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3डी प्रिंटिंग : भविष्य में अंग प्रत्यारोपण का विकल्प

संदर्भ

हाल ही में, अमेरिका के चिकित्सकों ने एक व्यक्ति में सुअर के हृदय का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। इसे चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालाँकि, अंगों का प्रत्यारोपण अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। ऐसे में, अंग प्रत्यारोपण का 3डी प्रिंटिंग विकल्प क्रांतिकारी सिद्ध हो सकता है।  

3डी प्रिंटिंग का इतिहास

पहली त्वरित प्रतिकृति प्रणाली (Rapid Prototype System) का विकास वर्ष 1981 में जापान के हिदेओ कोडमा द्वारा किया गया, जबकि ‘स्टीरियोलिथोग्राफी’ के लिये पहला पेटेंट उसी वर्ष चार्ल्स हल ने कराया था।

3डी प्रिंटिंग

  • 3डी प्रिंटिंग को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) भी कहते हैं। यह निर्माण की एक प्रक्रिया है जिसके तहत किसी त्रिविमीय (3D) वस्तु को डिज़ाइन किया जाता है और उसे बनाने के लिये रंग या आकार के आधार पर आवश्यक पदार्थों को 3डी प्रिंटर में डाला जाता है, फिर इसे भौतिक या वास्तविक रूप में प्राप्त किया जाता है।
  • इसमें तरल, अर्द्ध-तरल या पाउडर के रूप में पदार्थ को कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन ड्रॉइंग (CAD Drawing) की सहायता से सटीक रूप से स्रावित किया जाता है या एक इलेक्ट्रॉन या लेज़र बीम का उपयोग करके निर्धारित रूप से तराशा जाता है।

3डी प्रिंटिंग के लाभ

  • पारंपरिक विनिर्माण की तुलना में 3डी प्रिंटिंग के अनेक लाभ हैं। इसके द्वारा जटिल डिज़ाइन आसानी से तैयार किये जा सकते हैं एवं अधिक स्थायित्व के लिये कई हिस्सों को आपस में समामेलित किया जा सकता है। इससे मोल्ड, डाई तथा कल-पुर्जे़ के निर्माण कार्य में अपेक्षित लचीलेपन में वृद्धि होगी।
  • 3डी प्रिंटिंग, लघु विनिर्माण संचालनों की अनुमति देती है। यह प्रौद्योगिकी प्रयोग के अनुकूल एवं सहज रूप से अनुगामी है। इसकी निर्माण प्रक्रिया में पदार्थ से कम अवशिष्ट निकलता है जिससे पदार्थ की लागत व निपटान दोनों में कटौती होगी। इसके अतिरिक्त, यह श्रम लागत में भी कटौती करती है।
  • वस्तुतः ऐसी दुनिया में, जहाँ नए एवं उन्नत उत्पादों का विकास तेज़ी से हो रहा है, वहाँ अप्रचलित या पुरानें उत्पादों के कलपुर्जों का निर्माण उत्पादन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। अतः यह जीवनकाल समाप्त होने के बाद उपकरणों या उसके भागों की मरम्मत करने या उत्पादन की समस्या का समाधान भी करती है।
  • नए पदार्थों के विकास हेतु निरंतर अनुसंधान किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण की दृष्टि से अधिक टिकाऊ सामग्री की खोज की जा सके, जो अधिक समय तक प्रयोज्य तथा हल्की हो।
  • विमान निर्माण के संदर्भ में उच्च ईंधन दक्षता स्तर, अधिक गति तथा अधिक चपलता (Agile) 3डी प्रिंटिंग के महत्त्वपूर्ण लाभ हैं। इन्हीं कारणों से ऑटोमोबाइल और सैन्य युद्ध प्रणालियों में 3डी प्रिंटिंग का अत्यधिक प्रयोग किया जा रहा है।
  • अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिये यह विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि, छोटे संस्करणों के लिये उच्च टूलिंग लागत में कटौती से धन की बचत होती है और प्रक्षेपण यानों (LV) का वज़न कम हो जाने से अंतरिक्ष में अधिक पेलोड ले जाया जा सकता है।
  • यह स्वास्थ्य देखभाल, आर्थोपेडिक अनुप्रयोगों, सर्जिकल प्रत्यारोपण और अनुकूलित प्रोस्थेटिक्स के लिये भी महत्त्वपूर्ण है, जो ऐसी सामग्री का उपयोग करके आवश्यक सरंध्रता की अनुमति देता है और अंगों के साथ तेज़ी से संलयन को सक्षम बनाता है।
  • 3डी प्रिंटिंग सटीकता और नवोन्मेष दोनों मामलों में उत्कृष्ट कार्य करता है। व्यंजन तैयार करने, परिधान डिज़ाइन करने और आभूषण निर्माण के साथ-साथ कार्ड-स्किमिंग को रोकने के लिये ए.टी.एम. के पुर्जों के निर्माण में इसका प्रयोग किया जा रहा है। 

