
- भारत 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में 8वीं अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सभा की मेजबानी कर रहा है।
- इस सम्मेलन में 124 देशों के प्रतिनिधि और 40 से अधिक ऊर्जा एवं जलवायु मंत्री भाग ले रहे हैं।
- मुख्य उद्देश्य — वैश्विक सौर सहयोग को प्रोत्साहन, सस्ती सौर ऊर्जा की पहुँच बढ़ाना, और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन (Clean Energy Transition) को तेज़ करना।
- भारत के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में यह सभा आयोजित हो रही है।
“भारत स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी बन चुका है और दुनिया को कार्बन-तटस्थ भविष्य की दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्य तथ्य (Highlights)
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विषय
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विवरण
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कार्यक्रम का नाम
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8वीं अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सभा (8th ISA Assembly)
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आयोजक संस्था
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International Solar Alliance (ISA)
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मेज़बान देश
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भारत ????????
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स्थान
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भारत मंडपम, नई दिल्ली
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तिथियाँ
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27–30 अक्टूबर 2025
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प्रतिभागी देश
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124 सदस्य एवं हस्ताक्षरकर्ता देश
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मंत्रिस्तरीय भागीदारी
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40+ ऊर्जा और जलवायु मंत्री
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थीम / फोकस क्षेत्र
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सौर ऊर्जा अपनाने, नीति सहयोग, तकनीकी हस्तांतरण, और सौर वित्त पर वैश्विक सहयोग
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सम्मेलन के उद्देश्य (Objectives of the 8th ISA Assembly)
- सौर ऊर्जा का वैश्विक प्रसार – सदस्य देशों में नीति-सामंजस्य के माध्यम से सस्ती, टिकाऊ सौर समाधान को बढ़ावा देना।
- सौर वित्त (Solar Financing) – विकासशील देशों के लिए निवेश के नए वित्तीय मॉडल विकसित करना।
- तकनीकी सहयोग (Technology Transfer) – नवीनतम सौर तकनीकों का साझा उपयोग और क्षमता निर्माण।
- ऊर्जा समानता (Energy Equity) – विकासशील देशों में ऊर्जा पहुँच और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- जलवायु लक्ष्य (Climate Commitment) – “नेट ज़ीरो” भविष्य की दिशा में कार्बन-तटस्थ विकास को बढ़ावा देना।
- विभिन्न क्षेत्रों में सौर अपनाना – कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन व बिजली क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का समावेश।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के बारे में
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बिंदु
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विवरण
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स्थापना
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वर्ष -2015
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स्थापना का स्थान
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COP-21, पेरिस (फ्रांस)
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संस्थापक देश
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भारत और फ्रांस
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मुख्यालय
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गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
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सदस्यता
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124 देश (107 पूर्ण सदस्य + शेष हस्ताक्षरकर्ता)
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प्रकृति
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अंतर-सरकारी संगठन (Intergovernmental Treaty-Based Organization)
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मुख्य उद्देश्य
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सस्ती, सुलभ और सतत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
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ISA के मुख्य लक्ष्य
- सौर ऊर्जा को “ऊर्जा पहुँच” का प्रमुख माध्यम बनाना।
- सौर वित्तपोषण और तकनीकी सहयोग को बढ़ाना।
- विकासशील देशों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना।
- “One Sun, One World, One Grid (OSOWOG)” को साकार करना।
भारत की भूमिका और नेतृत्व (India’s Leadership in Solar Energy)
- भारत ISA का संस्थापक, मेज़बान और अग्रणी देश है।
- भारत सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ
- भारत की 50% विद्युत क्षमता अब गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त (लक्ष्य से 5 वर्ष पहले)।
- विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश।
- नवीकरणीय ऊर्जा निवेश में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार।
- प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अब तक 20 लाख से अधिक घरों में सौर पैनल स्थापित।
भारत की प्रमुख वैश्विक पहलें
- One Sun, One World, One Grid (OSOWOG) — वैश्विक सौर ग्रिड की अवधारणा ताकि एक देश की सौर ऊर्जा दूसरे देश तक पहुँच सके।
- Coal to Clean Initiative — कोयले से हटकर स्वच्छ ऊर्जा की ओर भारत का संक्रमण।
- ISA का विस्तार — 100+ देशों के साथ सौर परियोजनाओं में सहयोग और निवेश प्रोत्साहन।
भारत सरकार की प्रमुख सौर योजनाएँ
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योजना
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उद्देश्य
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प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
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घरेलू छतों पर सौर पैनल लगाकर परिवारों को सस्ती/मुफ्त बिजली देना।
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प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
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किसानों को सौर पंप व सौर ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा देना।
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Grid Connected Rooftop Solar Programme
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घरेलू, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपयोग हेतु छतों पर सौर पैनल के लिए सब्सिडी।
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Scheme for Development of Solar Parks
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बड़े पैमाने पर सौर पार्कों की स्थापना कर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन देना।
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8वीं ISA सभा के संभावित लाभ (Expected Outcomes)
- वैश्विक नीति सहयोग में वृद्धि – सौर परियोजनाओं के लिए नीति, वित्त और तकनीकी तालमेल।
- निवेश प्रोत्साहन – विकासशील देशों में सौर ऊर्जा ढांचे के लिए निवेश प्रवाह में वृद्धि।
- तकनीकी साझेदारी – सौर भंडारण और फोटोवोल्टिक तकनीकों का प्रसार।
- कृषि क्षेत्र में सौर उपयोग – सौर सिंचाई पंप, कोल्ड स्टोरेज और ग्रामीण विद्युतीकरण पर फोकस।
- कार्बन उत्सर्जन में कमी – नेट ज़ीरो लक्ष्यों की दिशा में ठोस प्रगति।
महत्त्व (Significance for India and the World)
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भारत के लिए
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वैश्विक दृष्टि से
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भारत की जलवायु नेतृत्व क्षमता को सुदृढ़ करता है।
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सौर ऊर्जा के लिए सामूहिक वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देता है।
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“वसुधैव कुटुम्बकम” आधारित ऊर्जा साझेदारी का प्रतीक।
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विकासशील देशों के लिए सौर वित्तपोषण मंच प्रदान करता है।
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भारत को “Renewable Energy Hub” के रूप में स्थापित करता है।
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सौर ऊर्जा के माध्यम से वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
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संभावित एजेंडा विषय (Possible Agenda Topics)
- सौर ऊर्जा भंडारण तकनीक (Solar Storage)
- सौर कृषि एवं ग्रामीण विद्युतीकरण
- सौर परिवहन और ई-मोबिलिटी
- सौर वित्तपोषण और निवेश मॉडल
- जलवायु वित्त और अनुकूलन रणनीतियाँ