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आदि कर्मयोगी पहल

(प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी योजनाएँ एवं कार्यक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: शासन, भारतीय समाज एवं जनजातीय कल्याण से संबंधित विषय)

संदर्भ

भारत की जनजातीय आबादी लंबे समय से पिछड़ेपन, योजनाओं के अपर्याप्त क्रियान्वयन और प्रशासनिक उदासीनता की समस्या से जूझ रही है। इसी संदर्भ में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने ‘आदि कर्मयोगी’ पहल की शुरुआत की है।

आदि कर्मयोगी पहल के बारे में

  • यह पहल धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के अंतर्गत शुरू की गई योजना है।
  • उद्देश्य : 20 लाख ‘परिवर्तनकारी नेता’ (Change Leaders) तैयार करना है जो जनजातीय गांवों में योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुँचाने और विकास की दिशा में नेतृत्व करेंगे।
  • इस पहल में प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल है जिसमें राज्य से लेकर ग्राम स्तर तक अधिकारियों, स्वयंसेवकों एवं सामुदायिक नेताओं को जोड़ा जा रहा है।

आदि कर्मयोगी पहल के प्रमुख लक्ष्य

  • जनजातीय समाज में समस्या समाधान की क्षमता बढ़ाना
  • योजनाओं को लोगों की भागीदारी के साथ अंतिम छोर तक पहुँचाना
  • गाँव-2030 विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना और उसे सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना
  • कल्याणकारी योजनाओं की 100% पहुँच सुनिश्चित करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में आदि सेवा केंद्रों की स्थापना 
  • सामुदायिक नेताओं को प्रेरित कर अवसरों का सृजन और चुनौतियों को अवसर में बदलने की सोच विकसित करना

आदि कर्मयोगी पहल की प्रमुख विशेषताएँ

  • बहु-स्तरीय प्रशिक्षण प्रणाली : 240 राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर, 2,750 जिला स्तरीय ट्रेनर और 15,000 से अधिक ब्लॉक स्तरीय ट्रेनर
  • प्रशिक्षण गतिविधियाँ :
    • मोमबत्ती जलाना : अंधकार को कोसने की बजाय प्रकाश फैलाना
    • फिश बाउल एक्सरसाइज : आपसी समझ और सहयोग बढ़ाना
    • गाँव परिदृश्य गतिविधि : समस्या समाधान आधारित अभ्यास
    • नॉट-टाईंग एवं ह्यूमन नॉट एक्सरसाइज : ‘समाधान व्यक्ति के भीतर है’ का संदेश देना।
  • सुरक्षित सामुदायिक स्थल (‘मुट्ट्रम’ जैसे स्थान) : जहाँ लोग मिलकर विचार साझा करें, भावनाएँ व्यक्त करें और परंपरागत सोच को चुनौती दें।
  • गाँव-2030 ब्लूप्रिंट : हर गाँव अपनी आकांक्षाएँ और विकास योजना तय करेगा।

आदि कर्मयोगी पहल के लाभ 

  • जनजातीय युवाओं और स्वयंसेवकों में नेतृत्व क्षमता विकसित होगी।
  • योजनाओं की स्थानीय स्वामित्व (Ownership) बढ़ेगी।
  • समुदाय की समस्याओं का समाधान अंदर से निकलकर आएगा।
  • महिलाओं, युवाओं एवं वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित होगी।
  • जनजातीय क्षेत्रों में विकास का सतत एवं समावेशी मॉडल तैयार होगा।

आदि कर्मयोगी पहल के समक्ष चुनौतियाँ

  • दूरदराज़ के इलाकों में प्रशिक्षण का प्रभावी क्रियान्वयन
  • योजनाओं की निरंतरता और रख-रखाव की समस्या
  • प्रशिक्षित नेताओं को स्थानीय स्तर पर प्रेरित और सक्रिय बनाए रखना
  • विभिन्न राज्यों एवं जिलों में समन्वय की कमी
  • कुछ क्षेत्रों में सांस्कृतिक एवं सामाजिक अवरोध

आगे की राह

  • स्थानीय प्रशासन और समुदाय के बीच साझेदारी को मजबूत करना
  • प्रशिक्षण प्रणाली की निरंतर निगरानी और मूल्यांकन
  • जनजातीय युवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना
  • क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों और सिविल सोसाइटी संगठनों की भागीदारी बढ़ाना
  • ‘गाँव विजन 2030’ को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों (SDGs) से जोड़ना
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