे सरकार को अपने घोषित लक्ष्य के अनुरूप देश की ऊर्जा टोकरी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6.3% से बढ़ाकर 15% करने में सहायता मिलेगी।

वस्तु एवं सेवा कर

  • वस्तु एवं सेवा कर, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला एक अप्रत्यक्ष कर है। वस्तु और सेवा कर अधिनियम, 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था और 1 जुलाई 2017 को जी.एस.टी. कर पूरे देश में लागू हुआ।
  • यह गंतव्य आधारित कर है, जो आपूर्ति शृंखला के प्रत्येक स्तर (अर्थात्, कच्चे माल की खरीदारी से लेकर निर्माण, और थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता और अंतिम-उपयोगकर्ता को बिक्री तक प्रत्येक स्तर) पर लगता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X