(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार) |
संदर्भ
31 अक्तूबर, 2025 को दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू (Gyeongju) शहर में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन 2025 का आयोजन हुआ। यह सम्मेलन विशेष रूप से अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक समझौते के कारण सुर्खियों में रहा।
क्या है एपेक (APEC)
- परिचय : APEC (Asia-Pacific Economic Cooperation) एक क्षेत्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त एवं स्वतंत्र व्यापार तथा आर्थिक एकीकरण को प्रोत्साहित करता है।
- स्थापना : वर्ष 1989 में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री बॉब हॉक के सुझाव पर स्थापित।
- पहली बैठक : कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) में
- मुख्यालय : सिंगापुर
- प्रकृति : गैर-बाध्यकारी, सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण पर कार्यरत
- सदस्य देश (कुल 21) : ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, चीन, हांगकांग (चीन), इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, चाइनीज ताइपे (ताइवान), थाईलैंड, अमेरिका, वियतनाम
- अधिस्थगन नीति : वर्ष 1997 से APEC ने नई सदस्यता पर अधिस्थगन लागू रखा है।
- महत्व : APEC क्षेत्र में विश्व जी.डी.पी. का लगभग 60%, व्यापार का आधा और जनसंख्या का 40% हिस्सा (2.9 अरब लोग)

एपेक सम्मलेन 2025 के बारे में
- स्थान : ग्योंगजू, दक्षिण कोरिया; पहली बार इस ऐतिहासिक शहर ने APEC सम्मेलन की मेज़बानी की।
- थीम : ‘Building a Sustainable Tomorrow: Connect, Innovate, Prosper’ अर्थात ‘टिकाऊ भविष्य का निर्माण: जुड़ाव, नवाचार, समृद्धि’
- मुख्य फोकस : कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जनसंख्या असंतुलन एवं हरित प्रौद्योगिकी सहयोग
उद्देश्य
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
- AI और जनसंख्या असंतुलन पर क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना
- आर्थिक एकीकरण और नवाचार आधारित विकास को गति देना
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला की स्थिरता सुनिश्चित करना
मुख्य परिणाम
- अमेरिका-चीन व्यापार समझौता (US-China Trade Truce) के तहत दोनों देशों ने टैरिफ कम करने और सोयाबीन व रेयर अर्थ व्यापार को पुनः प्रारंभ करने पर सहमति जताई।
- APEC नेताओं ने ‘सभी के लिए लाभदायक व्यापार’ के सिद्धांत पर सहमति दी है।
- AI सहयोग और हरित ऊर्जा पर संयुक्त कार्य योजना की घोषणा।
- वैश्विक आपूर्ति शृंखला स्थिरता पर विशेष बल।
महत्व
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता का संकेत
- APEC को बहुपक्षीय सहयोग का नया आयाम मिला
- AI एवं हरित प्रौद्योगिकी सहयोग से क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन
भारत का दृष्टिकोण
- भारत APEC का सदस्य नहीं है, परंतु इसके निर्णय हिंद-प्रशांत रणनीति और मुक्त व्यापार नीति पर प्रभाव डालते हैं।
- भारत के लिए यह मंच प्रौद्योगिकी, निवेश व आपूर्ति शृंखला सहयोग के संदर्भ में अवसर प्रदान करता है।
चुनौतियाँ
- अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा APEC की एकता के लिए चुनौती
- संरक्षणवाद (Protectionism) और AI आधारित रोजगार संकट
- सदस्य देशों के बीच नीति संबंधी मतभेद
आगे की राह
- डिजिटल व्यापार, नवाचार एवं हरित विकास पर केंद्रित सहयोग
- AI नीति ढांचा और मानव संसाधन विकास को प्राथमिकता
- हिंद-प्रशांत देशों के साथ साझेदारी को मजबूत करना
- बहुपक्षीय संवाद और समावेशी नीति निर्माण पर बल
निष्कर्ष
APEC शिखर सम्मेलन 2025 ने स्पष्ट किया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का भविष्य सहयोग, नवाचार एवं सतत विकास पर निर्भर करेगा। अमेरिका-चीन समझौते ने जहाँ अल्पकालिक राहत दी है, वहीं दीर्घकालिक स्थिरता के लिए संतुलित नेतृत्व व बहुपक्षीय साझेदारी अनिवार्य है।