कार्ड-स्किमिंग

कार्ड-स्किमिंग एक गैर-कानूनी कार्य है, जिसके द्वारा एक जालसाज क्रेडिट कार्ड की जानकारी को कार्डधारक से गुप्त तरीके से प्राप्त कर लेता है। इसके लिये पी.ओ.एस. मशीनों या ए.टी.एम. मशीनों में ‘स्किमर’ नामक उपकरण को लगा कर कार्ड का डाटा एकत्र कर लिया जाता है।

  •  बिगरेप (BigRep) ने वर्ष 2019 में पहली 3डी मोटरबाइक का उत्पादन किया तथा एपिस कोर ने 24 घंटे में पूरे घर का 3D-प्रिंट निर्माण कर दिया। रासायनिक कंपनियाँ नए रेजिन, पॉलिमर और धातु पाउडर बनाने में तेज़ी लाकर निर्माण कार्यों में नए युग की शुरुआत कर रही हैं।

3डी प्रिंटिंग का भविष्य

  • चूँकि, सभी उत्पादों का 3डी-मुद्रण नहीं किया जा सकता, अतः निकट भविष्य में 3डी प्रिंटिंग, अर्थव्यवस्था की उत्पादन प्रणाली से प्रतिद्वंद्विता नहीं करेगा। हालाँकि, बढ़ती माल ढुलाई लागत और बढ़े हुए वैश्विक लॉजिस्टिक्स जोखिमों को कम करने में 3डी प्रिंटिंग महत्त्वपूर्ण है।
  • मांग पूर्वानुमान का उद्देश्य उन वस्तुओं का उत्पादन करना है, जिनका निर्धारित समय में उपयोग किया जाना हो। इस संबंध में, 3डी प्रिंटिंग द्वारा उत्पादन कार्य में प्रदान किया जाने वाला लचीलापन अतुलनीय है। अतिरिक्त उत्पादन को नियंत्रित करने से स्टोरेज, वेयरहाउसिंग और रखरखाव की लागत कम हो जाती है। नियत समय पर मांग-आधारित विनिर्माण, भंडार-प्रवाह को भी नियंत्रित करता है।
  • जैसे-जैसे विभिन्न घटक एकीकृत होते जाते हैं, विनिर्माण प्रक्रियाएँ स्वचालित रूप से सरल हो जाती हैं। इससे निर्माण अवधि कम हो जाती है तथा अग्रिम संचालन अवधि के साथ-साथ सामयिक बाज़ार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।
  • चूँकि, इसमें डिज़ाइन और ड्रॉइंग को व्यापक रूप से साझा करने की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिये बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
  • एक 3डी प्रिंटर की प्रारंभिक क्रय लागत तथा उपकरण संचालन संबंधी आवश्यक कौशल की कमी शुरुआती बाधाएँ हो सकती हैं, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है।
  • फॉर्च्यून बिजनेस इनसाइट्स के अनुसार, वर्ष 2021 में 3डी प्रिंटिंग का वैश्विक बाज़ार $15.3 बिलियन (₹13 लाख करोड़) होने तथा वर्ष 2028 तक $68.7 बिलियन होने की संभावना है। महामारी से प्रेरित अनिवार्यताओं (जैसे- सामाजिक दूरी का पालन) के कारण इसमें और भी वृद्धि हो सकती है। 
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