शॉर्ट न्यूज़: 21 जून, 2022
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना डैशबोर्ड
थाईलैंड में मारिजुआना वैध
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नए अस्थायी सदस्य
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना डैशबोर्ड
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना- प्रबंधन सूचना प्रणाली (PMMSY-MIS) डैशबोर्ड को लॉन्च किया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा जिला स्तर पर एम.आई.एस. में डाटा संग्रहित किया जाता है, जिससे यह प्लेटफॉर्म पी.एम.एम.एस.वाई. योजना की प्रगति का एक संकेतक है।
- इस सूचना का उपयोग समन्वय, अंतराल विश्लेषण (Gap Analysis) और सुधारात्मक कार्रवाई करने में किया जाता है।
डैशबोर्ड का उद्देश्य
- पी.एम.एम.एस.वाई. योजना की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी और सभी भाग लेने वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में उनकी प्रगति का आकलन करना।
- सूचित निर्णय लेने के लिये सूचना का रणनीतिक उपयोग करना।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
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आरंभ- मई 2020 में
उद्देश्य- मछुआरों एवं अन्य हितधारकों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र के केंद्रित एवं समग्र विकास को समर्पित
लक्ष्य : वित्त वर्ष 2018-19 के 137.58 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन को लगभग 9% की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ वर्ष 2024-25 तक 220 लाख मीट्रिक टन करना
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थाईलैंड में मारिजुआना वैध
चर्चा में क्यों
थाईलैंड, मारिजुआना को चिकित्सा उपयोग के लिये गैर-अपराध घोषित करने वाला पहला एशियाई देश बन गया है। विदित है कि सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करना अभी भी कानूनी रूप से अवैध है।
प्रमुख बिंदु
- यह कैनबिस सैटिवा (Cannabis sativa) के सूखे फूलों का हरा-भूरा मिश्रण होता है। इसे भांग या गांजा आदि नामों से भी जाना जाता है।
- मारिजुआना में मुख्यतः ‘डेल्टा-9 टेट्राहाइड्रो कैनाबिनोल’ (THC) रसायन पाया जाता है। यह रसायन मुख्य रूप से मादा भांग के पौधे की पत्तियों और कलियों द्वारा उत्पादित राल (Resin) में पाया जाता है।
- जब मारिजुआना धूम्रपान किया जाता है तो टी.एच.सी. एवं अन्य रसायन फेफड़ों से रक्तप्रवाह में चले जाते हैं, जो तेजी से उन्हें पूरे शरीर व मस्तिष्क तक ले जाता है।
- वैश्विक स्तर पर उरुग्वे और कनाडा दो ऐसे देश हैं जो मारिजुआना के मनोरंजक उपयोग को वैधता प्रदान करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नए अस्थायी सदस्य
चर्चा में क्यों
हाल ही में, वर्ष 2023-2024 की अवधि के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) के पाँच नए अस्थाई सदस्यों की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- नए अस्थाई सदस्यों में इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक एवं स्विटजरलैंड शामिल है।
- ये देश भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे का स्थान लेंगे। विदित है कि इन देशों की अस्थाई सदस्यता 1 जनवरी, 2023 को समाप्त हो रही है।
- स्विट्जरलैंड और माल्टा पश्चिमी यूरोप क्षेत्र, मोज़ाम्बिक और जापान क्रमशः अफ्रीका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र तथा इक्वाडोर लैटिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई महाद्वीप में स्थित है।
- गौरतलब है कि पाँच अन्य अस्थायी सदस्य अल्बानिया, ब्राजील, गैबॉन, घाना और यू.ए.ई. है, जिनकी सदस्यता 1 जनवरी, 2024 तक रहेगी। जबकि सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका है।
चुनाव प्रक्रिया
- सुरक्षा परिषद् के सदस्यों में 15 देश शामिल हैं, जिनमें से स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार प्राप्त हैं।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देश शामिल होते हैं, जो दो वर्ष के कार्यकाल के लिये 10 अस्थायी सदस्यों का चुनाव करते हैं।
- परिषद् में सदस्यता प्राप्त करने के लिये देशों को दो-तिहाई बहुमत या 128 वोट प्राप्त करना आवश्यक होता है, भले ही वे निर्विरोध ही क्यों न हो।